नालंदा: ऐतिहासिक रत्नागिरी पर्वत पर बने विश्व शांति स्तूप के 50वें वर्षगांठ के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजगीर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 और 2016 में जब वह राज्यपाल थे तो यहां आए थे. राष्ट्रपति ने बताया कि बोधगया, राजगीर, पाटलिपुत्र, नालंदा ये सभी बिहार के ऐतिहासिक स्थल हैं, जो एकता शांति और अहिंसा के प्रतीक हैं.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की चर्चा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस दौरान विश्व शांति स्तूप की निर्माण की परिक्रमा करने वाले बौद्ध धर्म गुरु फुजि गुरु जी और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की भी चर्चा की. साथ ही वहां मौजूद लोगों को इन दोनों के संबंधों के बारे में भी बताया.
बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक
वहीं, इस अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भगवान बुद्ध का उपदेश आज भी प्रासंगिक है. उन्होंने कहा कि हम लोग लगातार प्रयास करते रहेंगे कि दुनिया भर के लोग विश्व शांति स्तूप आए और यहां से शांति का भाव लेकर जाएं.
ऐतिहासिक स्थलों का हो रहा जीर्णोधार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग चाहते हैं कि पूरे विश्व में विवादों के मुक्ति का केंद्र राजगीर बने और इसके लिए लगातार हम लोगों का प्रयास भी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि बौद्ध स्थलों के विकास के लिए लगातार काम किया जा रहा है और ऐसे कई ऐतिहासिक स्थल है जिनका जीर्णोधार किया जा चुका है.