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पटना: सड़कों पर सन्नाटा, ऑटो और रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही सवारी - corona infection

बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से पांव-पसार रहा है. राजधानी पटना समेत पूरे सूबे में आए दिन हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. ऐसे में सरकार ने कई दिशा-निर्देश दिये हैं.

राजधानी पटना में ऑटो चालकों और रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही सवारी
राजधानी पटना में ऑटो चालकों और रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही सवारी
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Published : May 3, 2021, 7:40 AM IST

पटना: कोरोना संक्रमण के चलते अभी से ही राजधानी पटना की सड़कों पर लॉकडाउन जैसा माहौल देखने को मिल रहा है. गर्मी के दिनों में तापमान इतना अधिक रहता है कि दोपहर में लोग सड़कों पर नहीं निकलते. ऐसे में राजधानी पटना में ऑटो और रिक्शा चलाने वाले बेहाल हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमण को देखते हुए 15 मई तक नालंदा सिविल कोर्ट बंद

पटना के विभिन्न चौक-चौराहों जैसे- स्टेशन गोलंबर, गांधी बस स्टैंड सहित विभिन्न जगहों पर जाकर हमारे संवाददाता ने ऑटो और रिक्शा चलाने वालों से बात की. उन्होंने बताया कि इन दिनों हाल बेहाल है. ऑटो चालक कई घंटे तक खड़े रहते हैं लेकिन यात्री नहीं मिलते. ऑटो यात्री भरना तो दूर की बात है, कई घंटों के इंतजार के बाद इक्का-दुक्का यात्री ही आते हैं.

राजधानी पटना में ऑटो चालकों और रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही सवारी
सवारी का इंतजार करते ऑटो चालक

अभी से ही लॉकडाउन जैसा माहौल
स्टेशन गोलंबर पर ऑटो चालक ने बताया कि अभी से ही लॉकडाउन जैसा माहौल दिख रहा है. यात्री ना के बराबर आ रहे हैं. पहले प्रतिदिन 300, 400 से 500 रुपए के बीच कमाई हो जाती थी, लेकिन अभी 150 से 200 रुपये पर भी आफत है.

कभी-कभी तो 100 रूपए भी नहीं बच पाते, क्योंकि पेट्रोल महंगा है. यात्रियों की खोज में खाली ऑटो लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अगर इसी तरीके से चलता रहा, तो आने वाले समय में स्थिति और बदतर हो जाएगी. खाने के भी लाले पड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- नालंदा: गौरी शंकर जयप्रकाश दवाखाना सील, प्राइस रेट से अधिक कीमत पर दवा बेचने का आरोप

सवारी नहीं मिलने से कमाई में कमी
ई रिक्शा चालकों ने बताया कि उनका भी इन दिनों हाल बेहाल है. खाली रिक्शा लेकर यात्री की तलाश में भटकते रहते हैं. सुबह से शाम हो जाती है. बहुत मुश्किल से एक दो यात्री मिलते हैं. अभी से ही ऐसा लगता है कि लॉकडाउन लगा है. आने वाले समय में क्या होगा, पता नहीं.

पटना: कोरोना संक्रमण के चलते अभी से ही राजधानी पटना की सड़कों पर लॉकडाउन जैसा माहौल देखने को मिल रहा है. गर्मी के दिनों में तापमान इतना अधिक रहता है कि दोपहर में लोग सड़कों पर नहीं निकलते. ऐसे में राजधानी पटना में ऑटो और रिक्शा चलाने वाले बेहाल हैं.

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पटना के विभिन्न चौक-चौराहों जैसे- स्टेशन गोलंबर, गांधी बस स्टैंड सहित विभिन्न जगहों पर जाकर हमारे संवाददाता ने ऑटो और रिक्शा चलाने वालों से बात की. उन्होंने बताया कि इन दिनों हाल बेहाल है. ऑटो चालक कई घंटे तक खड़े रहते हैं लेकिन यात्री नहीं मिलते. ऑटो यात्री भरना तो दूर की बात है, कई घंटों के इंतजार के बाद इक्का-दुक्का यात्री ही आते हैं.

राजधानी पटना में ऑटो चालकों और रिक्शा चालकों को नहीं मिल रही सवारी
सवारी का इंतजार करते ऑटो चालक

अभी से ही लॉकडाउन जैसा माहौल
स्टेशन गोलंबर पर ऑटो चालक ने बताया कि अभी से ही लॉकडाउन जैसा माहौल दिख रहा है. यात्री ना के बराबर आ रहे हैं. पहले प्रतिदिन 300, 400 से 500 रुपए के बीच कमाई हो जाती थी, लेकिन अभी 150 से 200 रुपये पर भी आफत है.

कभी-कभी तो 100 रूपए भी नहीं बच पाते, क्योंकि पेट्रोल महंगा है. यात्रियों की खोज में खाली ऑटो लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अगर इसी तरीके से चलता रहा, तो आने वाले समय में स्थिति और बदतर हो जाएगी. खाने के भी लाले पड़ेंगे.

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सवारी नहीं मिलने से कमाई में कमी
ई रिक्शा चालकों ने बताया कि उनका भी इन दिनों हाल बेहाल है. खाली रिक्शा लेकर यात्री की तलाश में भटकते रहते हैं. सुबह से शाम हो जाती है. बहुत मुश्किल से एक दो यात्री मिलते हैं. अभी से ही ऐसा लगता है कि लॉकडाउन लगा है. आने वाले समय में क्या होगा, पता नहीं.

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