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लापरवाही: रेलवे ट्रैक पर बाढ़ पीड़ितों ने बनाया बसेरा, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

गंगा के पानी ने सिंगल टोला गांव को अपनी आगोश में ले लिया है. सरकार की तरफ से रहने की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक किनारे रहने को मजबूर हैं. ऐसे में यहां किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है.

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Published : Oct 3, 2019, 2:15 PM IST

Updated : Oct 4, 2019, 10:40 AM IST

रेलवे ट्रैक किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित

कटिहार: गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण जिले में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. जिले के छह प्रखंडों के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से रहने की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण, ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे रहने को मजबूर हैं. ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

'हादसे के इंतजार में सोया जिला प्रशासन'
मनिहारी प्रखंड के सिंगल टोला गांव की हालत ज्यादा खराब है. यहां गंगा के पानी ने पूरे गांव को अपनी आगोश में ले लिया है. सरकार की तरफ से रहने की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक किनारे रहने को मजबूर हैं. यहां के लोगों ने बताया कि पिछले 10 दिनों से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. जिससे पूरे गांव में गंगा का पानी भर गया है. लिहाजा ग्रामीण रेलवे लाइन के किनारे बस गए हैं.

रेलवे ट्रैक किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित

उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ प्लास्टिक दी गई है. खाना तक नहीं मिला है. रुखा-सूखा भोजन कर जीवन यापन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ट्रेन आने के समय जान बचाकर इधर-उधर हो जाते हैं. ऐसे में यहां किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन हादसे के इंतजार में सोए जिला प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद है कि टूटने का नाम ही नहीं ले रही है.

Katihar
ट्रैक से गुजरती ट्रेन

3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
जिले में बाढ़ ने तबाही मचा कर रख दी है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के अधिकतर गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. जिससे बेचैन लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. मनिहारी, बरारी, कुर्सेला, अमदाबाद, मनसाही और कोढ़ा प्रखंड में बाढ़ का भीषण असर देखने को मिल रहा है. इस क्षेत्र के लगभग 3 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

कटिहार: गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण जिले में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है. जिले के छह प्रखंडों के अधिकांश गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. वहीं, जिला प्रशासन की ओर से रहने की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण, ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे रहने को मजबूर हैं. ऐसा लगता है कि जिला प्रशासन भी किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है.

'हादसे के इंतजार में सोया जिला प्रशासन'
मनिहारी प्रखंड के सिंगल टोला गांव की हालत ज्यादा खराब है. यहां गंगा के पानी ने पूरे गांव को अपनी आगोश में ले लिया है. सरकार की तरफ से रहने की व्यवस्था नहीं किए जाने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक किनारे रहने को मजबूर हैं. यहां के लोगों ने बताया कि पिछले 10 दिनों से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. जिससे पूरे गांव में गंगा का पानी भर गया है. लिहाजा ग्रामीण रेलवे लाइन के किनारे बस गए हैं.

रेलवे ट्रैक किनारे रह रहे बाढ़ पीड़ित

उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत के नाम पर सिर्फ प्लास्टिक दी गई है. खाना तक नहीं मिला है. रुखा-सूखा भोजन कर जीवन यापन कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ट्रेन आने के समय जान बचाकर इधर-उधर हो जाते हैं. ऐसे में यहां किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन हादसे के इंतजार में सोए जिला प्रशासन की कुम्भकर्णीय नींद है कि टूटने का नाम ही नहीं ले रही है.

Katihar
ट्रैक से गुजरती ट्रेन

3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित
जिले में बाढ़ ने तबाही मचा कर रख दी है. गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के अधिकतर गांवों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. जिससे बेचैन लोग त्राहिमाम कर रहे हैं. मनिहारी, बरारी, कुर्सेला, अमदाबाद, मनसाही और कोढ़ा प्रखंड में बाढ़ का भीषण असर देखने को मिल रहा है. इस क्षेत्र के लगभग 3 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं.

Intro:कटिहार

बाढ़ का कहर, गांव छोड़ लोग रेलवे लाइन के किनारे बसने को मजबूर, प्रशासन की ओर से नहीं मिला रहने की जगह, कोई सुविधा भी मुहैया नहीं, राहत के नाम पर सिर्फ किया गया प्लास्टिक वितरण, जान जोखिम में डाल रेलवे लाइन के किनारे रहने को है बिवश, गांव में पानी भरे होने के कारण रेलवे लाइन के किनारे रह रहे हैं बाढ़ पीड़ित।Body:कटिहार में बाढ़ ने तबाही मचा कर रख दी है। गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के छह प्रखंड के अधिकांश गांवों में पानी प्रवेश कर गया है जिससे लोग बेचैन हैं त्राहिमाम कर रहे हैं और ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं। मनिहारी, बरारी, कुर्सेला, अमदाबाद, मनसाही तथा कोढ़ा प्रखंड में बाढ़ का असर देखने को मिल रहा है और इस क्षेत्र के लगभग 3 लाख से भी ज्यादा लोग प्रभावित हैं।

मनिहारी प्रखंड के सिंगल टोला गांव में गंगा का पानी फैला हुआ है जिससे लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। सिंगल टोला गांव पूरी तरह से गंगा के आगोश में समा चुका है जिससे गांवों के हजारों लोग ऊंचे स्थान पर शरण लिए हुए हैं। सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों को जगह मुहैया नहीं कराया गया है लिहाजा लोग जान जोखिम में डालकर रेलवे लाइन के किनारे बसे हुए हैं।Conclusion:सिंगल टोला गांव के स्थानीय लोग बताते हैं पिछले 10 दिनों से गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है जिससे इनके गांव में गंगा का पानी भर गया है और वह पूरी तरह से डूब चुका है लिहाजा लोग रेलवे लाइन के किनारे बस गए हैं लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई मदद नहीं मिली है। सिर्फ बाढ़ राहत के नाम पर प्लास्टिक दिया गया है, भोजन का व्यवस्था नहीं किया है, रुखा सूखा भोजन करके जीवन यापन कर रहे हैं। ट्रेन आने के समय जान बचाकर इधर-उधर बगल हो जाते हैं। लोगों की मांग है कि सरकार इन्हें उचित जगह मुहैया कराकर बसा दे।
Last Updated : Oct 4, 2019, 10:40 AM IST
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