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दरभंगा: बाढ़ से डेढ़ दर्जन गांवों में आफत, टापू में तब्दील हुआ इलाका

जुलाई महीने में इन्हीं स्थानों पर तटबंध टूटा था. बाढ़ के बाद किसी तरह बोरों में मिट्टी डालकर इसकी मरम्मत की गई थी. लेकिन कमला बलान नदी में जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर पश्चिमी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया और पानी ओवरफ्लो हो गया.

कमला बलान नदी
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Published : Sep 21, 2019, 4:03 PM IST

दरभंगा: तराई क्षेत्र में भारी बारिश के चलते कमला बलान नदी एक बार फिर से उफान पर है. जिसके चलते जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इस वजह से लोगों में दहशत है. वह घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की तरफ पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, बाढ़ के री अटैक से खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

बड़ी संख्या में किसानों ने बाढ़ के बाद कर्ज लेकर धान की खेती की थी, लेकिन दोबारा आई बाढ़ ने उनके अरमानों को डुबो दिया. वहीं, दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा है कि जिन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है. उन गांवों के लोगों को विद्यालयों और ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने के साथ ही सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. वहीं, उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने की बात कही है.

उफान पर कमला बलान नदी, कई गांव टापू में तब्दील

जुलाई मे टूटा था तटबंध
गौरतलब है कि जुलाई महीने में इन्हीं स्थानों पर तटबंध टूटा था. बाढ़ के बाद किसी तरह बोरों में मिट्टी डालकर इसकी मरम्मत की गई थी, लेकिन कमला बलान नदी में जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर पश्चिमी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया और पानी ओवरफ्लो कर गया है. जिसके चलते घनश्यामपुर, कुशेश्वरस्थान, गौरा बौराम, तारडीह प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है. आलम यह है कि क्षेत्र के लोग अभी बाढ़ की विभीषिका से उबरे भी नहीं थे कि, दोबारा बाढ़ ने दस्तक दे दी. जिसकी वजह से लोग अपने घर छोड़ ऊंचे स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं. इधर पानी का दबाव बढ़ने से क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है.

Darbhanga
भरे पानी में खड़े ग्रामीण

खेतों में फैला बाढ़ का पानी
दरभंगा के जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन ने ईटीवी भारत को बताया कि तारडीह प्रखंड के ककोढा, घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव के पास जुलाई महीने में तटबंध टूटने के बाद, अस्थाई तटबंध का निर्माण किया गया था. जो कमला बलान नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ओवरफ्लो से टूट गया है. जिस वजह से आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि तारडीह प्रखंड के ककोढा पंचायत के 3 गांव और घनश्यामपुर प्रखंड के 4 गांव प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि गौरा बौराम प्रखंड के मनसारा पंचायत के आसपास के खेतों में बाढ़ का पानी फैला है.

Darbhanga
गांव में भरा पानी

एक-दो दिन में स्थिति होगी सामान्य
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को बिगड़ता देख हम लोगों ने तारडीह में दो सामुदायिक किचेन और घनश्यामपुर में भी दो सामुदायिक रसोई चालू की है. जहां बाढ़ पीड़ितों को रहने के साथ ही खाना भी दिया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि कुशेश्वरस्थान और घनश्यामपुर के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी आ जाने के चलते आवागमन ठप हो गया था. जिसे देखते हुए उन दोनों जगहों पर दो-दो सरकारी नाव दी गई है. ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की कठनाई ना हो. उन्होंने कहा कि हमलोग बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, और उम्मीद करते हैं कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.

दरभंगा: तराई क्षेत्र में भारी बारिश के चलते कमला बलान नदी एक बार फिर से उफान पर है. जिसके चलते जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इस वजह से लोगों में दहशत है. वह घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की तरफ पलायन करने को मजबूर हैं. वहीं, बाढ़ के री अटैक से खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

बड़ी संख्या में किसानों ने बाढ़ के बाद कर्ज लेकर धान की खेती की थी, लेकिन दोबारा आई बाढ़ ने उनके अरमानों को डुबो दिया. वहीं, दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा है कि जिन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है. उन गांवों के लोगों को विद्यालयों और ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने के साथ ही सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है. वहीं, उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद करने की बात कही है.

उफान पर कमला बलान नदी, कई गांव टापू में तब्दील

जुलाई मे टूटा था तटबंध
गौरतलब है कि जुलाई महीने में इन्हीं स्थानों पर तटबंध टूटा था. बाढ़ के बाद किसी तरह बोरों में मिट्टी डालकर इसकी मरम्मत की गई थी, लेकिन कमला बलान नदी में जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर पश्चिमी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया और पानी ओवरफ्लो कर गया है. जिसके चलते घनश्यामपुर, कुशेश्वरस्थान, गौरा बौराम, तारडीह प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है. आलम यह है कि क्षेत्र के लोग अभी बाढ़ की विभीषिका से उबरे भी नहीं थे कि, दोबारा बाढ़ ने दस्तक दे दी. जिसकी वजह से लोग अपने घर छोड़ ऊंचे स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं. इधर पानी का दबाव बढ़ने से क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है.

