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भीषण गर्मी में बढ़ रही पानी की किल्लत, समस्या से निपटने के लिए टीम गठित

कहने को तो यहां नल जल योजना है पर उसके तहत मिले नल भी सूख गए हैं. ऐसे में भीषण गर्मी में लोग पानी की भारी किल्लत से जूझने को मजबूर हैं.

सूखा
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Published : May 21, 2019, 9:28 PM IST

मुजफ्फरपुर: लगातार बढ़ती गर्मी और गिरते जलस्तर से जिले के ग्रामीण इलाके पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड में लोग कई किलोमीटर तक पानी लाने पैदल जाते हैं. यह इलाका बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा है फिर भी यहां जलस्तर काफी कम हो गया है.

मुरौल में भीषण गर्मी से तालाब, पोखर और चापाकल अब अपना दम तोड़ चुके हैं. कहने को तो यहां नल जल योजना है पर उसके तहत मिले नल भी सूख गए हैं. बढ़ती पानी कि किल्लत पर नगर आयुक्त का कहना है कि मुजफ्फरपुर में पानी की समस्या पर काम किया जा रहा है.

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सूखती जमीन

सूखे से प्रभावित इलाकों के लिए टीम
नगर आयुक्त का कहना है कि जिले में पानी की किल्लत के समाधान के लिए टीम बनाई गई है. परेशानी उन इलाकों में बढ़ जाती है जिन इलाकों में सूखे की अधिकता है. उन्होंने बताया कि इन इलाकों में पाइप लाइन ही नहीं बिछी. इससे निपटने के लिए बुडको(कॉन्ट्रैक्ट कंपनी) ने तकरीबन 355 करोड़ लागत से योजना तैयार की है. इस योजना के क्रियान्वयन के बाद समस्या का समाधान होगा.

पानी की किल्लत

हर वॉर्ड में लगेगा पंप
नगर आयुक्त ने बताया कि इस योजना के शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है. तब तक कैसे राहत मिले इसके लिए विभागीय बैठक की गई है. इस बैठक में बुडको के अधिकारी भी शामिल थे. जहां निर्णय लिया गया कि हर एक वार्ड में एक-एक समरसिबल पंप लगाया जाएगा. बहरहाल दावे तो किए गए लेकिन इस भीषण गर्मी में मुजफ्फरपुर में पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या बनी हुई है.

मुजफ्फरपुर: लगातार बढ़ती गर्मी और गिरते जलस्तर से जिले के ग्रामीण इलाके पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड में लोग कई किलोमीटर तक पानी लाने पैदल जाते हैं. यह इलाका बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा है फिर भी यहां जलस्तर काफी कम हो गया है.

मुरौल में भीषण गर्मी से तालाब, पोखर और चापाकल अब अपना दम तोड़ चुके हैं. कहने को तो यहां नल जल योजना है पर उसके तहत मिले नल भी सूख गए हैं. बढ़ती पानी कि किल्लत पर नगर आयुक्त का कहना है कि मुजफ्फरपुर में पानी की समस्या पर काम किया जा रहा है.

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सूखे से प्रभावित इलाकों के लिए टीम
नगर आयुक्त का कहना है कि जिले में पानी की किल्लत के समाधान के लिए टीम बनाई गई है. परेशानी उन इलाकों में बढ़ जाती है जिन इलाकों में सूखे की अधिकता है. उन्होंने बताया कि इन इलाकों में पाइप लाइन ही नहीं बिछी. इससे निपटने के लिए बुडको(कॉन्ट्रैक्ट कंपनी) ने तकरीबन 355 करोड़ लागत से योजना तैयार की है. इस योजना के क्रियान्वयन के बाद समस्या का समाधान होगा.

पानी की किल्लत

हर वॉर्ड में लगेगा पंप
नगर आयुक्त ने बताया कि इस योजना के शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है. तब तक कैसे राहत मिले इसके लिए विभागीय बैठक की गई है. इस बैठक में बुडको के अधिकारी भी शामिल थे. जहां निर्णय लिया गया कि हर एक वार्ड में एक-एक समरसिबल पंप लगाया जाएगा. बहरहाल दावे तो किए गए लेकिन इस भीषण गर्मी में मुजफ्फरपुर में पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या बनी हुई है.

Intro:लगातार बढ़ती गर्मी और गिरते जल स्तर से लोगों की मुसीबतें बढ़ती जा रही है इस भीषण गर्मी में हुए तालाब पोखर और चापाकल अब अपना दम तोड़ चुके हैं जिससे पानी के लिए हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गई है

मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड में तो स्थिति और बदतर हो गई है लोगों को कई किलोमीटर तक पानी के लिए पैदल चलना पड़ रहा है बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसे होने के बावजूद इलाके में जलस्तर काफी तेजी से गिरता जा रहा है अभी तो सिर्फ मई की शुरुआत हुई है इस तरह गिरते जल स्तर से लोगों के माथे पर शिकन की लकीर ला दी है

लोग अभी से ही हाथ में बाल्टी बोतल सहित कई डब्बे लेकर पानी की तलाश में भटकते दिख रहे हैं वहीं जमीन से पानी निकालने के लिए कई लोग कई फीट गड्ढा खोदकर उससे मोटर डालकर पानी खींचने की कोशिश में लगे रहते हैं लोगों से बातचीत में पता चला कि यहां कई जगहों पर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल नल योजना का भी लाभ नहीं मिल रहा है आखिर लोग जाए तो कहां जाए पानी की जरूरत सबको होती है





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