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हरियाणा के अयांश को मिला लोगों का साथ, बिहार के अयांश को भी 'फरिश्ते' का इंतजार

स्पाइनल मस्कुलर अट्रॉफी टाइप वन की दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे हरियाणा के आयांश को लोगों का साथ मिल गया. लेकिन इसी बीमारी से ग्रसित बिहार के बच्चे आयांश सिंह (11 माह) को अब भी लोगों के मदद की सख्त दरकार है. मां नेहा सिंह का कहना है कि वे बड़े सेलिब्रिटी के चौखट पर जाकर मदद मांगेंगी.

अयांश
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Published : Oct 17, 2021, 1:28 PM IST

पटना: हरियाणा के अयांश को तो मदद मिल गई. लेकिन अब तक बिहार के अयांश को मदद नहीं मिल सकी है. राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 11 महीने के बेटे को एक दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) एसएमए (SMA) है. जिसका नाम है स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy). इसके इलाज के लिए जो इंजेक्शन (Injection worth Rupees 16 Crores) चाहिए होती है. उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. अयांश की मदद के लिए सैकड़ों हाथ उठे हैं, लेकिन अब भी उसे मदद की दरकार है.

यह भी पढ़ें- अयांश को बचाना है: दुर्लभ बीमारी का दर्द झेल रहा मासूम, 16 करोड़ के एक इंजेक्शन से बचेगी जान

बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन एक दुर्लभ बीमारी है. जिसमें इलाज काफी खर्चीला है. इसके इलाज के लिए जोल्जेनस्मा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो नोवर्टिस कंपनी बनाती है. इस इंजेक्शन की कीमत इतनी है कि किसी एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इस इंजेक्शन को अफॉर्ड कर पाना नामुमकिन है. ऐसे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए क्राउडफंडिंग का सहारा लिया जाता है.

भारत में हाल के दिनों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन के चार से पांच मामले सामने आए हैं. टेलीविजन शो केबीसी में कुछ दिनों पूर्व फराह खान हरियाणा के गुड़गांव के रहने वाले 16 माह के आयांश मदान के लिए क्राउडफंडिंग की अपील करने पहुंची थी. इसका असर यह हुआ कि उनकी अपील के 1 महीने के अंदर ही आयांश मदान के लिए 16 करोड़ रुपये इकट्ठा हो गए. इंजेक्शन भी बुक कर दिया गया. जल्द ही उस बच्चे को इंजेक्शन का डोज पड़ जाएगा.

देखें वीडियो

हरियाणा के आयांश मदान का मामला मीडिया में आने से पूर्व बिहार के 11 माह के अयांश सिंह का मामला सामने आया. जब यह मामला बिहार में सामने आया तो यह बिहार का पहला मामला था. लोगों को इसके बारे में पता चला तो बिहार में क्राउडफंडिंग शुरू हुई. लेकिन यह फंडिंग 1 महीने में ही धीमी पड़ गयी.

शुरुआती दिनों में आयांश से मिलने बिहार के कई राजनेता और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार उनके घर पहुंचे. लेकिन कुछ खास मदद नहीं हो पायी. गिने-चुने कलाकारों ने 25000 से 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी. बाकी किसी ने 1000 तो किसी ने 2000 रुपए दिए और मदद का आश्वासन देकर निकल गए. बाद में किसी ने कोई सुध नहीं ली.

'हरियाणा के अयांश मदान और मेरे बेटे आयांश सिंह के लिए लगभग एक ही समय पर क्राउडफंडिंग शुरू हुई. जब अयांश मदान के लिए क्राउडफंडिंग से तीन करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे, उस समय अयांश सिंह के लिए 7 करोड़ रुपए क्राउडफंडिंग से इकट्ठा हो गए थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि फराह खान के केबीसी में एक अपील के बाद अयांश मदान के लिए इंजेक्शन की पूरी कीमत यानी 16 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए. इंजेक्शन भी बुक कर लिया गया है. अयांश सिंह के लिए क्राउडफंडिंग अब तक 7 करोड़ 23 लाख रुपए ही हो पाई है.' -नेहा सिंह, अयांश सिंह की मां

उन्होंने बताया कि आयांश मदान के लिए मिलाप संस्था ने क्राउडफंडिंग की थी. उन्होंने अपने बच्चे के लिए इंपैक्ट गुरु संस्था से मदद मांगी है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है. क्राउडफंडिंग का जो रिस्पांस है, उससे अब उन्हें इस बात का डर लग रहा है कि क्या वे अपने बच्चे को बचा भी पाएंगी या नहीं.

