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नालंदा: स्मार्ट सिटी में नारकीय जीवन जीने को मजबूर लोग, सालों भर घरों में भरा रहता हैं गंदा पानी

बिहार सरकार (Bihar Government) के द्वारा भले ही बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया हो लेकिन अभी भी इस स्मार्ट सिटी के कई इलाकों की हालात (Poor Condition Area) जर्जर है. जिसे देखकर आप स्मार्ट सिटी पर प्रश्न खड़ा कर देंगे. पढ़िए पूरी खबर

स्मार्ट सिटी के घरों में सालों भर भरा रहता है नालों का गंदा पानी
स्मार्ट सिटी के घरों में सालों भर भरा रहता है नालों का गंदा पानी
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Published : Aug 13, 2021, 4:14 PM IST

नालंदा: सरकार के द्वारा भले ही बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी (Smart City) का दर्जा मिल गया है. लेकिन बिहार स्मार्ट सिटी के वार्ड (Ward) नंबर (Ward) 9 की दयनीय स्थिति है. वार्ड नंबर 9 का मोगल कुआं बौलीपर का एक इलाका ऐसा भी है. जहां साल के 12 महीने नालों के साथ-साथ, कूड़े-कचरे का पानी (Waste Water) इनके घरों में भरा रहता है.

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वैसे तो बरसात के समय लोगों के घरों में बरसात के कारण नाले का गंदा पानी भर जाता है. लेकिन वार्ड नंबर 9 का मोगल कुआं बौलीपर का एक इलाका ऐसा भी है जहां साल के 12 महीने इसी तरह से नाले के साथ-साथ, कूड़े कचरे का पानी का अंबार इनके घरों में भरा रहता है.

चौंकाने वाली बात यह है कि इस गली में रहने वाले सैकड़ों परिवार के कोई न कोई सदस्य इस गंदगी के कारण हमेशा बीमार भी रहते हैं. ना तो स्थानीय वार्ड कमिश्नर का गली पर ध्यान गया है. और ना ही स्थानीय विधायक का इस गली के ऊपर कोई ध्यान आया है.

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इस गली में निवास कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि, स्थानीय राजनीति के कारण इन लोगों के साथ सौतेलापन व्यवहार करते हुए नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया गया है. चाहे विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा या फिर स्थानीय नगर निगम का चुनाव हो, इन सभी चुनाव में जनप्रतिनिधि वोट लेने के लिए चुनावी वादे तो कर देते हैं.

लेकिन चुनाव के बाद हालत जस की तस रह जाती है. नारकीय स्थिति में रह रहे सभी लोगों की हालात ऐसी हो गई है कि इनके घरों में शादी विवाह के रिश्ते भी आना बंद हो गया है.

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शादी विवाह को लेकर इन्हें कहीं दूसरे जगह पर जाना होता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक ओर कोरोना को लेकर साफ-सफाई की बात कही जाती है. लेकिन इस इलाके में तो कोरोना के वक्त भी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा गया. लोग समस्या के समाधान के लिए वार्ड कमिश्नर, स्थानीय विधायक और नगर निगम में समस्या के बारे में अर्जी दे-देकर थक चुके हैं.

लेकिन अभी तक समस्याओं के ऊपर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. वार्ड पार्षद को जब इस समस्या के बारे में बताया गया तो, वार्ड कमिश्नर ने निगम के चुनाव में वोट नहीं देने की बात कह कर बात से पल्ला झाड़ दिया.

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नालंदा: सरकार के द्वारा भले ही बिहारशरीफ को स्मार्ट सिटी (Smart City) का दर्जा मिल गया है. लेकिन बिहार स्मार्ट सिटी के वार्ड (Ward) नंबर (Ward) 9 की दयनीय स्थिति है. वार्ड नंबर 9 का मोगल कुआं बौलीपर का एक इलाका ऐसा भी है. जहां साल के 12 महीने नालों के साथ-साथ, कूड़े-कचरे का पानी (Waste Water) इनके घरों में भरा रहता है.

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वैसे तो बरसात के समय लोगों के घरों में बरसात के कारण नाले का गंदा पानी भर जाता है. लेकिन वार्ड नंबर 9 का मोगल कुआं बौलीपर का एक इलाका ऐसा भी है जहां साल के 12 महीने इसी तरह से नाले के साथ-साथ, कूड़े कचरे का पानी का अंबार इनके घरों में भरा रहता है.

चौंकाने वाली बात यह है कि इस गली में रहने वाले सैकड़ों परिवार के कोई न कोई सदस्य इस गंदगी के कारण हमेशा बीमार भी रहते हैं. ना तो स्थानीय वार्ड कमिश्नर का गली पर ध्यान गया है. और ना ही स्थानीय विधायक का इस गली के ऊपर कोई ध्यान आया है.

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इस गली में निवास कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि, स्थानीय राजनीति के कारण इन लोगों के साथ सौतेलापन व्यवहार करते हुए नारकीय जीवन जीने को मजबूर कर दिया गया है. चाहे विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा या फिर स्थानीय नगर निगम का चुनाव हो, इन सभी चुनाव में जनप्रतिनिधि वोट लेने के लिए चुनावी वादे तो कर देते हैं.

लेकिन चुनाव के बाद हालत जस की तस रह जाती है. नारकीय स्थिति में रह रहे सभी लोगों की हालात ऐसी हो गई है कि इनके घरों में शादी विवाह के रिश्ते भी आना बंद हो गया है.

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शादी विवाह को लेकर इन्हें कहीं दूसरे जगह पर जाना होता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक ओर कोरोना को लेकर साफ-सफाई की बात कही जाती है. लेकिन इस इलाके में तो कोरोना के वक्त भी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा गया. लोग समस्या के समाधान के लिए वार्ड कमिश्नर, स्थानीय विधायक और नगर निगम में समस्या के बारे में अर्जी दे-देकर थक चुके हैं.

लेकिन अभी तक समस्याओं के ऊपर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है. वार्ड पार्षद को जब इस समस्या के बारे में बताया गया तो, वार्ड कमिश्नर ने निगम के चुनाव में वोट नहीं देने की बात कह कर बात से पल्ला झाड़ दिया.

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