पटना: पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की अधिसूचना जारी होने के साथ ही एक ओर जहां प्रशासन की ओर से मतदान की तैयारी जोरशोर से चल रही है वहीं संभावित प्रत्याशी भी कमर कस कर मैदान में उतर चुके हैं. मतदाताओं से बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं. विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं लेकिन मसौढ़ी प्रखंड के दौलतपुर पंचायत के गंधुगढ़ गांव में अब तक विकास की बयार नहीं पहुंची है.
ये भी पढ़ें: आपराधिक गतिविधियों में शामिल इलाके के 10 लोगों को करवाया जाएगा बॉन्ड डाउन : SSP
ईटीवी भारत की टीम इस गांव का जायजा लेने पहुंची हैं. यहां के लोगों ने बताया कि आजादी के बाद से लेकर अब तक इस गांव में विकास का कोई कार्य नहीं हुआ है. मसौढ़ी के सबसे बड़े पंचायत दौलतपुर में मतदाताओं की संख्या करीब 8410 है. इस पंचायत के अंतर्गत 16 गांव हैं. गंधुगढ़ गांव भी इसी पंचायत में आता है.
आजादी के बाद से अब तक इस गांव के लोगों ने सरकारी विकास का नमूना नहीं देखा है. सरकार की कई योजनाएं यहां पर दम तोड़ती दिखीं. सड़क, नाला, शौचालय, आवास योजना, विधवा पेंशन, कन्या विवाह योजना समेत कई योजनाओं से यहां के लोग महरूम हैं.
ये भी पढ़ें: पंचायत चुनाव 2021: प्रखंड स्तरीय EVM-VVPAT कमीशनिंग की तैयारी शुरू
गांव के कई बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि उन्होंने 70 सालों में आज तक ना तो विधायक, सांसद, किसी सरकारी कर्मचारी और ना ही अधिकारी इस गांव में आया है. हालांकि इस गांव तक आने के लिए मुख्य सड़क का निर्माण हुआ है लेकिन गांव के भीतर विकास का कहीं नामोनिशान नहीं है.
गंधुगढ़ के भुनेश्वर चौधरी, रामपुरी, देवी सोहन चौधरी आदि का कहना है कि इस बार चुनाव में जो भी वोट मांगने आयेगा, उसे पहले गांव के विकास की बात करनी होगी. उसके बाद ही मतदान पर बातचीत करेंगे.
ये भी पढ़ें: बिहार पंचायत चुनाव: हटाए गए बैनर-पोस्टर, माइकिंग से दी आचार संहिता की जानकारी