सुपौल: 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली (Hunkar Rally) के दौरान हुए बम विस्फोट के 10 में से 9 आरोपियों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. सभी को 1 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी. कोर्ट के इस फैसले के बाद सिमराही बाजार निवासी भरत रजक के परिजनों के बीच काफी खुशी का माहौल है.
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भरत रजक की पत्नी भोलवी देवी, पुत्र शोभानंद रजक, शंकर रजक और श्रवण कुमार ने कहा कि उन लोगों को पहले से ही न्यायालय पर पूरा भरोसा था. कोर्ट के फैसले से वो काफी खुश हैं और न्यायालय के फैसले का पूरा सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि भले ही दोषियों को सजा होने में 8 साल का वक्त लग गया, लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई.
परिवार के सदस्यों ने बताया कि भरत रजक के शहीद होने के बाद पार्टी स्तर से भी उन्हें काफी मदद मिली. उन लोगों को पार्टी स्तर से 10 लाख रुपये का चेक प्रदान दिया गया था. साथ ही दाह संस्कार के लिए भी अलग से 25 हजार रुपये की नकद राशि दी गई थी. घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद फोन पर उन लोगों से बात की थी. जिसके बाद उन्हें पार्टी स्तर से सरकारी नौकरी देने का भी वायदा किया गया था. लेकिन अभी तक सरकारी नौकरी नहीं मिल सकी है.
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बताया जाता है कि शहीद रजक की पत्नी भोलवी देवी लगातार बीमार रहती है, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति खराब रहने के कारण उनका समुचित इलाज संभव नहीं हो पाता है. उनके तीनों पुत्र मजदूरी कर किसी प्रकार अपना और परिजनों का गुजारा करते हैं. उनके बेटों की मांग है कि कम से कम घर के एक सदस्य को नौकरी मिल जाती है तो परिवार के जीविकोपार्जन में बहुत मदद मिल जाएगी.
बता दें कि 8 साल पहले 27 अक्टूबर 2013 को पटना के गांधी मैदान में हुंकार रैली के दौरान सीरियल ब्लास्ट के दौरान सिमराही निवासी भरत रजक सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में एनआईए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. जिससे पीड़ित परिवार में हर्ष का माहौल है.