गया : बिहार के गया जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र में सीएसपी संचालक से डेढ़ लाख की लूट के मामले का नाटकीय खुलासा हुआ है. दरअसल लूट की घटना हुई ही नहीं थी, बल्कि ग्राहकों का और बैंक का पैसा गबन करने के मकसद से सोची-समझी साजिश के तहत सीएसपी संचालक ने लूट की घटना बताकर इसकी प्राथमिकी मोहनपुर थाने में दर्ज कराई (Loot from CSP Operator In Gaya) थी. पुलिस ने इस नाटकीय घटना का खुलासा किया है.
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मोहनपुर पुलिस ने लूट का किया खुलासा : दरअसल, गया जिला के मोहनपुर थाना क्षेत्र में पंजाब नेशनल बैंक के सीएसपी संचालक ने बीते दिन रास्ते में डेढ़ लाख रुपए की लूट कर लिए जाने का मामला दर्ज कराया था. इसकी प्राथमिकी मोहनपुर थाने में दर्ज की गई थी. इस लूट कांड के खुलासे की चुनौती पुलिस के सामने थी और पुलिस मामले की छानबीन कर रही थी. लूटपाट के मामले को लेकर पुलिस द्वारा किये गए अनुसंधान के बाद इस नाटक से पर्दा उठ गया (Disclosure of Loot from CSP Operator In Gaya) है. पुलिस ने मामले का उद्भेदन करते हुए लूटपाट होने के मामले में मोहनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले के पास से ही लूटी गई राशि को बरामद किया है.
बोधगया एसडीपीओ ने प्रेस कांफ्रेंस कर दी जानकारी : बोधगया एसडीपीओ अजय प्रसाद ने बताया कि मोहनपुर थाना के ग्राम डेमा स्थित पंजाब नेशनल बैंक के सीएसपी संचालक अनिल कुमार पासवान के द्वारा मोहनपुर थाना में बीते दिन यह सूचना दी गई थी, कि जब वे ईटवां बैंक से 1.5 लाख रुपये निकालकर बाइक से अपने सीएसपी जा रहे थे. तभी कुलाही मोड़ से करीब पांच सौ मीटर पीछे तीन अज्ञात बाइक सवार अपराधियों के द्वारा उन्हें रोककर हथियार के दम पर डेढ़ लाख रुपये, मोबाइल और बाइक की लूट की गयी.
''लूट कि सूचना पर मोहनपुर थानाध्यक्ष विकास चंद्रा के द्वारा तत्काल प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान आरम्भ किया गया. अनुसंधान के दौरान यह गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि वादी अनिल कुमार पासवान के द्वारा डेढ़ लाख रुपया लूटने की बात गलत है. वादी के द्वारा घटना के तुरंत बाद घटनास्थल पर से ही डेढ लाख रुपये गांव के लड़के को घर ले जाकर देने के लिए दिया गया है. ताकि ग्राहकों और बैंक के पैसे का गबन किया जा सके. गहन वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान से यह तथ्य प्रकाश में आया कि वादी अनिल कुमार पासवान ने अपने आवेदन में डेढ़ लाख रूपये लूटने की बात गलत दर्ज कराई है. वह बैंक और ग्राहकों का पैसा गबन करना चाहते थे.''- अजय प्रसाद, एसडीपीओ, बोधगया
साक्ष्यों के साथ पूछताछ हुई तो पूरा मामला आ गया सामने : बोधगया एसडीपीओ अजय प्रसाद ने बताया कि जब अनिल कुमार पासवान से साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि बैंक से निकाले गए पैसों को उसके द्वारा अपने घर पर छिपाकर रखा गया है. अनिल कुमार पासवान की निशानदेही पर कथित लूट का एक लाख 46 हजार रुपया उसके घर से बरामद किया गया, जो उसने छिपा कर रखा था. शेष चार हजार रुपये के बारे में अनिल कुमार पासवान ने बताया कि वह रकम खर्च कर दिया है. लूट कांड के वादी सीएसपी संचालक अनिल कुमार पासवान को ग्राहकों के पैसे के गबन के प्रयास और झूठे लूट की घटना दर्ज कराने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
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