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जमींदारी उन्मूलन प्रथा का केंद्र रहा है गया का सहवाजपुर गांव, आंदोलन स्थल का होगा विकास

जमींदारी उन्मूलन प्रथा का बड़ा केंद्र गया जिला रहा है. जिले के सहवाजपुर गांव में आंदोलन के दो नायकों स्वामी सहजानंद सरस्वती और पंडित यदुनंदन शर्मा की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी. साथ ही ऐतिहासिक स्थल का विकास भी किया जायेगा. पढ़ें पूरी खबर..

Gaya news
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Published : Oct 28, 2021, 4:45 PM IST

गयाः आजादी से पूर्व वर्ष 1936 में जमींदारी उन्मूलन प्रथा चलाया गया था. इसका एक बड़ा केंद्र बिहार के गया जिला (Gaya District) स्थित बेलागंज प्रखंड का सहवाजपुर गांव रहा है. पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के अधिकारियों ने गुरुवार को आंदोलन स्थल का दौरा किया. ट्रस्ट के सदस्यों ने आंदोलन से जुड़े लोगों और संबंधित स्थलों पर जाकर स्मृतियों को संग्रहित किया. सहवाजपुर गांव में ट्रस्ट की ओर से पंडित यदुनंदन शर्मा और स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा लगायी जायेगी. साथ ही इस ऐतिहासिक स्थल का विकास भी किया जायेगा.

इन्हें भी पढ़ें- भक्त चरणदास के दावे से खुद कांग्रेस ही सहमत नहीं, बोले तारिक अनवर- 'RJD कभी BJP से गठबंधन नहीं कर सकती'

ज्ञात हो कि आजादी से पूर्व देश के कई हिस्सों में जमींदारी उन्मूलन प्रथा आंदोलन चलाया गया था. बड़े समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती के निर्देश पर पूरा आंदोलन चल रहा था. बिहार के गया में महान स्वतंत्रता सेनानी सह किसान नेता पं. यदुनंदन शर्मा ने जमींदारों के खिलाफ बिहार में पहला आंदोलन किया था, जो इतिहास के पन्नों पर रेवड़ा किसान सत्याग्रह के नाम से अंकित है.

इन्हें भी पढ़ें- बेतिया में करोड़ों की चरस के साथ 4 तस्कर गिरफ्तार, 3 चोरी की बाइक भी जब्त

रेवड़ा किसान सत्याग्रह नाम से जमींदारी उन्मूलन आंदोलन का केंद्र बेलागंज का सहवाजपुर गांव रहा था. सहवाजपुर गांव के ग्रामीण 85 वर्षीय रामजनम सिंह उस सत्याग्रह के साक्षी रहे हैं. पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के सदस्यों ने अपने दौरे के दौरान गांव के उस स्थल को नमन किया जहां से रेवड़ा किसान सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी.

1936 में सत्याग्रह में शामिल रहे रामजनम सिंह (85 वर्ष) उन दिनों को याद कर भावुक हो गए. वे गांव से एक किलोमीटर दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित सत्याग्रह स्थल और रेवड़ा सत्याग्रह का साक्षी रहे पीपल वृक्ष तक लोगों के साथ गए. इस दौरान आंदोलन की एक-एक कड़ी से ट्रस्ट के लोगों को उन्होंने अवगत कराया. इस दौरान ट्रस्ट के अधिकारियों व सदस्यों ने वयोवृद्ध सत्याग्रही रामजनम सिंह को अंगवत्र देकर सम्मानित किया.

ट्रस्ट के सदस्यों ने उक्त ऐतिहासिक गांव में पंडित यदुनंदन शर्मा और स्वामी सहजानंद सरस्वती के याद में प्रतिमा का प्रस्ताव रामजनम सिंह के सामने रखा. इस पर उन्होंने अपनी 10 डिसमिल जमीन प्रतिमा स्थापना के लिए दान करने की घोषणा कर दी. ट्रस्ट के अध्यक्ष रविशंकर कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंडित शर्मा के सम्मान में अमृत महोत्सव आयोजित करने की घोषणा की है. ट्रस्ट के द्वारा एक निश्चित तिथि को बेलागंज के सहवाजपुर गांव से आजादी के 72वें वर्षगांठ पर आयोजित होने वाली अमृत महोत्सव का आगाज करेगी.

