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बिहार सरकार ने HC को बताया, अवैध रूप से प्रवेश करने वाली तीनों लड़कियों को वापस भेजा गया बांग्लादेश

भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाली तीनों लड़कियों को बांग्लादेश दूतावास के माध्यम से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है. इसकी जानकारी बुधवार को बिहार सरकार की ओर से पटना हाईकोर्ट को दी गई है.

Patna High Court News
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Published : Aug 18, 2021, 10:02 PM IST

पटना: बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) को बताया है कि भारत में अवैध रूप से आई तीनों लड़कियों को बांग्लादेश दूतावास के माध्यम से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है. मरियम खातून की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

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बांग्लादेश की तीन लड़कियों के अवैध रूप से भारत में प्रवेश किये जाने के बाद उन्हें नारी निकेतन में रखा गया था. इस मामले पर हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई चल रही थी. इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता आशीष गिरि को एमिकस क्यूरी (Amicus curiae) नियुक्त किया था.

कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दे कर यह बताने को कहा है कि हाजीपुर में जो अस्थाई डिटेंशन सेन्टर खोलने की तैयारी है, वो कब से प्रारम्भ होगा और वहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध होंगी. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि स्थायी डिटेंशन सेन्टर कब तक और कहां खुलेगा.

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है कि अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों को हिरासत में रखने की क्या प्रक्रिया है. कोर्ट ने अवैध प्रवासी के बारे में जन जागरूकता चलाने को भी कहा है, जिससे कि स्थानीय प्रशासन को ऐसे मामलों में सहयोग मिल सके.

बांग्लादेश वापस भेजी गई तीनों लड़कियों को डिटेंशन सेंटर के बजाय नारी निकेतन में रखा गया था. इसपर कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को बताने को यह भी कहा था कि इन्हें डिटेंशन सेंटर में क्यों नहीं रखा गया.

ये भी पढ़ें: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने किया 1416 मुकदमों का निपटारा, छुट्टी होने के बावजूद चला विशेष अभियान

कोर्ट ने यह भी जानना चाहा था कि राज्य में डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि जेल में डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जा सकता है. इसे केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार बनाया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

पटना: बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) को बताया है कि भारत में अवैध रूप से आई तीनों लड़कियों को बांग्लादेश दूतावास के माध्यम से बांग्लादेश वापस भेज दिया गया है. मरियम खातून की याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.

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बांग्लादेश की तीन लड़कियों के अवैध रूप से भारत में प्रवेश किये जाने के बाद उन्हें नारी निकेतन में रखा गया था. इस मामले पर हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई चल रही थी. इस मामले में कोर्ट को सहयोग करने के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता आशीष गिरि को एमिकस क्यूरी (Amicus curiae) नियुक्त किया था.

कोर्ट ने राज्य सरकार को हलफनामा दे कर यह बताने को कहा है कि हाजीपुर में जो अस्थाई डिटेंशन सेन्टर खोलने की तैयारी है, वो कब से प्रारम्भ होगा और वहां क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध होंगी. कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि स्थायी डिटेंशन सेन्टर कब तक और कहां खुलेगा.

इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी बताने को कहा है कि अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों को हिरासत में रखने की क्या प्रक्रिया है. कोर्ट ने अवैध प्रवासी के बारे में जन जागरूकता चलाने को भी कहा है, जिससे कि स्थानीय प्रशासन को ऐसे मामलों में सहयोग मिल सके.

बांग्लादेश वापस भेजी गई तीनों लड़कियों को डिटेंशन सेंटर के बजाय नारी निकेतन में रखा गया था. इसपर कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार को बताने को यह भी कहा था कि इन्हें डिटेंशन सेंटर में क्यों नहीं रखा गया.

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कोर्ट ने यह भी जानना चाहा था कि राज्य में डिटेंशन सेंटर क्यों नहीं है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि जेल में डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जा सकता है. इसे केंद्र सरकार के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार बनाया जाना चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

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