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शांति और अहिंसा का प्रतीक है बिहार- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे कि दुनिया भर के लोग विश्व शांति स्तूप आए और यहां से शांति का भाव लेकर जाएं.

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Published : Oct 25, 2019, 2:10 PM IST

नालंदा

नालंदा: ऐतिहासिक रत्नागिरी पर्वत पर बने विश्व शांति स्तूप के 50वें वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजगीर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 और 2016 में जब वह राज्यपाल थे तो यहां आए थे. राष्ट्रपति ने बताया कि बोधगया, राजगीर, पाटलिपुत्र, नालंदा ये सभी बिहार के ऐतिहासिक स्थल हैं, जो एकता शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चर्चा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान विश्व शांति स्तूप की निर्माण की परिक्रमा करने वाले बौद्ध धर्म गुरु फुजि गुरु जी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी चर्चा की. साथ ही वहां मौजूद लोगों को इन दोनों के संबंधों के बारे में भी बताया.

nalanda
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते लोग

बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक
वहीं, इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे कि दुनिया भर के लोग विश्व शांति स्तूप आए और यहां से शांति का भाव लेकर जाएं.

विश्व शांति स्तूप के 50वें वर्षगांठ में शामिल हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

ऐतिहासिक स्थलों का हो रहा जीर्णोधार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि पूरे विश्व में विवादों के मुक्ति का केंद्र राजगीर बने और इसके लिए लगातार हम लोगों का प्रयास भी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है और ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल है जिनका जीर्णोधार किया जा चुका है.

नालंदा: ऐतिहासिक रत्नागिरी पर्वत पर बने विश्व शांति स्तूप के 50वें वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजगीर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 और 2016 में जब वह राज्यपाल थे तो यहां आए थे. राष्ट्रपति ने बताया कि बोधगया, राजगीर, पाटलिपुत्र, नालंदा ये सभी बिहार के ऐतिहासिक स्थल हैं, जो एकता शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं.

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चर्चा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान विश्व शांति स्तूप की निर्माण की परिक्रमा करने वाले बौद्ध धर्म गुरु फुजि गुरु जी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी चर्चा की. साथ ही वहां मौजूद लोगों को इन दोनों के संबंधों के बारे में भी बताया.

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत करते लोग

बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक
वहीं, इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे कि दुनिया भर के लोग विश्व शांति स्तूप आए और यहां से शांति का भाव लेकर जाएं.

विश्व शांति स्तूप के 50वें वर्षगांठ में शामिल हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

ऐतिहासिक स्थलों का हो रहा जीर्णोधार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि पूरे विश्व में विवादों के मुक्ति का केंद्र राजगीर बने और इसके लिए लगातार हम लोगों का प्रयास भी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है और ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल है जिनका जीर्णोधार किया जा चुका है.

Intro:नालंदा। राजगीर के ऐतिहासिक रत्नागिरी पर्वत पर बने विश्व शांति स्तूप के 50वे वर्षगांठ के मौके पर देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शिरकत की और भगवान बुद्ध के उपदेश को आत्मसात करने की बात कही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 50वे वर्षगांठ के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर सराहना की । राष्ट्रपति ने अपने 10 मिनट के अभिभाषण की शुरुआत बौद्ध मंत्र ना मु म्यो हो रेंगे क्यों से की । उन्होंने राजगीर से अपने संबंधों को लेकर चर्चा की । उन्होंने कहा कि बिहार के राज्यपाल होने के नाते वर्ष 2015 एवं वर्ष 2016 में विश्व शांति स्तूप पर आया था वही राजगीर में ही वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय धर्म धर्म सम्मेलन के दौरान भी शिरकत करने का मौका मिला । उन्होंने बोधगया राजगीर पाटलिपुत्र नालंदा की चर्चा करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक स्थल है । उन्होंने विश्व शांति स्तूप को एकता शांति और अहिंसा का प्रतीक बताया। उन्होंने विश्व शांति स्तूप की निर्माण की परिक्रमा करने वाले बौद्ध धर्म गुरु फुजि गुरु जी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी चर्चा की और इन दोनों के संबंधों के बारे में भी बताया।


Body:इस अवसर पर राष्ट्रपति ने पूजा अर्चना भी की इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे कि दुनिया भर के लोग विश्व शांति स्तूप आए और यहां से शांति का भाव लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि हम लोग यह चाहते हैं कि पूरे विश्व में विवादों के मुक्ति का केंद्र राजगीर बने और इसके लिए लगातार हम लोगों का प्रयास भी है उन्होंने भारत और जापान के संबंधों के मधुर होने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा लगातार बौद्ध स्थलों के विकास के लिए काम किया गया है और कई ऐसे कई ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोधार एवं विकास की काम की। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और फौजी गुरुजी के संबंधों के बारे में भी बताया और कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने तीन बंदरों बुरा मत कहो बुरा मत सुनो बुरा नहीं देखो का जो उपदेश दिया है उसे फूजी गुरुजी नहीं राष्ट्रपिता को दिया था।
इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि राजगीर एक गौरवशाली स्थली है। यहां सभी धर्मों का संगम स्थल है ।बिहार के गौरवशाली अतीत को अपने में समेटे हुए हैं । भगवान बुद्ध ने विश्व को शांति का संदेश का इसी धरती से दिया था।
बाइट। रामनाथ कोविंद, राष्ट्रपति
बाइट। नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बाइट। सुशील मोदी, उपमुख्यमंत्री


Conclusion:
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