गया: बिहार में मगध क्षेत्र (Magadha) का गया (Gaya) जिला 70 के दशक से नक्सली घटना (Naxalite incident) का दंश झेल रहा है. चुनावी मौसम में नक्सलियों की सक्रियता ज्यादा बढ़ जाती है. खासकर नक्सली सीधे तौर पर पंचायत चुनाव (Panchayat Election) में दखल देते हैं.
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पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद एक ओर जहां नक्सली (Naxalite) अपने चहेते को चुनावी समर में उतारने की तैयारी कर रहे हैं. वहीं, गया पुलिस और सुरक्षाबल नक्सलियों और उनके समर्थित प्रत्याशियों पर चौकसी नजर रखे हुए है. दरअसल, बिहार के गया जिले में पंचायत चुनाव 2016 में नक्सलियों ने अपने चहेतों को चुनाव में हिंसक घटनाओं को अंजाम देकर जितवाया था.
नक्सली लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत चुनाव का विरोध करते रहते हैं. लेकिन, पंचायत चुनाव नक्सली संगठन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. बिहार में पंचायत चुनाव की घोषणा होने के बाद से नक्सली संगठन काफी जोर शोर से तैयारी कर रहा है. हालांकि, नक्सली गया जिले के जंगल और पहाड़ी इलाको में सिमट कर रह गए हैं. अब नक्सली पहले जैसे चुनाव में दखलंदाजी नहीं करते हैं, फिर भी सुदूर क्षेत्रों में अपने लोगों को चुनाव जितवाने के लिए नक्सली दमखम दिखाते हैं.
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गया सिटी एसपी सह नक्सल अभियान एसपी राकेश कुमार ने बताया कि गया जिले में पंचायत चुनाव को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी शुरू हो गई है. जिले में सीआरपीएफ और एसएसबी के जवानों के साथ जिला पुलिस के जवानों की तैनाती भी की है. गया जिले का बड़ा भाग नक्सल प्रभावित क्षेत्र है. इसमें शेरघाटी अनुमंडल क्षेत्र पूरा नक्सल प्रभावित क्षेत्र है.
''पंचायत चुनाव को लेकर सुरक्षाबलों के द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है. मतदाता सुदूर क्षेत्रों में निर्भीक होकर मतदान करें, इसकी पूरी तैयारी चल रही है. हम लोग आश्वस्त है कि विधानसभा चुनाव के तरह ही पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से होगा.''- राकेश कुमार, गया सिटी एसपी
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वहीं, एसपी राकेश कुमार ने बताया कि एंटी नक्सल ऑपरेशन के दो बड़े पहलू हैं. हम लोग उनका मुकाबला तो करते ही हैं, साथ ही दूसरा पहलू उस क्षेत्र में विकास भी होता है. दोनों पहलू में शत-प्रतिशत हम लोग खरे उतरे हैं. इसी कारण पिछले 2016 चुनाव से अब तक देखा जाए तो नक्सल काफी बैकफुट पर आ गए हैं. इस दौरान कई नक्सली कमांडर को मारा गया है. हम लोग इसे हल्के में नहीं ले रहे हैं. पंचायत चुनाव को लेकर नक्सल विरोधी अभियान चल रहे हैं. उनके समर्थकों की सूची बनायी गई है. इन पर हमारी चौकसी नजर है.
ईटीवी भारत की टीम ने अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बाराचट्टी प्रखण्ड के झांझ पंचायत में पहुंचा. इसी पंचायत के पड़रिया गांव में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के हेलीकॉप्टर को नक्सलियों ने जला दिया था. अब इस पंचायत की तस्वीर बदल गयी है. गांव में सात निश्चय योजना, धनगाई थाना का निर्माण, चेकडैम और जगह-जगह पुलिया बनने से लाल आतंक का साया खत्म होने के कगार पर है.
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झांझ पंचायत के गड़रिया गांव के रहने वाले दिव्यांग कारू मांझी ने बताया कि मेरे गांव में पहले स्थिति काफी दयनीय थी. दिन के उजाले में भी लोग खौफ में रहते थे. आज स्थिति काफी बदल गई है. मुखिया के सहयोग से एक छोटी फुटकर दुकान भी खोल दी है और एक ट्राय साइकिल भी मिल गई है.
वहीं, युवक संदीप कुमार ने बताया कि इधर दस सालों में गडरिया गांव से लेकर बाराचट्टी तक की तस्वीर बदल गई है. सरकार ने निकट में धनगाई में थाना बना दिया है. वहीं, बीबी पसरा में सीमा सुरक्षा बल का कैम्प है. ऐसे में स्थिति अब पहले की अपेक्षा सुरक्षात्मक हो गई है.
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गड़रिया गांव के रहने वाले ही युवक पंकज कुमार ने बताया कि पांच सालों में नल जल योजन, आवास योजना, सड़क निर्माण, चैक डैम, पुल-पुलिया बनने से गांव की तस्वीर बदल गई है. अब इन विकास कार्यों के बदौलत गांव में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इससे पहले जब सड़क और बिजली की व्यवस्था नहीं थी, तो लड़के मजदूर बनकर पलायन करते थे या नक्सली बन जाते थे.
बता दें कि गया जिले में 320 पंचायत हैं. गया में 10 चरणों मे मतदान होगा. इन दस चरणों के मतदान में कुल 25 लाख 28 हजार 450 मतदाता हैं, जो 4588 मतदान केंद्रों पर अपने वोट का उपयोग करेंगे. पंचायत चुनाव में हर बूथ पर चार ईवीएम मशीन रहेगा. ईवीएम मशीन के जरिए मुखिया, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य और पंचायत समिति का मतदान कराया जाएगा. वहीं, ग्राम कचहरी में सरपंच और पंच के लिए बैलेट पेपर के जरिये मतदान करवाया जाएगा.
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गया जिले में 10 चरणों में मतदान होगा. पहले चरण में 24 सितंबर को बेलागंज और खिजरसराय प्रखण्ड में मतदान होगा. दूसरे चरण में 29 सितंबर को टिकारी और गुरारू प्रखण्ड में वोट डाले जाएंगे. तीसरे चरण में 8 अक्टूबर को मोहड़ा, अतरी, नीमचक बथानी प्रखण्ड मे मतदान होगा. चौथे चरण में 20 अक्टूबर को कोंच और गुरारू में वोटिंग होगी. पांचवें चरण में 24 अक्टूबर को फतेहपुर और वजीरगंज में मतदान होगा.
वहीं, छठे चरण में 3 नवंबर को बांकेबाजार, शेरघाटी और आमस में मतदान होगा. सातवें चरण में 15 नवंबर को बोधगया, टनकुप्पा और डोभी में वोट डाले जाएंगे. आठवें चरण में 24 नवंबर को इमामगंज और डुमरिया में मतदान होगा. नौवें चरण में 29 नवंबर को मानपुर, परैया और नगर प्रखण्ड में वोटिंग होगी. दसवें चरण में 8 दिसंबर को बाराचट्टी और मोहनपुर प्रखण्ड में वोट डाले जाएंगे.