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लाश समझकर कलेजे के टुकड़े को घर ले जा रहा था पिता, अंगुली पकड़ा तो भागा अस्पताल

मुजफ्फरपुर शहर के मिठनपुरा थाना क्षेत्र (Mithanpura Thana) के पक्की सराय चौक पर मंगलवार को बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. इस दौरान एक निजी नर्सिंग होम में तोड़-फोड़ भी की गई.आगे पढ़िए पूरी खबर..

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Published : Aug 24, 2021, 3:45 PM IST

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत (Child Death) के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजन बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस दौरान आक्रोशित परिजनों ने टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया. हालात को काबू में करने के लिए मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा.

यह भी पढ़ें- मोतिहारी: इलाज कराने आई महिला के परिजनों ने अस्पताल में किया हंगामा

मिठनपुरा थाना क्षेत्र के पक्की सराय चौक पर मंगलवार को बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर बवाल काटा और निजी नर्सिंग होम में जमकर तोड़फोड़ भी की. इस दौरान सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की गई. परिजन अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे.

देखें वीडियो

तिनकोठिया के मोहम्मद आजाद ने बताया कि उनके डेढ़ वर्षीय पुत्र सहजाद की तबीयत देर रात अचानक से खराब हो गयी थी. उसे दस्त और उल्टी हो रही थी. परिजन बच्चे को लेकर पक्की सराय चौक स्थित एक निजी नर्सिंग होम में पहुंचे.

डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लागाया और कुछ दवा देकर घर भेज दिया. साथ ही डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि सुबह बच्चे को लेकर आना. डॉक्टर की बात मानकर वे लोग बच्चे को लेकर घर चले गए.

आजाद ने बताया कि मंगलवार को दोबारा बच्चे की तबीयत काफी बिगड़ गयी. वह अचेत हो गया. आनन फानन में उसे लेकर फिर उसी नर्सिंग होम में गए. वहां पर एक डॉक्टर ने बच्चे के हाथ का नस पकड़कर कह दिया कि इसकी मौत हो चुकी है. वे लोग वहां से घर चले गए. कुछ देर बाद बच्चे ने अपने पिता की अंगुली पकड़ी तो सभी दंग रह गए. परिजन बच्चे को लेकर सदर अस्पताल भागे.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा कि आधा घंटा पहले लेकर आते तो बच्चे की जान बच सकती थी. बच्चा मर चुका है. यह सुनकर परिजन काफी आक्रोशित हो गए.

हमारे बच्चे को डॉक्टर ने मार डाला. अगर इलाज नहीं कर सकते थे तो बता देते. हम अपने बच्चे को लेकर दूसरे अस्पताल चले जाते. कम से कम उसकी जान तो बच जाती.- नजराना खातून, बच्चे की परिजन

बवाल की सूचना पर थानेदार भागीरथ प्रसाद दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. आक्रोशितों को समझाकर शांत कराया गया. और लिखित शिकायत करने को कहा गया.निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और जाम समाप्त किया गया. बच्चे के शव को लेकर वहां से परिजन घर चले गए.

परिजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही के कारण उनके बच्चे की मौत हुई है. इन लोगों ने अस्पताल में तोड़-फोड़ की है. काफी हंगामा किया गया है. मामले में जो भी लोग दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.- भगीरथ प्रसाद, मिठनपुरा थानाध्यक्ष

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में हंगामा कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

यह भी पढ़ें- बिना अनुमति अस्पताल में चल रहा था कोरोना मरीज का इलाज, 80 हजार का बिल देख परिजनों ने किया हंगामा

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत (Child Death) के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजन बच्चे की मौत के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इस दौरान आक्रोशित परिजनों ने टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया. हालात को काबू में करने के लिए मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा.

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मिठनपुरा थाना क्षेत्र के पक्की सराय चौक पर मंगलवार को बच्चे की मौत पर परिजनों ने जमकर बवाल काटा और निजी नर्सिंग होम में जमकर तोड़फोड़ भी की. इस दौरान सड़क पर टायर जलाकर आगजनी की गई. परिजन अस्पताल के डॉक्टर और कर्मियों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे.

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तिनकोठिया के मोहम्मद आजाद ने बताया कि उनके डेढ़ वर्षीय पुत्र सहजाद की तबीयत देर रात अचानक से खराब हो गयी थी. उसे दस्त और उल्टी हो रही थी. परिजन बच्चे को लेकर पक्की सराय चौक स्थित एक निजी नर्सिंग होम में पहुंचे.

डॉक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लागाया और कुछ दवा देकर घर भेज दिया. साथ ही डॉक्टर ने परिजनों से कहा कि सुबह बच्चे को लेकर आना. डॉक्टर की बात मानकर वे लोग बच्चे को लेकर घर चले गए.

आजाद ने बताया कि मंगलवार को दोबारा बच्चे की तबीयत काफी बिगड़ गयी. वह अचेत हो गया. आनन फानन में उसे लेकर फिर उसी नर्सिंग होम में गए. वहां पर एक डॉक्टर ने बच्चे के हाथ का नस पकड़कर कह दिया कि इसकी मौत हो चुकी है. वे लोग वहां से घर चले गए. कुछ देर बाद बच्चे ने अपने पिता की अंगुली पकड़ी तो सभी दंग रह गए. परिजन बच्चे को लेकर सदर अस्पताल भागे.

सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने कहा कि आधा घंटा पहले लेकर आते तो बच्चे की जान बच सकती थी. बच्चा मर चुका है. यह सुनकर परिजन काफी आक्रोशित हो गए.

हमारे बच्चे को डॉक्टर ने मार डाला. अगर इलाज नहीं कर सकते थे तो बता देते. हम अपने बच्चे को लेकर दूसरे अस्पताल चले जाते. कम से कम उसकी जान तो बच जाती.- नजराना खातून, बच्चे की परिजन

बवाल की सूचना पर थानेदार भागीरथ प्रसाद दल बल के साथ मौके पर पहुंचे. आक्रोशितों को समझाकर शांत कराया गया. और लिखित शिकायत करने को कहा गया.निश्चित रूप से कार्रवाई होगी. इसके बाद लोगों का गुस्सा शांत हुआ और जाम समाप्त किया गया. बच्चे के शव को लेकर वहां से परिजन घर चले गए.

परिजनों का कहना है कि इलाज में लापरवाही के कारण उनके बच्चे की मौत हुई है. इन लोगों ने अस्पताल में तोड़-फोड़ की है. काफी हंगामा किया गया है. मामले में जो भी लोग दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.- भगीरथ प्रसाद, मिठनपुरा थानाध्यक्ष

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