पटना: बिहार एनडीए में घमासान मचता दिख रहा है. केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर सवाल उठने लगे हैं. पहले बाहुबली आनंद मोहन और अब उनके बेटे और शिवहर सीट से विधायक चेतन आनंद ने चिराग को अपना स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा है. चेतन ने पूछा कि आप एनडीए में हैं या नहीं?
'चिराग जी, दोगलापन नहीं होना चाहिए': विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए आए शिवहर विधायक चेतन आनंद ने बेहद तीखे लहजे में कहा कि गठबंधन पीक एंड चूज पर नहीं चलता है. मर्दों की तरह गठबंधन होता है. या तो हम इस पार हैं या उस पार हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान भी तीन बार टाइम देने के बावजूद वह शिवहर में प्रचार करने नहीं आए थे. चिराग स्पष्ट करें कि एनडीए में हैं या नहीं, क्योंकि पीक एंड चूज की पॉलिसी दोगलापन हो जाता है.
चेतन ने पूछा- क्लियर करें NDA में हैं कि नहीं: इससे पहले चेतन आनंद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर भी एक पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने लिखा, वाकई, अब समय आ गया है कि चिराग पासवान स्पष्ट करें कि वे एनडीए में हैं या नहीं?. मांझी जी की वजह से सिर्फ एक सीट खाली हुई थी, 'इमामगंज'. जहां एनडीए की सबसे बड़ी साख फंस गई थी. जहां दीपा मांझी के सामने जीतेंद्र पासवान खड़े थे. और वे 37 हज़ार वोट ले आए!
'क्या PK से कोई डील हुई थी?': चेतन ने आगे लिखा कि, इससे पता चलता है कि या तो आप वहां इसलिए नहीं गए क्योंकि आप वोट ट्रांसफर नहीं करवा पाए. या आप चाहते थे कि जीतन राम मांझी जी उनके घर में घुसकर उन्हें पटखनी दें, या फिर आपने जन सुराज से अंदर खाने की 'डील' कर ली थी.
''पिछले संसदीय चुनाव में आप तीन-तीन बार शिवहर कार्यक्रम आयोजित करके और हेलीपैड बनवाकर नहीं आते. ऐसा करके आप क्या संदेश दे रहे थे. क्या हाजीपुर में राजपूतों ने आपको वोट नहीं दिया?. आप बार-बार बुलाने पर भी इमामगंज नहीं आते, क्यों?. क्या दीपा मांझी दलित नहीं हैं, या आप भविष्य में मांझी का वोट नहीं चाहते. मेरी सलाह है, सच का सामना करें. आप अपना स्टैंड साफ करें. हम साथ हों या न हों, यह काम नहीं करेगा.'' - चेतन आनंद, विधायक, शिवहर
'हम सड़क छाप नहीं, जिंदा कौम के नेता': शिवहर विधायक ने लिखा, याद कीजिए, एक बार मेरे पिता अटल जी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार को बचाने के लिए आगे आए थे और आज जब जरूरत पड़ी तो मैं नीतीश जी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को बचाने के लिए आगे आया हूं. हम सड़क छाप नहीं हैं. जिंदा कौम के नेता हैं. अमर्यादित भाषा और टिप्पणियां महंगी साबित नहीं होती?
क्या है मामला?: दरअसल, हालिया बिहार विधानसभा उपचुनाव के दौरान चिराग पासवान ने इमामगंज में चुनाव प्रचार नहीं किया था. हालांकि वहां से एनडीए उम्मीदवार दीपा मांझी चुनाव जीत गईं हैं लेकिन जिस तरह से जन सुराज पार्टी के प्रत्याशी जितेंद्र पासवान को 37103 वोट मिले हैं, उससे चर्चा तेज हो गई है कि क्या मांझी से नाराजगी के कारण चिराग के पासवान मतदाता जन सुराज की तरफ शिफ्ट कर गए? वहीं, इसको लेकर पहले पूर्व सांसद आनंद मोहन और अब चेतन आनंद ने सवाल उठाए हैं.
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