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मशरूम की खेती कर कटिहार की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर, प्रशिक्षण लेकर कमा रहीं 10 से 15 हजार महीना

कटिहार में महिलाएं मशरूम की खेती कर (Women Cultivating Mushrooms in Katihar) आत्मनिर्भर बन रही हैं. डॉन बॉस्को टेक कम्पनी द्वारा यहां की महिलाओं को मुफ्त में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है. तीस महिलाओं का ये बैच रोजाना प्रशिक्षण लेती हैं और मशरूम का उत्पादन कर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं. पढ़िए पूरी खबर..

कटिहार में मशरूम की खेती
कटिहार में मशरूम की खेती
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Published : Mar 23, 2022, 7:14 PM IST

कटिहार: बिहार के कटिहार में मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation in Katihar) कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. कहते हैं न, हौसले बुलंद हो तो मुश्किलें खुद-ब-खुद आसान हो जाती है. जी हां कुछ ऐसा ही हुआ है, कटिहार में जहां घर की दहलीज और चूल्हे के धुंए से बाहर निकल महिलाएं, आत्मनिर्भरता की स्वर्णिम गाथा लिख रही हैं. महिलाएं घर बैठे मशरूम उत्पादन की प्रशिक्षण ले रही हैं और सभी मशरूम की खेती कर, अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. डॉन बॉस्को टेक कम्पनी (Don Bosco Tech Company in Katihar) द्वारा इन्हें मुफ्त में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है. तीस महिलाओं का बैच रोजाना प्रशिक्षण लेता है.

ये भी पढ़ें- मसौढ़ी में मशरूम की खेती कर 'आत्मनिर्भर' बन रहीं महिलाएं, रिटायर्ड फौजी सीताराम दे रहे प्रशिक्षण

30 महिलाओं का बैच रोजाना लेता है प्रशिक्षण : कटिहार में बरमसिया इलाके में महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़े कार्य में जुटी हैं. तीस महिलाओं का बैच रोजाना प्रशिक्षण लेता हैं. दरअसल यह महिलाएं शहर के विभिन्न इलाकों से यहां पहुंचती हैं. जहां डॉन बॉस्को टेक कम्पनी इन्हें मुफ्त में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देती है. पहले तो इन महिलाओं को घर की दहलीज और चूल्हे पर खाना बनाने से घर से बाहर निकलने का मौका नहीं मिलता था. लेकिन मशरूम के फायदे और कम लागत में अच्छा मुनाफा को जान, सभी इस प्रशिक्षण से जुड़ गई हैं.

मशरूम की खेती कर रही हैं महिलाएं: स्थानीय पुतुल देवी बताती हैं कि थोड़ी से सक्रियता और लगन से कम समय में परिवार चलाने लायक पैसे की कमाई हो सकती है. उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन कर, महिलाएं अच्छी आमदनी कर सकती हैं. प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार पाण्डे ने कहा कि- 'मशरूम उत्पादन छोटे और भूमिहीन लोगों के लिये वरदान साबित हो सकता है. यहां महिलाओं को मशरूम के बीज कीट सहित, दवाई स्प्रे मशीन की जानकारी दी जाती है. मशरूम में उपस्थित तत्व कई प्रकार के रोगों से छुटकारा दिलाती है. इसमें इंसुलिन, विटामिन बी जैसे विभिन्न प्रकार के तत्व सहित प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के कारण डायबिटीज, एसिडिटी, रक्तचाप आदि रोगों में काफी फायदा होता है. इसका उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है.'

मशरूम की खेती कर महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर: मशरूम उत्पादन की प्रशिक्षण लेकर कटिहार की महिलाएं आत्मनिर्भरता की स्वर्णिम गाथा लिख रही हैं. वहीं दस से पंद्रह हजार रुपये की कमाई की नौकरी के लिये भटक रहे लोगों को यह संदेश भी दे रही हैं, कि मशरूम उत्पादन करें तो घर बैठे अधिक कमाई कर, इससे अपने और अपने परिवार की बेहतर परवरिश भी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- AATMA द्वारा किसानों को मशरूम की खेती करने का दिया गया प्रशिक्षण

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कटिहार: बिहार के कटिहार में मशरूम की खेती (Mushroom Cultivation in Katihar) कर महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. कहते हैं न, हौसले बुलंद हो तो मुश्किलें खुद-ब-खुद आसान हो जाती है. जी हां कुछ ऐसा ही हुआ है, कटिहार में जहां घर की दहलीज और चूल्हे के धुंए से बाहर निकल महिलाएं, आत्मनिर्भरता की स्वर्णिम गाथा लिख रही हैं. महिलाएं घर बैठे मशरूम उत्पादन की प्रशिक्षण ले रही हैं और सभी मशरूम की खेती कर, अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. डॉन बॉस्को टेक कम्पनी (Don Bosco Tech Company in Katihar) द्वारा इन्हें मुफ्त में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाता है. तीस महिलाओं का बैच रोजाना प्रशिक्षण लेता है.

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30 महिलाओं का बैच रोजाना लेता है प्रशिक्षण : कटिहार में बरमसिया इलाके में महिलाएं मशरूम उत्पादन से जुड़े कार्य में जुटी हैं. तीस महिलाओं का बैच रोजाना प्रशिक्षण लेता हैं. दरअसल यह महिलाएं शहर के विभिन्न इलाकों से यहां पहुंचती हैं. जहां डॉन बॉस्को टेक कम्पनी इन्हें मुफ्त में मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देती है. पहले तो इन महिलाओं को घर की दहलीज और चूल्हे पर खाना बनाने से घर से बाहर निकलने का मौका नहीं मिलता था. लेकिन मशरूम के फायदे और कम लागत में अच्छा मुनाफा को जान, सभी इस प्रशिक्षण से जुड़ गई हैं.

मशरूम की खेती कर रही हैं महिलाएं: स्थानीय पुतुल देवी बताती हैं कि थोड़ी से सक्रियता और लगन से कम समय में परिवार चलाने लायक पैसे की कमाई हो सकती है. उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन कर, महिलाएं अच्छी आमदनी कर सकती हैं. प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर संतोष कुमार पाण्डे ने कहा कि- 'मशरूम उत्पादन छोटे और भूमिहीन लोगों के लिये वरदान साबित हो सकता है. यहां महिलाओं को मशरूम के बीज कीट सहित, दवाई स्प्रे मशीन की जानकारी दी जाती है. मशरूम में उपस्थित तत्व कई प्रकार के रोगों से छुटकारा दिलाती है. इसमें इंसुलिन, विटामिन बी जैसे विभिन्न प्रकार के तत्व सहित प्रोटीन का अच्छा स्रोत होने के कारण डायबिटीज, एसिडिटी, रक्तचाप आदि रोगों में काफी फायदा होता है. इसका उत्पादन कर अच्छी आमदनी प्राप्त की जा सकती है.'

मशरूम की खेती कर महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर: मशरूम उत्पादन की प्रशिक्षण लेकर कटिहार की महिलाएं आत्मनिर्भरता की स्वर्णिम गाथा लिख रही हैं. वहीं दस से पंद्रह हजार रुपये की कमाई की नौकरी के लिये भटक रहे लोगों को यह संदेश भी दे रही हैं, कि मशरूम उत्पादन करें तो घर बैठे अधिक कमाई कर, इससे अपने और अपने परिवार की बेहतर परवरिश भी कर सकते हैं.

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