नेहा सिंह बताती है कि बच्चे का गर्दन का कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो गया है. इसके अलावा कमर के नीचे का कंट्रोल पूरी तरह खत्म है और रीढ़ की हड्डी का भी कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो चुका है. बच्चे का खुद से खाना और पानी घोंट पाने की क्षमता खत्म हो गई है. इस वजह से मुंह में फूड पाइप लगाया गया है. जो अंदर पेट में नाभि तक गया हुआ है और उसी के माध्यम से लिक्विड भोजन उसे दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि बच्चे की स्थिति और ज्यादा ना बिगड़े और अभी जो स्थिति है, इसी स्थिति में कुछ दिनों के लिए कंट्रोल में रहे. इसके लिए उन्होंने बेंगलुरु जाकर रिस्डीपाम दवा की दो फाइल खरीद कर लाई है. एक फाइल 75ml का है जो लगभग 35 दिन चलेगा और इस एक फाइल की कीमत 6,20,875 रुपए है. उन्होंने बताया कि दवा की दो फाइल को खरीदने में 12.5 लाख रुपए खर्च किए हैं.

नेहा सिंह ने बताया कि डॉक्टर ने कहा है कि यह दवा कुछ दिनों के लिए ही काम करेगा. इस दौरान उनके बच्चे का फिजिकल स्टेटस कुछ दिनों के लिए स्टे रहेगा. यानी कि मांसपेशियों की क्षमता और कमजोर नहीं होगी. इस दौरान उन्हें आयांश सिंह के लिए जोल्जेनस्मा इंजेक्शन का इंतजाम कर लेना होगा. नेहा सिंह ने बताया कि वे अपने बच्चे को लेकर मुंबई जाएंगी. जितने भी मदद करने वाले बड़े नाम वाले सेलिब्रिटी हैं, जैसे सोनू सूद, फराह खान, शाहरुख खान, सलमान खान इत्यादि कलाकारों के चौखट पर जाएंगी. उनसे अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगाएंगी. नेहा सिंह ने बिहार के लोगों के साथ-साथ देशवासियों से भी अपील की है कि उनके बच्चे को बचाने के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार जो भी बन पाए मदद करें.

यह भी पढ़ें- अयांश की मदद के लिए बगहा के युवाओं ने जुटाए 52000 रु, 16 करोड़ के इंजेक्शन से ही बचेगी जान

पटना: हरियाणा के अयांश को तो मदद मिल गई. लेकिन अब तक बिहार के अयांश को मदद नहीं मिल सकी है. राजधानी पटना के रूपसपुर (Rupaspur) इलाके में रहने वाले आलोक सिंह और नेहा सिंह के 11 महीने के बेटे को एक दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) एसएमए (SMA) है. जिसका नाम है स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (Spinal Muscular Atrophy). इसके इलाज के लिए जो इंजेक्शन (Injection worth Rupees 16 Crores) चाहिए होती है. उसकी कीमत 16 करोड़ रुपये है. अयांश की मदद के लिए सैकड़ों हाथ उठे हैं, लेकिन अब भी उसे मदद की दरकार है.

यह भी पढ़ें- अयांश को बचाना है: दुर्लभ बीमारी का दर्द झेल रहा मासूम, 16 करोड़ के एक इंजेक्शन से बचेगी जान

बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन एक दुर्लभ बीमारी है. जिसमें इलाज काफी खर्चीला है. इसके इलाज के लिए जोल्जेनस्मा इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है, जो नोवर्टिस कंपनी बनाती है. इस इंजेक्शन की कीमत इतनी है कि किसी एक मध्यमवर्गीय परिवार के लिए इस इंजेक्शन को अफॉर्ड कर पाना नामुमकिन है. ऐसे में इस बीमारी से ग्रसित बच्चों को इंजेक्शन उपलब्ध कराने के लिए क्राउडफंडिंग का सहारा लिया जाता है.

भारत में हाल के दिनों में स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी टाइप वन के चार से पांच मामले सामने आए हैं. टेलीविजन शो केबीसी में कुछ दिनों पूर्व फराह खान हरियाणा के गुड़गांव के रहने वाले 16 माह के आयांश मदान के लिए क्राउडफंडिंग की अपील करने पहुंची थी. इसका असर यह हुआ कि उनकी अपील के 1 महीने के अंदर ही आयांश मदान के लिए 16 करोड़ रुपये इकट्ठा हो गए. इंजेक्शन भी बुक कर दिया गया. जल्द ही उस बच्चे को इंजेक्शन का डोज पड़ जाएगा.

