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गयाजी में महाकुंभ सा नजारा, 19 सितंबर से और बढ़ेगी तीर्थयात्रियों की भीड़

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि तीन दिवसीय पिंडदान करवाने वाले श्रद्धालु 19 सितंबर से पहुंचना शुरू करेंगे. इससे और भी भीड़ बढ़ेगी.

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Published : Sep 16, 2019, 12:42 PM IST

गयाजी में महाकुंभ का सा नजारा

गया: मोक्ष की धरती गया में पितृपक्ष के मौके पर बड़ी संख्या में लोग देश-विदेश से पहुंच रहे हैं. इस मौके पर वे अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने गया पहुंचते हैं. इस साल पितृपक्ष के तीन दिन बीत चुके हैं. इन तीन दिनों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने गयाजी मे पिंडदान किया है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि 19 सितंबर से पिंडदानियों के आने का सिलसिला बढ़ जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

गयाजी में महाकुंभ सा नजारा
गयाजी में हर तरफ पिंडदानी ही नजर आ रहे हैं. नजारा महाकुंभ से कम नहीं है. अहले सुबह पिंडवेदी के रास्ते में अपार भीड़ देखने को मिलती है. कई बार पिंडवेदियों पर पिंडदान करने के लिए जगह कम पड़ जाती है.

massive number of pilgrims on pitrupaksh
तीर्थयात्रियों की भीड़'

'19 सितंबर से बढ़ेगी तीर्थयात्रियों की भीड़'
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि सरकारी आवासन स्थल में रोजाना 40 से 45 हजार तीर्थयात्री गयाजी आ रहे हैं. तीन दिनों में ही आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है. 19 सितंबर से तीर्थयात्रियों की भीड़ और बढ़ेगी. दरअसल तीन दिवसीय पिंडदान करवाने वाले श्रद्धालु 19 सितंबर से पहुंचना शुरू करेंगे.

massive number of pilgrims on pitrupaksh
पिंडदान करते श्रद्धालु

पिंडदानियों की संख्या दो लाख के पार
दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ सरकारी आवासन स्थल के आंकड़ों के मुताबिक ही तीर्थयात्रियों की संख्या एक लाख के पार है. कई तीर्थयात्री निजी होटलों और पंडा के आवास पर भी रुकते हैं. अगर इनको भी शामिल किया जाए तो पिंडदानियों की संख्या दो लाख से ज्यादा भी हो सकती है.

गया: मोक्ष की धरती गया में पितृपक्ष के मौके पर बड़ी संख्या में लोग देश-विदेश से पहुंच रहे हैं. इस मौके पर वे अपने पूर्वजों का श्राद्ध करने गया पहुंचते हैं. इस साल पितृपक्ष के तीन दिन बीत चुके हैं. इन तीन दिनों में सरकारी आंकड़ों के अनुसार डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने गयाजी मे पिंडदान किया है. जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि 19 सितंबर से पिंडदानियों के आने का सिलसिला बढ़ जाएगा.

पेश है रिपोर्ट

गयाजी में महाकुंभ सा नजारा
गयाजी में हर तरफ पिंडदानी ही नजर आ रहे हैं. नजारा महाकुंभ से कम नहीं है. अहले सुबह पिंडवेदी के रास्ते में अपार भीड़ देखने को मिलती है. कई बार पिंडवेदियों पर पिंडदान करने के लिए जगह कम पड़ जाती है.

massive number of pilgrims on pitrupaksh
तीर्थयात्रियों की भीड़'

'19 सितंबर से बढ़ेगी तीर्थयात्रियों की भीड़'
जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि सरकारी आवासन स्थल में रोजाना 40 से 45 हजार तीर्थयात्री गयाजी आ रहे हैं. तीन दिनों में ही आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है. 19 सितंबर से तीर्थयात्रियों की भीड़ और बढ़ेगी. दरअसल तीन दिवसीय पिंडदान करवाने वाले श्रद्धालु 19 सितंबर से पहुंचना शुरू करेंगे.

massive number of pilgrims on pitrupaksh
पिंडदान करते श्रद्धालु

पिंडदानियों की संख्या दो लाख के पार
दिलचस्प बात यह है कि सिर्फ सरकारी आवासन स्थल के आंकड़ों के मुताबिक ही तीर्थयात्रियों की संख्या एक लाख के पार है. कई तीर्थयात्री निजी होटलों और पंडा के आवास पर भी रुकते हैं. अगर इनको भी शामिल किया जाए तो पिंडदानियों की संख्या दो लाख से ज्यादा भी हो सकती है.

Intro:श्राद्ध का महाकुंभ गया धाम, जहां लोग देश के अन्य हिस्सों से अपने पूर्वजों का श्राद्ध कराने प्रत्येक प्रतिपक्ष में आते हैं। इस वर्ष पितृपक्ष का तीन दिन बीत गया,इन तीन दिनों में सरकारी आवासन के आंकड़े के अनुसार डेढ़ लाख श्रद्धालु गया जी मे पिंडदान करवा लिए हैं। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा 19 सितंबर से पिंडदानी का आने का सिलसिला बढ़ जाएगा।


Body:मोक्ष के नगरी गया जी मे हर तरफ पिंडदानी दिख रहे हैं नजारा महाकुंभ से कम नही है। सुबह के बेला में पिंडवेदी के रास्ते मे अपार भीड़ रहती है। कई पिंडवेदी पर पिंडदान करने के लिए जगह कम पड़ जाता है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से तीन दिन में डेढ़ लाख पिंडदानी पिंडदान करके चले गए है।

जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया सरकारी आवासन स्थल में हर रोज 40 से 45 हजार तीर्थ यात्री गयाजी में आ रहे हैं। तीन दिन में आंकड़ा एक लाख से पार हो गया है। 19 सितंबर से तीर्थयात्रियों का भीड़ बढ़ेगा। तीन दिवसीय पिंडदान करवाने वाले 19 से आना शुरू कर देंगे। उम्मीद हैं इस बार पिछले वर्ष से ज्यादा पिंडदानी आये गए।

ये आंकड़ा सरकारी आवासन स्थल का है तीर्थयात्री निजी होटल, और पंडा जी के आवास पर रुकते हैं। इन आंकड़ों को शामिल किया जाए तो दो लाख से ज्यादा पिंडदानी गया में जी आये हैं।


Conclusion:
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