Darbhanga
भरे पानी में खड़े ग्रामीण

खेतों में फैला बाढ़ का पानी
दरभंगा के जिलाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन ने ईटीवी भारत को बताया कि तारडीह प्रखंड के ककोढा, घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव के पास जुलाई महीने में तटबंध टूटने के बाद, अस्थाई तटबंध का निर्माण किया गया था. जो कमला बलान नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण ओवरफ्लो से टूट गया है. जिस वजह से आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है. वहीं, उन्होंने कहा कि तारडीह प्रखंड के ककोढा पंचायत के 3 गांव और घनश्यामपुर प्रखंड के 4 गांव प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा कि गौरा बौराम प्रखंड के मनसारा पंचायत के आसपास के खेतों में बाढ़ का पानी फैला है.

Darbhanga
गांव में भरा पानी

एक-दो दिन में स्थिति होगी सामान्य
जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को बिगड़ता देख हम लोगों ने तारडीह में दो सामुदायिक किचेन और घनश्यामपुर में भी दो सामुदायिक रसोई चालू की है. जहां बाढ़ पीड़ितों को रहने के साथ ही खाना भी दिया जा रहा है. वहीं, उन्होंने कहा कि कुशेश्वरस्थान और घनश्यामपुर के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी आ जाने के चलते आवागमन ठप हो गया था. जिसे देखते हुए उन दोनों जगहों पर दो-दो सरकारी नाव दी गई है. ताकि लोगों को आवागमन में किसी प्रकार की कठनाई ना हो. उन्होंने कहा कि हमलोग बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं, और उम्मीद करते हैं कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी.

Intro:तराई क्षेत्र में भारी बारिश होने के चलते कमला बलान नदी एक बार फिर से उफान पर है। जिसके चलते एक बार फिर दरभंगा जिले के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। जिसके वजह से लोगों में दहशत हैं और लोग ऊंचे स्थानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। वहीं बाढ़ के री अटैक से खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बड़ी संख्या में किसानों ने बाढ़ के बाद कर्ज लेकर धान की खेती की थी। लेकिन बाढ़ ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। वहीं दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा है कि जिन गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है, उस गांव के लोगों को विद्यालयों एवं ऊंचे स्थानों पर शिफ्ट करने के साथ ही समुदाय किचन चलाया जा रहा है। वही उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद करने की बात कही है।


Body:दरअसल जुलाई महीने में इन्हीं स्थानों पर तटबंध टूटा था। बाढ़ के बाद किसी तरह बोरों में मिट्टी डालकर इसकी मरम्मत की गई थी। लेकिन कमला नदी में जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर पश्चिमी तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया और पानी ओवर फ्लो कर गया है। जिसके चलते घनश्यामपुर, कुशेश्वरस्थान, गौरा बौराम, तारडीह प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं और गांवों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क भंग हो गया है। स्थिति यह है कि क्षेत्र के लोग अभी बाढ़ की विभीषिका से उबरे भी नहीं थे कि, दोबारा बाढ़ ने दस्तक दे दी। जिसकी वजह से लोगों में दहशत फैल गया है और लोग ऊंचे स्थानों के तरफ पलायन कर रहे हैं। इधर पानी का दबाव बढ़ने से क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ बाढ़ का पानी फैलने लगा है।

वही दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन ने कहा कि तारडीह प्रखंड के ककोढा, घनश्यामपुर प्रखंड के कुमरौल गांव के पास जुलाई माह में तटबंध टूटने के बाद, जो अस्थाई तटबंध का निर्माण किया गया था। कमला नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण ओवरफ्लो कर टूट गया है। जिस वजह से आसपास के गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। वहीं उन्होंने कहा कि तारडीह प्रखंड के ककोढा पंचायत के 3 गांव और घनश्यामपुर प्रखंड के 4 गांव प्रभावित हुए हैं। वहीं उन्होंने कहा कि गौरा बौराम प्रखंड के मनसारा पंचायत के आसपास के खेतों में बाढ़ का पानी फैला है।


Conclusion:वही जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को बिगड़ता देख हमलोगों ने तारडीह में दो समुदाय किचेन तथा घनश्यामपुर में भी दो समुदाय रसोई चालू किया है। जहां बाढ़ पीड़ितों को रहने के साथ ही खाना दिया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि कुशेस्वरस्थान और घनश्यामपुर के कुछ इलाकों में बाढ़ का पानी आ जाने के चलते आवागमन ठप हो गया था। जिसके देखते हुए उन दोनों जगहों पर दो-दो सरकारी नाव दिया गया है। ताकि लोगो को आवागमन में किसी प्रकार का कठनाई ना हो। वही उन्होंने कहा कि हमलोग बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और उम्मीद करते है कि एक-दो दिन में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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डॉ त्यागराजन, जिलाधिकारी दरभंगा
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