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हरियाणा के आयांश मदान का मामला मीडिया में आने से पूर्व बिहार के 11 माह के अयांश सिंह का मामला सामने आया. जब यह मामला बिहार में सामने आया तो यह बिहार का पहला मामला था. लोगों को इसके बारे में पता चला तो बिहार में क्राउडफंडिंग शुरू हुई. लेकिन यह फंडिंग 1 महीने में ही धीमी पड़ गयी.

शुरुआती दिनों में आयांश से मिलने बिहार के कई राजनेता और भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार उनके घर पहुंचे. लेकिन कुछ खास मदद नहीं हो पायी. गिने-चुने कलाकारों ने 25000 से 50,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी. बाकी किसी ने 1000 तो किसी ने 2000 रुपए दिए और मदद का आश्वासन देकर निकल गए. बाद में किसी ने कोई सुध नहीं ली.

'हरियाणा के अयांश मदान और मेरे बेटे आयांश सिंह के लिए लगभग एक ही समय पर क्राउडफंडिंग शुरू हुई. जब अयांश मदान के लिए क्राउडफंडिंग से तीन करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे, उस समय अयांश सिंह के लिए 7 करोड़ रुपए क्राउडफंडिंग से इकट्ठा हो गए थे. लेकिन आज स्थिति यह है कि फराह खान के केबीसी में एक अपील के बाद अयांश मदान के लिए इंजेक्शन की पूरी कीमत यानी 16 करोड़ रुपए इकट्ठा हो गए. इंजेक्शन भी बुक कर लिया गया है. अयांश सिंह के लिए क्राउडफंडिंग अब तक 7 करोड़ 23 लाख रुपए ही हो पाई है.' -नेहा सिंह, अयांश सिंह की मां

उन्होंने बताया कि आयांश मदान के लिए मिलाप संस्था ने क्राउडफंडिंग की थी. उन्होंने अपने बच्चे के लिए इंपैक्ट गुरु संस्था से मदद मांगी है. उन्होंने बताया कि उनके बेटे की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है. क्राउडफंडिंग का जो रिस्पांस है, उससे अब उन्हें इस बात का डर लग रहा है कि क्या वे अपने बच्चे को बचा भी पाएंगी या नहीं.

नेहा सिंह बताती है कि बच्चे का गर्दन का कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो गया है. इसके अलावा कमर के नीचे का कंट्रोल पूरी तरह खत्म है और रीढ़ की हड्डी का भी कंट्रोल पूरी तरह खत्म हो चुका है. बच्चे का खुद से खाना और पानी घोंट पाने की क्षमता खत्म हो गई है. इस वजह से मुंह में फूड पाइप लगाया गया है. जो अंदर पेट में नाभि तक गया हुआ है और उसी के माध्यम से लिक्विड भोजन उसे दिया जाता है.

उन्होंने बताया कि बच्चे की स्थिति और ज्यादा ना बिगड़े और अभी जो स्थिति है, इसी स्थिति में कुछ दिनों के लिए कंट्रोल में रहे. इसके लिए उन्होंने बेंगलुरु जाकर रिस्डीपाम दवा की दो फाइल खरीद कर लाई है. एक फाइल 75ml का है जो लगभग 35 दिन चलेगा और इस एक फाइल की कीमत 6,20,875 रुपए है. उन्होंने बताया कि दवा की दो फाइल को खरीदने में 12.5 लाख रुपए खर्च किए हैं.

नेहा सिंह ने बताया कि डॉक्टर ने कहा है कि यह दवा कुछ दिनों के लिए ही काम करेगा. इस दौरान उनके बच्चे का फिजिकल स्टेटस कुछ दिनों के लिए स्टे रहेगा. यानी कि मांसपेशियों की क्षमता और कमजोर नहीं होगी. इस दौरान उन्हें आयांश सिंह के लिए जोल्जेनस्मा इंजेक्शन का इंतजाम कर लेना होगा. नेहा सिंह ने बताया कि वे अपने बच्चे को लेकर मुंबई जाएंगी. जितने भी मदद करने वाले बड़े नाम वाले सेलिब्रिटी हैं, जैसे सोनू सूद, फराह खान, शाहरुख खान, सलमान खान इत्यादि कलाकारों के चौखट पर जाएंगी. उनसे अपने बच्चे को बचाने की गुहार लगाएंगी. नेहा सिंह ने बिहार के लोगों के साथ-साथ देशवासियों से भी अपील की है कि उनके बच्चे को बचाने के लिए अपने सामर्थ्य के अनुसार जो भी बन पाए मदद करें.

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