पटनाः लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस दौरान पूरे बिहार में लाखों की संख्या में छठ व्रतियों (Chhath Vratis) ने बुधवार को संध्या में डूबते सूर्य और गुरुवार की सुबह उगते सूर्य की अराधना की.
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मुजफ्परपुर में भी लोक आस्था का महापर्व उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हो गया. छठ पूजा कर रहे लोगों ने 36 घण्टे का निर्जला व्रत किया और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर समापन किया. इस दौरान छठ पूजा कर रहे लोगों द्वारा छठ घाटों पर हाथियों की प्रतिमा को भी सजाया गया था.
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ऐसा माना जाता है कि छठ व्रत करने वाले सभी लोग जिस तरह से आस्था के इस पर्व को करते हैं उसमें हाथी की प्रतिमा की अलग महानता है और यह माना भी जाता है कि छठी मईया इससे बहुत खुश होती हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती हैं.
छठ व्रत करने वाले लोग सपरिवार छठी मईया की आस्था भरे इस महापर्व को कर पूरे परिवार को सुख शांति और विभिन्न प्रकार के मनोकामनाएं रखकर जो कुछ मांगते हैं. छठी मैया उनकी मुरादें पूरी करती हैं.
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बिहार में खासकर यह पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन अब तो यह पर्व यूपी बिहार समेत देश के विभिन्न हिस्सों में भी बड़े आस्था के साथ मनाया जाने लगा है और तो और विदेशों में भी इस महान पर्व का आस्था लोगों के अंदर है और लोग छठी मईया के पर्व को करते भी हैं.
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