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सत्ता हथियाने के लिए जनता की जान जोखिम में डाल कराया जा रहा विधानसभा चुनाव- कीर्ति आजाद

कीर्ति आजाद ने कहा कि ये विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर प्रधानमंत्री कहते हैं कि जान है, तो जहान है. वहीं दूसरी ओर कोरोना और बाढ़ की त्रासदी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराने की कोशिश में भोली-भाली जनता की जान को महज गद्दी के लिए खतरे में डाला जा रहा है.

KIRTI AZAD
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Published : Aug 23, 2020, 8:14 PM IST

दरभंगा: पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कीर्ति आाजाद ने कोरोना वायरस के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव कराए जाने की आलोचना की है. पूर्व सांसद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि सत्ता हथियाने के लिए चुनाव में झोंक कर लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है.

गद्दी के लिए खतरे में डाली जा रही जनता की जान
कीर्ति आज़ाद ने कहा कि ये विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर प्रधानमंत्री कहते हैं कि जान है, तो जहान है. वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस और बाढ़ की त्रासदी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराने की कोशिश में भोली-भाली जनता की जान को महज गद्दी के लिए खतरे में डाला जा रहा है.

KIRTI AZAD
जारी प्रेस विज्ञप्ति

'जनता की पीड़ा से कोई मतलब नहीं'
पूर्व सांसद ने कहा कि एनडीए के नेताओं को जनता के बीच व्याप्त दहशत और उसकी पीड़ा से कोई मतलब नहीं रहा. सत्ता हथियाने के लिए इस महासंकट काल में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ाने की साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि एक ओर विदेशों से काला धन वापस लाने का सपना दिखाया गया. लेकिन, काला धन के बदले कोरोना से देश में डर और दहशत का माहौल बन गया. अगर मार्च के पहले सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद हो गई होती तो आज देश में ऐसे हालात नहीं पैदा होते.

'महामारी के समय राष्ट्रपति शासन का प्रावधान'
कीर्ति आजाद ने कहा कि जनता की जान सुरक्षित रहेगी तभी लोकतंत्र बचेगा. जनता की जान सुरक्षित रहे उसके लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए. महामारी के समय संविधान में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान है. जब कोरोना संकट से देश और राज्य उबर जाएगा तभी चुनाव कराना न्यायसंगत होगा. जनता की जान को खतरे में डालने से लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता.

दरभंगा: पूर्व सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कीर्ति आाजाद ने कोरोना वायरस के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव कराए जाने की आलोचना की है. पूर्व सांसद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि सत्ता हथियाने के लिए चुनाव में झोंक कर लोगों की जान जोखिम में डाली जा रही है.

गद्दी के लिए खतरे में डाली जा रही जनता की जान
कीर्ति आज़ाद ने कहा कि ये विडंबना नहीं तो और क्या है कि एक ओर प्रधानमंत्री कहते हैं कि जान है, तो जहान है. वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस और बाढ़ की त्रासदी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराने की कोशिश में भोली-भाली जनता की जान को महज गद्दी के लिए खतरे में डाला जा रहा है.

KIRTI AZAD
जारी प्रेस विज्ञप्ति

'जनता की पीड़ा से कोई मतलब नहीं'
पूर्व सांसद ने कहा कि एनडीए के नेताओं को जनता के बीच व्याप्त दहशत और उसकी पीड़ा से कोई मतलब नहीं रहा. सत्ता हथियाने के लिए इस महासंकट काल में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ाने की साजिश हो रही है. उन्होंने कहा कि एक ओर विदेशों से काला धन वापस लाने का सपना दिखाया गया. लेकिन, काला धन के बदले कोरोना से देश में डर और दहशत का माहौल बन गया. अगर मार्च के पहले सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय उड़ाने बंद हो गई होती तो आज देश में ऐसे हालात नहीं पैदा होते.

'महामारी के समय राष्ट्रपति शासन का प्रावधान'
कीर्ति आजाद ने कहा कि जनता की जान सुरक्षित रहेगी तभी लोकतंत्र बचेगा. जनता की जान सुरक्षित रहे उसके लिए सभी को कोशिश करनी चाहिए. महामारी के समय संविधान में राष्ट्रपति शासन का प्रावधान है. जब कोरोना संकट से देश और राज्य उबर जाएगा तभी चुनाव कराना न्यायसंगत होगा. जनता की जान को खतरे में डालने से लोकतंत्र मजबूत नहीं हो सकता.

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