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भागलपुर और गोपालगंज ब्लास्ट मामले में एटीएस ने सौंपी रिपोर्ट, आतंकी संगठन से संबंध के सबूत नहीं, पुलिस ने बरती लापरवाही

भागलपुर और गोपालगंज ब्लास्ट के मामले में एटीएस ने पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट (Bhagalpur Gopalganj blast case report) सौंप दी है. हालांकि इस जांच रिपोर्ट में ब्लास्ट के तार आतंकी या नक्सली संगठनों से जुड़े होने की आशंका से इनकार किया गया है. लेकिन रिपोर्ट में स्थानीय पुलिस की लापरवाही पूरी सामने आयी है.

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Published : Mar 14, 2022, 11:48 AM IST

पटना: बिहार के भागलपुर और गोपालगंज (Bhagalpur Gopalganj blast case) जिले में करीब दो हफ्ते पहले हुए धमाकों की जांच रिपोर्ट सामने आ गयी है. एटीएस ने इन दोनों धमाकों की जांच रिपोर्ट बिहार पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में ब्लास्ट के तार आतंकी या नक्सली संगठनों से जुड़े होने की आशंका से इनकार किया गया है लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों धमाकों में पुलिस की लापरवाही (Police negligence in blasts Case) देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय थाना स्तर पर इस मामले में भारी लापरवाही बरती गयी जिससे इतने दिनों तक इलाके में बम बनाने का काम चलता रहा.

स्थानीय स्तर पर जुटाये गये विस्फोटक: एटीएस अपनी रिपोर्ट (ATS submitted Bhagalpur Gopalganj blast case report) में बारूद पश्चिम बंगाल या अन्य किसी राज्यों से मंगवाने की बात से साफ नकार दिया गया है. एटीएस ने अपनी इस जांच रिपोर्ट में स्थानीय स्तर पर इतनी भारी मात्रा में बारूद काे संग्रहण करके रखने और बिना लाइसेंस के पटाखों का निर्माण करने को लेकर संबंधित स्थानीय थाना और प्रशासन को दोषी ठहराया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि भागलपुर और गोपालगंज ब्लास्ट में काफी सामानता है. दोनों मामलों में स्थानीय स्तर पर ही बारूद से संबंधित सामान्य सामग्री को जुटाकर बड़ी संख्या में रखा गया था. इसमें किसी उच्च क्षमता के विस्फोटक के अंश नहीं मिले हैं. सिर्फ सोडियम नाइट्रेट और सल्फर समेत ऐसे ही कुछ अन्य तत्व मुख्य रूप से मिले हैं.

ये भी पढ़ें: बिहार को IED धमाकों से दहलाने की चल रही साजिश, IB ने सभी IG और जिलों के SP को भेजा अलर्ट

रखरखाव में लापरवाही से हुआ धमाका: फिलहाल पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी इस रिपोर्ट की गहन समीक्षा कर रहे हैं. इसके बाद इससे संबंधित पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए आगे की कार्रवाई की जायेगी. गोपालगंज वाले मामले में बड़े डब्बे में मिश्रण को रख कर इसे एक युवक सीढ़ी चढ़ रहा था. तभी उसके हाथ डब्बा छूट गया और धमका हो गया. जो युवक इस डब्बे लिये हुए था, उसके शरीर के तीन टुकड़े हो गये थे. हाथ डब्बा में ही चिपका हुआ पाया गया था. यह बताया है कि रखरखाव में लापरवाही के कारण ही यह धमाका हुआ था. इन कारणों को ही धमाके की मुख्य वजह बतायी गयी है. सिर्फ सोडियम नाइट्रेट और सल्फर समेत ऐसे ही कुछ अन्य तत्व मुख्य रूप से मिले हैं. इन्हें स्थानीय स्तर पर ही कई बार में खरीदा गया था.

ये भी पढ़ें: Bhagalpur Bomb Blast Case: आजाद की निशानदेही पर भारी मात्रा में बारूद बरामद, पुलिस आरोपियों से पूछताछ में जुटी

एटीएस की रिपोर्ट में इन विस्फोटों के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि स्थानीय स्तर अवैध रूप से पटाखा बनाने के लिए इन सामग्रियों का भंडारण किया गया था. इनके रखरखाव में गड़बड़ी या लापरवाही बरतने के कारण ही इनमें विस्फोट हो गया. एक साथ पूरे मिश्रण में विस्फोट होने से इसका असर इतना व्यापक हुआ. रखरखाव में कई स्तर पर लापरवाही बरतने की वजह से धमाके हुए. इसमें मुख्य है, दोनों मुख्य पदार्थों सोडियम नाइट्रेट और सल्फर को बड़ी संख्या में मिलाकर बंद डब्बे में रख दिया गया था. इससे डब्बे में प्रेशर बढ़ गया और विस्फोट हो गया. भागलपुर वाले मामले में इस मिश्रण को ऐसे स्थान पर रख दिया गया था, जो काफी गर्म था. इससे भी पूरे मिश्रण में एक साथ धमाका हो गया और इतनी बड़ी क्षति हो गयी है.

