मुजफ्फरपुर: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) ने लोगों के जीवन में काफी कुछ बदल दिया. रहन-सहन से लेकर मेल-जोल का तरीका भी बदल गया है. इसका असर कैदियों पर भी पड़ा. कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर 20 माह पहले बिहार के जेलों में बंद कैदियों को परिजनों से आमने-सामने मुलाकात पर रोक लगी थी. यह रोक अब खत्म होने जा रही है. कोरोना संक्रमण में आई कमी के बाद कारा एवं सुधार निरीक्षणालय के प्रस्ताव पर राज्य सरकार ने मुहर लगा दी है.
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जेल उपाधीक्षक सुनील कुमार मौर्य ने बताया कि मंगलवार से आमने-सामने मुलाकात शुरू होगी. कैदी से उनके स्वजन सुबह आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक मुलाकात कर सकेंगे. मुलाकात करने वाले स्वजनों को पहले ऑनलाइन आवेदन करना होगा. इसमें कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराया जाएगा.
कोरोना संक्रमण की पहली लहर को देखते हुए 13 मार्च 2020 को राज्य के सभी जेलों में आमने-सामने मुलाकात पर रोक लगा दी गई थी. इसका उद्देश्य जेल में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकना था. आमने-सामने मुलाकात बंद होने पर वैकल्पिक तौर पर फोन व ई-मुलाकात की व्यवस्था की गई थी.
शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर (Shaheed Khudiram Bose Central Jail Muzaffarpur) में शुरू होने वाले आमने-सामने मुलाकात की व्यवस्था की बदल जाएगी. पहले जेल कक्ष के अंदर से मुलाकाती जालीदार खिड़की पर कैदी खड़ा होते थे. उनके स्वजन बाहर रहकर उनसे बातचीत करते थे. कई कैदी एक साथ खिड़की पर चले आते थे. बाहर उनके स्वजनों की भीड़ जमा हो जाती थी. इसको लेकर काफी शोरगुल होने लगता था. इससे एक-दूसरे की बात भी नहीं सुन पाते थे.
अब इसमें बदलाव होने जा रहा है. खिड़की में तार की जाली के बदले शीशा लगाया गया है. जेल कक्ष व उसके बाहर इंटरकाम से जुड़े टेलीफोन होंगे. कक्ष में खिड़की पर आए कैदी व उनके स्वजन एक-दूसरे को आमने-सामने देख सकेंगे और इंटरकाम पर बात भी करेंगे.
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