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गया: रस्सी के सहारे शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, जाम के झाम से जूझ रहे राहगीर - Lack of traffic police in Gaya

यातायात डीएसपी ने कहा कि शहर में किसी भी चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है. इसके कारण राहगीरों और पर्यटकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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Published : Dec 17, 2019, 3:48 AM IST

गया: बिहार में सबसे ज्यादा फाइन देने वाले शहर की यातयात व्यवस्था चरमरा गई है. शहर के जीबी रोड, स्टेशन रोड, चांद चौरा, माडनपुर बाईपास पर राहगीर घण्टों जाम के झाम से जूझते रहते हैं. स्कूली छात्रों को भी काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. चौंका देने वाली बात तो ये है कि शहर के ट्रैफिक डीएसपी खुद संसाधनों की कमी की बात को स्वीकार कर रहे हैं.

चरमराई यातायात व्यवस्था
बता दें कि शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. हालात कुछ यूं हैं कि हर चौराहे पर राहगीर जाम के झाम से जूझते मिल जाते हैं, यहां यातायात संसाधनों का भी घोर आभाव है. लेकिन संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

gaya
खस्ताहाल सड़क से गुजरते राहगीर

रस्सी के सहारे संचालित हो रहा यातायात
यातायात डीएसपी राकेश रंजन ने बताया कि शहर में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का की घोर आभाव है. इस कारण रस्सी के सहारे यातायात को संचालित किया जाता है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए 80 होमगार्ड, 12 हवलदार,12 ऑफिसर, 1 इंस्पेक्टर सहित एक डीएसपी की तैनाती की गई है. ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए कम से कम 150 ट्रैफिक पुलिस कर्मी होने चाहिए. लेकिन यहां की सड़कें चौड़ी नहीं हैं और किसी भी सड़क पर डिवाइडर नहीं होने के कारण एक ट्रॉली से दूसरी ट्रॉली तक रस्सी बांधकर डिवाइडर बनाया जाता है.

शहर में जाम का झाम, लोग परेशान

ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं
यातायात डीएसपी ने बताया कि शहर के किसी भी चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक सिग्नल रहने से बहुत फायदा होता है. साथ ही जब पुलिस के जवान कम होते हैं, ऐसी स्थिति में ट्रैफिक सिग्नल यतायात के लिए मददगार साबित होता है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र भेजा गया है.

यातायात डीएसपी राकेश रंजन
यातायात डीएसपी राकेश रंजन

बीच शहर से गुजरते हैं भारी वाहन
बता दें कि शहर की सड़कें कम चौड़ी हैं और सड़को पर गाड़ियों का आवागमन ज्यादा है. साथ ही दूसरे जिलों से आने वाले वाहन शहर के बीचों बीच होकर गुजरते हैं. डीएसपी ने बताया कि शहर के बगल में बाईपास नहीं होने के कारण शहर में गाड़ियों का संख्या बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि नई बहाली में 25 महिला कांस्टेबल की नियुक्ति होगी. जिससे कुछ हद तक यातायत व्यवस्था सुधर पाएगी.

गया: बिहार में सबसे ज्यादा फाइन देने वाले शहर की यातयात व्यवस्था चरमरा गई है. शहर के जीबी रोड, स्टेशन रोड, चांद चौरा, माडनपुर बाईपास पर राहगीर घण्टों जाम के झाम से जूझते रहते हैं. स्कूली छात्रों को भी काफी परेशानियों को सामना करना पड़ता है. चौंका देने वाली बात तो ये है कि शहर के ट्रैफिक डीएसपी खुद संसाधनों की कमी की बात को स्वीकार कर रहे हैं.

चरमराई यातायात व्यवस्था
बता दें कि शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है. हालात कुछ यूं हैं कि हर चौराहे पर राहगीर जाम के झाम से जूझते मिल जाते हैं, यहां यातायात संसाधनों का भी घोर आभाव है. लेकिन संबंधित अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

gaya
खस्ताहाल सड़क से गुजरते राहगीर

रस्सी के सहारे संचालित हो रहा यातायात
यातायात डीएसपी राकेश रंजन ने बताया कि शहर में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों का की घोर आभाव है. इस कारण रस्सी के सहारे यातायात को संचालित किया जाता है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने के लिए 80 होमगार्ड, 12 हवलदार,12 ऑफिसर, 1 इंस्पेक्टर सहित एक डीएसपी की तैनाती की गई है. ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए कम से कम 150 ट्रैफिक पुलिस कर्मी होने चाहिए. लेकिन यहां की सड़कें चौड़ी नहीं हैं और किसी भी सड़क पर डिवाइडर नहीं होने के कारण एक ट्रॉली से दूसरी ट्रॉली तक रस्सी बांधकर डिवाइडर बनाया जाता है.