गयाः आजादी से पूर्व वर्ष 1936 में जमींदारी उन्मूलन प्रथा चलाया गया था. इसका एक बड़ा केंद्र बिहार के गया जिला (Gaya District) स्थित बेलागंज प्रखंड का सहवाजपुर गांव रहा है. पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के अधिकारियों ने गुरुवार को आंदोलन स्थल का दौरा किया. ट्रस्ट के सदस्यों ने आंदोलन से जुड़े लोगों और संबंधित स्थलों पर जाकर स्मृतियों को संग्रहित किया. सहवाजपुर गांव में ट्रस्ट की ओर से पंडित यदुनंदन शर्मा और स्वामी सहजानंद सरस्वती की प्रतिमा लगायी जायेगी. साथ ही इस ऐतिहासिक स्थल का विकास भी किया जायेगा.

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ज्ञात हो कि आजादी से पूर्व देश के कई हिस्सों में जमींदारी उन्मूलन प्रथा आंदोलन चलाया गया था. बड़े समाज सुधारक स्वामी सहजानंद सरस्वती के निर्देश पर पूरा आंदोलन चल रहा था. बिहार के गया में महान स्वतंत्रता सेनानी सह किसान नेता पं. यदुनंदन शर्मा ने जमींदारों के खिलाफ बिहार में पहला आंदोलन किया था, जो इतिहास के पन्नों पर रेवड़ा किसान सत्याग्रह के नाम से अंकित है.

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रेवड़ा किसान सत्याग्रह नाम से जमींदारी उन्मूलन आंदोलन का केंद्र बेलागंज का सहवाजपुर गांव रहा था. सहवाजपुर गांव के ग्रामीण 85 वर्षीय रामजनम सिंह उस सत्याग्रह के साक्षी रहे हैं. पंडित यदुनंदन शर्मा सेवा आश्रम ट्रस्ट के सदस्यों ने अपने दौरे के दौरान गांव के उस स्थल को नमन किया जहां से रेवड़ा किसान सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी.

1936 में सत्याग्रह में शामिल रहे रामजनम सिंह (85 वर्ष) उन दिनों को याद कर भावुक हो गए. वे गांव से एक किलोमीटर दक्षिण पूर्व दिशा में स्थित सत्याग्रह स्थल और रेवड़ा सत्याग्रह का साक्षी रहे पीपल वृक्ष तक लोगों के साथ गए. इस दौरान आंदोलन की एक-एक कड़ी से ट्रस्ट के लोगों को उन्होंने अवगत कराया. इस दौरान ट्रस्ट के अधिकारियों व सदस्यों ने वयोवृद्ध सत्याग्रही रामजनम सिंह को अंगवत्र देकर सम्मानित किया.

ट्रस्ट के सदस्यों ने उक्त ऐतिहासिक गांव में पंडित यदुनंदन शर्मा और स्वामी सहजानंद सरस्वती के याद में प्रतिमा का प्रस्ताव रामजनम सिंह के सामने रखा. इस पर उन्होंने अपनी 10 डिसमिल जमीन प्रतिमा स्थापना के लिए दान करने की घोषणा कर दी. ट्रस्ट के अध्यक्ष रविशंकर कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंडित शर्मा के सम्मान में अमृत महोत्सव आयोजित करने की घोषणा की है. ट्रस्ट के द्वारा एक निश्चित तिथि को बेलागंज के सहवाजपुर गांव से आजादी के 72वें वर्षगांठ पर आयोजित होने वाली अमृत महोत्सव का आगाज करेगी.

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