पटना ः एक ओर जहां कोरोना के तीसरे लहर को लेकर ये आशंका जताई जा रही है कि बच्चों को कोरोना इस दौरान टारगेट करेगा. वहीं पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देख डॉक्टर भी दंग हैं. कई तो इस मामले को कोरोना की तीसरी लहर भी मान रहे हैं. आइजीआइएमएस में एक ऐसे बच्चे को भर्ती कराया गया है जिसकी उम्र 8 साल है और कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी उसका फेफड़ा 90 प्रतिशत तक संक्रमित है.
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रिपोर्ट निगेटिव, लेकिन फेफड़ा, लीवर और किडनी संक्रमित
पटना के आइजीआइएमएस में सामने आए इस मामले को लेकर संस्थान के अधीक्षक मनीष मंडल का कहना है कि 22 मई को छपरा से एक बच्चा आइजीआइएमएस में भर्ती हुआ. भर्ती किए जाने से पहले उसका इलाज छपरा में भी हुआ था, वहां भी बच्चा कोरोना निगेटिव था. वहीं आइजीआइएमएस में भी किए गए आरटीपीसीआर टेस्ट में उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है. लेकिन कोरोना निगेटिव होने के बावजूद उसके लिवर, किडनी और फेफड़ा में संक्रमण था.
"ऐसे मरीज को देखते ही हमारे कान खड़े हो गए कि आखिर ये सब हो कैसे रहा है. लेकिन डॉक्टरों की टीम ने लगातार मेहनत किया. बच्चा को पहले 16 लीटर ऑक्सीजन पर रखना पड़ता था, जो आज 4 लीटर पर आ गया है. बच्चे की स्थिति अब ठीक है. लिवर और किडनी का संक्रमण ठीक करने में हमलोग सफल हैं." डॉ. मनीष मंडल,, अधीक्षक, आइजीआइएमएस
उन्होंने कहा कि हम लगातार प्रयास कर रहे हैं ताकि फेफड़े के संक्रमण को ठीक कर सकें. वैसे अब बच्चे की हालत बहुत अच्छी है. उन्होंने कहा कि जो बीमारी बच्चे को है उसे हम मल्टी सिस्टम इंफ्रामेट्री सिंड्रोम इन चाइल्ड यानी mis-c मानकर इलाज कर रहे है.