शहर में जाम का झाम, लोग परेशान

ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं
यातायात डीएसपी ने बताया कि शहर के किसी भी चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक सिग्नल रहने से बहुत फायदा होता है. साथ ही जब पुलिस के जवान कम होते हैं, ऐसी स्थिति में ट्रैफिक सिग्नल यतायात के लिए मददगार साबित होता है. उन्होंने कहा कि ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र भेजा गया है.

यातायात डीएसपी राकेश रंजन
यातायात डीएसपी राकेश रंजन

बीच शहर से गुजरते हैं भारी वाहन
बता दें कि शहर की सड़कें कम चौड़ी हैं और सड़को पर गाड़ियों का आवागमन ज्यादा है. साथ ही दूसरे जिलों से आने वाले वाहन शहर के बीचों बीच होकर गुजरते हैं. डीएसपी ने बताया कि शहर के बगल में बाईपास नहीं होने के कारण शहर में गाड़ियों का संख्या बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि नई बहाली में 25 महिला कांस्टेबल की नियुक्ति होगी. जिससे कुछ हद तक यातायत व्यवस्था सुधर पाएगी.

Intro:गया शहर का इतिहास को जब किताबो में पढेगे तो ये शहर बहुत पुरानी प्रतीत होता हैं। हजारो साल पुरानी शहर में देश विदेश के पर्यटकों का तांता सालो लगा रहता है। पर्यटकों से भरी बस सैकड़ो गया आते हैं लेकिन इन पर्यटकों के बस या अन्य वाहन को शहर में आने के साथ घण्टो जाम से दो चार होना पड़ता हैं। गया में यातायात व्यवस्था में संसाधन और जवानों को भरपूर कमी है। गया शहर के यातयात व्यवस्था को लेकर यातयात डीएसपी से ईटीवी ने बात की।


Body:गया शहर को सड़क के मामले में चौराहों का सड़क कहा जाता है हर 10 कदम छोटी बड़ी चौराहा जरूर मिल जाता है। चौराहे वाला शहर गया में यातायात व्यवस्था उत्तम नही है। हर दिनों स्थानीय, राहगीरों और पर्यटकों को घण्टो सड़क जाम से परेशानी उठाना पड़ता हैं। इस परेशानी को लेकर ईटीवी ने यातायात डीएसपी राकेश रंजन से बात किया।

गया शहर में यातायात व्यवस्था में ट्रैफिक जवान की घोर कमी और रस्सी के सहारे यातायात को संचालित किया जाता है उन्होंने कहा गया शहर के ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के 80 होमगार्ड,12 हवलदार,12 ऑफिसर,1 इंस्पेक्टर और एक डीएसपी की तैनाती हैं। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए कम से कम 150 ट्रैफिक पुलिस चाहिए। यहां की सड़कें चौड़ी नही है किसी भी सड़क पर डिवाइडर नही है एक ट्रॉली स दूसरे ट्रॉली तक रस्सी बांधकर डिवाइडर का काम करते हैं। इससे यातायात सुचारू रूप से चलता है।

चौराहो वाला शहर में किसी भी चौराहा पर ट्रैफिक सिग्नल का व्यवस्था नही है यातायात डीएसपी कहते हैं ट्रैफिक सिग्नल रहने से बहुत फायदा होता हैं। जब जवान कम होते हैं इसका सख्त जरूरत पड़ता हैं। ट्रैफिक सिग्नल लगाने के लिए विभाग को प्रार्थना पत्र भेजा गया है।

गया शहर की सड़कें कम चौड़ी है और शहर के सड़को पर गाड़ियों का दबाव अत्यधिक हैं। गया शहर में छः सड़क आती हैं जो पड़ोस के जिलों से आती है इन जिलों से आने वाली वाहन शहर के बीचों बीच होकर गुजरती है। डीएसपी कहते है शहर के बगल में बाईपास नही होने से शहर में गाड़ियों का दबाव बढ़ जाता है। साथ ही जवानों का बहुत कमी है नए बहाली में 25 महिला कांस्टेबल की नियुक्ति होगी जिससे कुछ हद तक यातायत व्यवस्था सुधर जाएगा।


Conclusion:बिहार में सबसे ज्यादा फाइन देने वाला शहर में यातयात व्यवस्था चरमरा गया है शहर के जीबी रोड, स्टेशन रोड, चांद चौरा, माडनपुर बाईपास पर घण्टो जाम लगा रहता है। होमगार्ड एक दो जवान बस सिटी बजाने में व्यस्त रहते हैं और जनता और स्कूली बच्चे जाम से कराह जाते हैं।

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