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मधुबनी का यह पुल हुआ जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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Published : Dec 17, 2019, 3:11 AM IST

इलाके के लोगों ने बताया कि इस समस्या के लिए कई बार यहां के सांसद, विधायक और विधान पार्षद से शिकायत की लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली.

Madhubani
मधुबनी का यह पुल हुआ जर्जर

मधुबनी: जिले में अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया रेल सह सड़क पुल जर्जर हो चुका है. यह पुल अब बड़े-बड़े गड्ढों से पट चुका है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन सरकार और संबंधित अधिकारियों की नींद है कि टूटने का नाम नहीं ले रही है.

Madhubani
समस्या बताते राहगीर

नीतीश मिश्रा की पहल पर हुई थी मरम्मत
कभी यह पुल एक साथ ट्रेन, बस, बाइक और पैदल यात्रा के लिए जाना जाता था. लेकिन अब अपनी खस्ताहालत के लिए मशहूर है. बता दें कि तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा की पहल पर रेलवे के जरिए इस पुल की मरम्मत का कार्य करवाया गया था, लेकिन रेलवे के आमान परिवर्तन कार्य होने को लेकर रेलवे पुल को तवज्जो नहीं दे रहा है. खस्ताहाल पुल के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से पुल की मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.

मधुबनी का यह पुल हुआ जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

किसी नें नहीं ली सुध
बता दें कि इस पुल का फायदा दर्जनों गांवों को मिलता है. खासकर मदनपुर, रतौल, सर्व सीमा नरूआर, पेट घाट, पोखरभिरा टटूवार जैसे दर्जनों गांवों इसमें शामिल हैं. इलाके के लोगों ने बताया कि इस समस्या के लिए कई बार यहां के सांसद, विधायक और विधान पार्षद से शिकायत की लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली.

Madhubani
समस्या बताते राहगीर

मधुबनी: जिले में अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया रेल सह सड़क पुल जर्जर हो चुका है. यह पुल अब बड़े-बड़े गड्ढों से पट चुका है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन सरकार और संबंधित अधिकारियों की नींद है कि टूटने का नाम नहीं ले रही है.

Madhubani
समस्या बताते राहगीर

नीतीश मिश्रा की पहल पर हुई थी मरम्मत
कभी यह पुल एक साथ ट्रेन, बस, बाइक और पैदल यात्रा के लिए जाना जाता था. लेकिन अब अपनी खस्ताहालत के लिए मशहूर है. बता दें कि तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा की पहल पर रेलवे के जरिए इस पुल की मरम्मत का कार्य करवाया गया था, लेकिन रेलवे के आमान परिवर्तन कार्य होने को लेकर रेलवे पुल को तवज्जो नहीं दे रहा है. खस्ताहाल पुल के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद सरकार की तरफ से पुल की मरम्मत के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है.

मधुबनी का यह पुल हुआ जर्जर, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

किसी नें नहीं ली सुध
बता दें कि इस पुल का फायदा दर्जनों गांवों को मिलता है. खासकर मदनपुर, रतौल, सर्व सीमा नरूआर, पेट घाट, पोखरभिरा टटूवार जैसे दर्जनों गांवों इसमें शामिल हैं. इलाके के लोगों ने बताया कि इस समस्या के लिए कई बार यहां के सांसद, विधायक और विधान पार्षद से शिकायत की लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली.

Madhubani
समस्या बताते राहगीर
Intro:अंग्रेजों के जमाने का ऐतिहासिक पुल बदहाल स्थिति में आ चुकी हैं।कभी यह पुल एक साथ ट्रैन,बस,बाइक एवं पैदल यात्रा के लिए मशहूर थी,मधुबनी


Body:मधुबनी
दो भागों में बटे मिथिलांचल को जोड़ने वाली कमला बलान पर अंग्रेजों जमाने के ऐतिहासिक रेल सह सड़क पुल आज बदहाली की स्थिति पर आंसू बहा रही है। यह पुल बदहाल स्थिति में आ चुकी हैं।काफी जर्जर अवस्था में आ गई है। मौत को आमंत्रण यह पुल दे रही है। कभी भी इस पुल पर अप्रिय घटना घट सकती है लोग मौत के मुंह में जाने को विवश है। इस पुल पर एक साथ ही ट्रेन बस पैदल की यात्रा हुआ करती थी इस पुल पर पांच प्रखंड के लोग अपने कार्यों को लेकर आवागमन करते हैं झंझारपुर आने का एकमात्र यही पुल है जो लोगों को समय के दुरुपयोग होने से बचाती है लेकिन आज यह पुल काफी जर्जर अवस्था में हो चुकी है स्कूल के बंद हो जाने से लोगों को 10 से 15 किलोमीटर की लंबी दूरी तय कर झंझारपुर आना पड़ेगा तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा के पहल पर रेलवे द्वारा इस पुल की मरम्मत कार्य करवाया गया था लेकिन रेलवे के आमान परिवर्तन कार्य होने को लेकर स्कूल को रेलवे तवज्जो नहीं दे रही है जिससे लोगों का जीना बेहाल हो चुका है लेकिन सरकार की तरफ से इस पुल की मरम्मत कार्य के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है जबकि दर्जनों गांव को यह पुल से काफी सुविधाएं मिलती थी। खासकर मदनपुर ,रतौल,सर्व सीमा नरूआर, पेट घाट ,पोखरभिरा टटूवार आदि दर्जनों गांवों के लोगो को आवागमन बाधित होगी।। किसान खेती करने भी इस पुल को पार कर जाते हैं लोगों ने स्थानीय विधायक सांसद विधान पार्षद से कई बार स्कूल को मरम्मत ईकाज करने के लिए गुहार लगा चुके हैं।
1 बाइट रमेश झा यात्री
2 बाइट वीरेंद्र यादव स्थानीय निवासी,
3 बाइट रमेश मुखिया राहगीर
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:
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