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'जो पंडित मांस-मदिरा का सेवन कर पूजा कराने जाते हैं, उसको एक नहीं हजार बार @$#&#.. कहेंगे'

हम प्रमुख जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) देने के बाद अब नया पैंतरा अपनाया है. उन्होंने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं की थी. हमने तो वैसे लोगों के लिए 'अपशब्द' का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं. ऐसे लोगों को एक बार क्या हजार बार @$#&#.. कहेंगे.

जीतनराम मांझी की सफाई
जीतनराम मांझी की सफाई
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Published : Dec 21, 2021, 5:01 PM IST

गया: ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) इन दिनों चर्चा में हैं. हालांकि विवाद बढ़ने पर भले ही उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने कहा कि जिनके लिए मैंने वो बात कही थी, उस पर कायम हूं और एक बार नहीं हजार बार वो 'अपशब्द' बोलूंगा.

ये भी पढ़ें: मांझी ने अब ब्राह्मणवाद के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- 'उस दिन जुबान फिसल गई थी'

गया शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पहुंचे हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि ने अपने बयान को नए अंदाज में पेश करते हुए कहा कि एक बार नहीं हजार बार उस शब्द को दोहराऊंगा, क्योंकि वह कोई गाली नहीं है.

हम प्रमुख जीतनराम मांझी का बयान

पूर्व सीएम ने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं की थी. हमने तो वैसे लोगों के लिए 'अपशब्द' का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं. जिनको श्लोक और किताब से कोई मतलब नहीं है. केवल अखबार लेकर पूजा कराते हैं. वैसे लोग अपने आप को पुजारी कहते हैं. हमने पुजारी के लिए उस शब्द इस्तेमाल किया था.

हम प्रमुख ने आगे कहा कि ये ऐसे लोग होते हैं, जो मांस खाते हैं, मदिरा पीते हैं और पूजा भी कराने आते हैं. ये अनुसूचित और दलित टोले में जाकर पूजा के नाम पर पैसे लेते हैं, लेकिन उस घर का खाना तक नहीं खाते हैं और ना ही पानी पीते हैं.

"जो लोग गलत ढंग से पूजा कराते हैं. मदिरा पीकर आते हैं. मांस खाकर पूजा कराने आते हैं. हमने वैसे पुजारियों को @$#&# कहा था. जिसके बारे में हमने @$#&# कहा था, उसको एक नहीं हजार बार @$#&#.. कहेंगे"- जीतनराम मांझी, अध्यक्ष, हम पार्टी

ये भी पढ़ें: मांझी की जीभ काटने पर 11 लाख... HAM ने कहा- होश में रहे BJP

मांझी ने तर्क दिया कि पूजा कराने वाले यादव और भूमिहार सहित अन्य समाज के लोग भी हैं, जो अपने आप को पुजारी कहते हैं. वे सिर्फ पैसों के लिए यह सब कार्य करते हैं. हमने ब्राह्मणों और पंडितों के लिए यह शब्द इस्तेमाल नहीं किया था, फिर भी उन्हें बुरा लगा तो मैंने माफी भी मांग ली है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विष्णुपद का पंडा समाज भी हमारा विरोध कर रहा है, लेकिन ये लोग याद करें कि जब हम बिहार के मुख्यमंत्री थे तब हमने विष्णुपद को राजकीय सम्मान दिलवाया. इस वजह से पितृपक्ष मेला आज व्यापक रूप से होता है. इसके अलावा भी कई उपलब्धियां दी. हमने विष्णुपद का मान बढ़ाया है. एक बार लोगों को यह भी सोचना चाहिए.

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गया: ब्राह्मणों पर विवादित बयान (Controversial Statement on Brahmins) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) इन दिनों चर्चा में हैं. हालांकि विवाद बढ़ने पर भले ही उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन अब एक बार फिर उन्होंने कहा कि जिनके लिए मैंने वो बात कही थी, उस पर कायम हूं और एक बार नहीं हजार बार वो 'अपशब्द' बोलूंगा.

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गया शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पहुंचे हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने कहा कि ने अपने बयान को नए अंदाज में पेश करते हुए कहा कि एक बार नहीं हजार बार उस शब्द को दोहराऊंगा, क्योंकि वह कोई गाली नहीं है.

हम प्रमुख जीतनराम मांझी का बयान

पूर्व सीएम ने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज के ऊपर कोई टिप्पणी नहीं की थी. हमने तो वैसे लोगों के लिए 'अपशब्द' का इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं. जिनको श्लोक और किताब से कोई मतलब नहीं है. केवल अखबार लेकर पूजा कराते हैं. वैसे लोग अपने आप को पुजारी कहते हैं. हमने पुजारी के लिए उस शब्द इस्तेमाल किया था.

हम प्रमुख ने आगे कहा कि ये ऐसे लोग होते हैं, जो मांस खाते हैं, मदिरा पीते हैं और पूजा भी कराने आते हैं. ये अनुसूचित और दलित टोले में जाकर पूजा के नाम पर पैसे लेते हैं, लेकिन उस घर का खाना तक नहीं खाते हैं और ना ही पानी पीते हैं.

"जो लोग गलत ढंग से पूजा कराते हैं. मदिरा पीकर आते हैं. मांस खाकर पूजा कराने आते हैं. हमने वैसे पुजारियों को @$#&# कहा था. जिसके बारे में हमने @$#&# कहा था, उसको एक नहीं हजार बार @$#&#.. कहेंगे"- जीतनराम मांझी, अध्यक्ष, हम पार्टी

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मांझी ने तर्क दिया कि पूजा कराने वाले यादव और भूमिहार सहित अन्य समाज के लोग भी हैं, जो अपने आप को पुजारी कहते हैं. वे सिर्फ पैसों के लिए यह सब कार्य करते हैं. हमने ब्राह्मणों और पंडितों के लिए यह शब्द इस्तेमाल नहीं किया था, फिर भी उन्हें बुरा लगा तो मैंने माफी भी मांग ली है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विष्णुपद का पंडा समाज भी हमारा विरोध कर रहा है, लेकिन ये लोग याद करें कि जब हम बिहार के मुख्यमंत्री थे तब हमने विष्णुपद को राजकीय सम्मान दिलवाया. इस वजह से पितृपक्ष मेला आज व्यापक रूप से होता है. इसके अलावा भी कई उपलब्धियां दी. हमने विष्णुपद का मान बढ़ाया है. एक बार लोगों को यह भी सोचना चाहिए.

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