मधुबनी: पहली बार बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरी प्लूरल्स की अध्यक्षा पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिस्फी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. इस दौरान उन्होंने नेताओं पर तंज कसा, दो सीटों पर चुनाव लड़ने की वजह बताई, खुद को नेता के बजाए पॉलिसी-मेकर कहा. पुष्पम ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा कि मेरा समीकरण लोगों का है ना कि जाति या धर्म का.
'पूरे बिहार के लोग मेरे अपने'
नामांकन के बाद पुष्पम प्रिया ने कहा कि मुझे मगध से भी चुनाव लड़ना था और मिथिला से भी. मिथिला से मैंने बिस्फी का चुनाव किया. पूरे बिहार में जितने भी लोग हैं वे सभी मेरे अपने हैं. उन्हें सभी के लिए काम करना है.
'चुनाव जीतने के लिए तमाशा'
नेताओं पर तंज कसते हुए प्लूरल्स की अध्यक्षा ने कहा कि आज के नकली राजनेता अगल तरह के समीकरण की राजनीति करते आए हैं. वे राजनीति में चुनाव जीतने के लिए तमाशा करते हैं. मुझे टफ काम करना पसंद है, इसीलिए बिस्फी चुना.
'अच्छा काम करेंगी बेटियां'
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में महिलाओं के प्रदर्शन पर पुष्पम ने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि अगर कोई पॉलिटिशियन है, तो उसे सिर्फ पहले पॉलीटिशियन के तौर पर ही देखना चाहिए. वहीं बेटियां हमेशा ही बेहतर काम करती आई हैं, इस बार भी बेटियां अच्छा करेंगी.
'राजनीति में वंशवाद को खत्म करने की जरूरत'
राजनीति में वंशवाद पर पुष्पम प्रिया ने कहा कि राजनीति में वंशवाद को खत्म करने की जरूरत है. ऐसा मैंने कई बार पहले भी कहा है. अपने बल बूते पर लड़िए और सब कुछ स्क्रेच से शुरू कीजिए.
'आपस में जुड़े हैं पॉलिटिक्स और पॉलिसी मेकिंग'
पुष्पम प्रिया खुद को नेता के बजाए पॉलिसी मेकर कहलाना पसंद करती हैं. उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स और पॉलिसी मेकिंग दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं. ये राजनीति जो लोग यहां चुनाव जीतने के लिए करते हैं, वो महज तमाशा है. वैसी राजनीति में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है. मुझे पॉलिसी बनाने में इंटरेस्ट है और पॉलिसी बनाने से ही राजनीति होती है.