गया: देश के नाम बदले जाने वाले शहरों की लिस्ट में गया भी जुड़ने वाला (Gaya City Name Change Proposal) है. ऐतिहासिक धर्मनगरी गया का नाम बदलकर 'गयाजी' करने के लिए नगर निगम द्वारा प्रस्ताव पारित किया है. इस प्रस्ताव को राज्य व केंद्र सरकार को भेजा गया है. गया का नाम गयाजी करने के लिए लोग बहुत दिनों से प्रयास कर रहे थे. गया नगर निगम के डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव (Gaya Municipal Corporation Deputy Mayor Mohan Srivastava) ने बताया कि लोगों की पुरानी मांग के तहत नगर निगम के द्वारा यह प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजा गया है. बिहार और केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के बाद इस शहर का नाम बदल कर गयाजी हो जाएगा.
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''अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त स्थान है. भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया है. देशभर से लोग यहां पिंडदान के लिए आते हैं. आम लोगों की यह भावना है कि गया का नाम गयाजी रखा जाए. भारत सरकार और राज्य सरकार के स्तर पर इसका नाम गयाजी करने को लेकर नोटिफिकेशन करना होगा. जिसके बाद हम लोगों ने रेगुलेशन को पास करके सर्वसम्मति से नगर आयुक्त के पास भिजवा रहे हैं. समय के साथ चीजें बदलती हैं और यह कोई नया प्रयोग नहीं है. इसके पहले भी मुगलसराय, इलाहाबाद, कोलकाता, मद्रास इत्यादि शहरों के नाम बदले जा चुके हैं. गया शहर के विकास के लिए नगर निगम तत्पर है.''- मोहन श्रीवास्तव, डिप्टी मेयर, गया
ऐतिहासिक धर्मनगरी गया: विदित हो कि गया एक पवित्र तीर्थ स्थल (Historical Dharma Nagari Gaya) है. जिसके प्रति दुनिया के लोगों में अटूट आस्था व्याप्त है. मोक्षधाम कहे जाने वाले गया तीर्थ में प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु देश व विदेश के कोने-कोने से आते हैं. यहां पिंडदान व तर्पण करते हैं. मान्यता है कि यहां पिंडदान और तर्पण करने से श्रद्धालुओं के पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं.
हर साल आते हैं लाखों श्रद्धालु: वेदों व पुराणों में वर्णित है कि कभी यहां भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण के साथ पधारे थे और उन्होंने अपने स्वर्गीय पिता महाराज दशरथ के लिए पिंडदान और तर्पण किया था. यहां अति प्राचीन विष्णुपद मंदिर है. जहां भगवान विष्णु का चरण मौजूद है. इसके अलावे पास में ही भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया है. जहां हजारों साल पहले भगवान को ज्ञान प्राप्त हुआ था. यहां दुनिया के कोने-कोने से प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालुओं का आना होता है.
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