मुजफ्फरपुर: लगातार बढ़ती गर्मी और गिरते जलस्तर से जिले के ग्रामीण इलाके पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं. मुजफ्फरपुर के मुरौल प्रखंड में लोग कई किलोमीटर तक पानी लाने पैदल जाते हैं. यह इलाका बूढ़ी गंडक नदी के किनारे बसा है फिर भी यहां जलस्तर काफी कम हो गया है.
मुरौल में भीषण गर्मी से तालाब, पोखर और चापाकल अब अपना दम तोड़ चुके हैं. कहने को तो यहां नल जल योजना है पर उसके तहत मिले नल भी सूख गए हैं. बढ़ती पानी कि किल्लत पर नगर आयुक्त का कहना है कि मुजफ्फरपुर में पानी की समस्या पर काम किया जा रहा है.
सूखे से प्रभावित इलाकों के लिए टीम
नगर आयुक्त का कहना है कि जिले में पानी की किल्लत के समाधान के लिए टीम बनाई गई है. परेशानी उन इलाकों में बढ़ जाती है जिन इलाकों में सूखे की अधिकता है. उन्होंने बताया कि इन इलाकों में पाइप लाइन ही नहीं बिछी. इससे निपटने के लिए बुडको(कॉन्ट्रैक्ट कंपनी) ने तकरीबन 355 करोड़ लागत से योजना तैयार की है. इस योजना के क्रियान्वयन के बाद समस्या का समाधान होगा.
हर वॉर्ड में लगेगा पंप
नगर आयुक्त ने बताया कि इस योजना के शुरू होने में थोड़ा समय लग सकता है. तब तक कैसे राहत मिले इसके लिए विभागीय बैठक की गई है. इस बैठक में बुडको के अधिकारी भी शामिल थे. जहां निर्णय लिया गया कि हर एक वार्ड में एक-एक समरसिबल पंप लगाया जाएगा. बहरहाल दावे तो किए गए लेकिन इस भीषण गर्मी में मुजफ्फरपुर में पानी की किल्लत एक बड़ी समस्या बनी हुई है.