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पटना: बिहार के भागलपुर और गोपालगंज (Bhagalpur Gopalganj blast case) जिले में करीब दो हफ्ते पहले हुए धमाकों की जांच रिपोर्ट सामने आ गयी है. एटीएस ने इन दोनों धमाकों की जांच रिपोर्ट बिहार पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. इस रिपोर्ट में ब्लास्ट के तार आतंकी या नक्सली संगठनों से जुड़े होने की आशंका से इनकार किया गया है लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि दोनों धमाकों में पुलिस की लापरवाही (Police negligence in blasts Case) देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय थाना स्तर पर इस मामले में भारी लापरवाही बरती गयी जिससे इतने दिनों तक इलाके में बम बनाने का काम चलता रहा.

स्थानीय स्तर पर जुटाये गये विस्फोटक: एटीएस अपनी रिपोर्ट (ATS submitted Bhagalpur Gopalganj blast case report) में बारूद पश्चिम बंगाल या अन्य किसी राज्यों से मंगवाने की बात से साफ नकार दिया गया है. एटीएस ने अपनी इस जांच रिपोर्ट में स्थानीय स्तर पर इतनी भारी मात्रा में बारूद काे संग्रहण करके रखने और बिना लाइसेंस के पटाखों का निर्माण करने को लेकर संबंधित स्थानीय थाना और प्रशासन को दोषी ठहराया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि भागलपुर और गोपालगंज ब्लास्ट में काफी सामानता है. दोनों मामलों में स्थानीय स्तर पर ही बारूद से संबंधित सामान्य सामग्री को जुटाकर बड़ी संख्या में रखा गया था. इसमें किसी उच्च क्षमता के विस्फोटक के अंश नहीं मिले हैं. सिर्फ सोडियम नाइट्रेट और सल्फर समेत ऐसे ही कुछ अन्य तत्व मुख्य रूप से मिले हैं.

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रखरखाव में लापरवाही से हुआ धमाका: फिलहाल पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी इस रिपोर्ट की गहन समीक्षा कर रहे हैं. इसके बाद इससे संबंधित पूरी स्थिति स्पष्ट करते हुए आगे की कार्रवाई की जायेगी. गोपालगंज वाले मामले में बड़े डब्बे में मिश्रण को रख कर इसे एक युवक सीढ़ी चढ़ रहा था. तभी उसके हाथ डब्बा छूट गया और धमका हो गया. जो युवक इस डब्बे लिये हुए था, उसके शरीर के तीन टुकड़े हो गये थे. हाथ डब्बा में ही चिपका हुआ पाया गया था. यह बताया है कि रखरखाव में लापरवाही के कारण ही यह धमाका हुआ था. इन कारणों को ही धमाके की मुख्य वजह बतायी गयी है. सिर्फ सोडियम नाइट्रेट और सल्फर समेत ऐसे ही कुछ अन्य तत्व मुख्य रूप से मिले हैं. इन्हें स्थानीय स्तर पर ही कई बार में खरीदा गया था.

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एटीएस की रिपोर्ट में इन विस्फोटों के कारणों को स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि स्थानीय स्तर अवैध रूप से पटाखा बनाने के लिए इन सामग्रियों का भंडारण किया गया था. इनके रखरखाव में गड़बड़ी या लापरवाही बरतने के कारण ही इनमें विस्फोट हो गया. एक साथ पूरे मिश्रण में विस्फोट होने से इसका असर इतना व्यापक हुआ. रखरखाव में कई स्तर पर लापरवाही बरतने की वजह से धमाके हुए. इसमें मुख्य है, दोनों मुख्य पदार्थों सोडियम नाइट्रेट और सल्फर को बड़ी संख्या में मिलाकर बंद डब्बे में रख दिया गया था. इससे डब्बे में प्रेशर बढ़ गया और विस्फोट हो गया. भागलपुर वाले मामले में इस मिश्रण को ऐसे स्थान पर रख दिया गया था, जो काफी गर्म था. इससे भी पूरे मिश्रण में एक साथ धमाका हो गया और इतनी बड़ी क्षति हो गयी है.

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