दरभंगा: बिहार के दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (Lalit Narayan Mithila University) के हिंदी विभाग के एक सहायक प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुमार (Assistant Professor Akhilesh Kumar) पर विभाग की छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने का आरोप लगा है. वे छात्रों को गवर्नर का रिश्तेदार होने की धौंस देता है. छात्र-छात्राओं के साथ गाली-गलौज करता है और उनका करियर बिगाड़ देने की धमकी भी देता है. इसको लेकर छात्र-छात्राओं ने हिंदी विभागाध्यक्ष से शिकायत की लेकिन जब इसका कोई परिणाम नहीं निकला तो उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति के पास पहुंच कर शिक्षक के खिलाफ लिखित शिकायत की हैं. जिसकी जांच की जा रही है.
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'नोट्स के लिए रूम में बुलाते हैं': पीड़ित छात्राओं ने बताया कि वो लड़कियों को नोट्स देने के लिए रूम में बुलाते हैं. जबकि वो नोट्स क्लास में भी दे सकते हैं. यही नहीं लड़कियों को ज्यादा अपने रूम पर बुलाने का दबाव डालते हैं. कई छात्राओं ने उनके इस टॉर्चर से तंग आकर फैकेल्टी आना छोड़ दिया. रात में व्हाट्सएप पर कॉल करते हैं ताकि रिकॉर्डिंग ना हो सके. वहीं दूसरी छात्रा ने सीधे सीधे उन्हें चरित्रहीन बताया. लड़की ने कहा कि टीचर की नीयत ही खराब है.
LNMU छात्राओं का प्रदर्शन : छात्राओं से अश्लील हरकत करने वाले ललित नारायण मिथिला विवि के प्रोफेसर डॉ. अखिलेश कुमार की बर्खास्तगी, परीक्षा परिणाम में घोषित करने में देरी और रिजल्ट में गड़बड़ियों को दुरुस्त करने की मांग को लेकर छात्र सड़क पर उतर आए. इसको लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के छात्र-छात्राओं ने विवि मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. इसमें दरभंगा, समस्तीपुर, मधुबनी और बेगूसराय के छात्र-छात्राएं शामिल हुए. छात्रों ने विवि में एक प्रतिरोध मार्च निकाला और विवि मुख्यालय में वीसी कार्यालय के पास पहुंचकर जमकर नारेबाजी की. छात्रों ने परीक्षा विभाग के पास भी नारेबाजी की और उसे बंद करा दिया.
'मिथिला विवि के कुछ प्रोफेसर लगातार आरोपों में घिरे रहते हैं. कुछ समय पहले फिजिक्स डिपार्टमेंट के एक शिक्षक की हरकतों के चलते उन्हें हटाया गया. अभी हिंदी विभाग में जो घटना हुई है, वह निंदनीय है. अभी तक ना तो डिपार्टमेंट और न ही विश्वविद्यालय ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है. मिथिला विवि के वीसी भी उस एक छोटे से प्रोफेसर पर कार्रवाई के मामले में पंगु बनकर रह गए हैं. आरोपी प्रोफेसर कहते हैं कि उप मुख्यमंत्री मेरे रिलेशन में आते हैं और राज्यपाल मेरे चाचा लगते हैं तो वीसी मेरा क्या बिगाड़ लेगा. ये विद्यार्थियों पर धौंस जमाता है. चाहे उपमुख्यमंत्री या राज्यपाल हों किसी की धौंस छात्र बर्दाश्त नहीं करेगा.' - मयंक कुमार, जिला सचिव, आइसा
शिक्षक पर अश्लील हरकत करने का आरोप : विवि ने इस मामले को आंतरिक जांच समिति के पास भेज दिया है. एक छात्रा ने बताया कि हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुमार नोट्स देने के बहाने उसे अपने घर बुलाते रहते हैं. रात में कॉल करते हैं, वाट्सएप पर कॉल करते हैं. ताकि रिकॉर्डिंग न हो सके. छात्रा ने कहा कि कॉल नहीं उठाने के बाद भी वे कॉल करते रहते हैं. वाट्सएप स्टेटस लगाने पर इमोजी भेजते हैं. उसने कहा कि वे चरित्रहीन हैं.
'उन्हें नोट्स अगर देना है तो वे क्लास में भी दे सकते हैं लेकिन रूम पर ही बुलाते हैं. वह भी लड़कियों को ज्यादा बुलाते हैं, उनकी हरकतों के चलते कई लड़कियों ने क्लास ही छोड़ दी. उन लोगों ने डिपार्टमेंट में शिकायत की थी. वहां से जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उन लोगों ने वीसी के पास शिकायत की. उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्हें विभाग से निकाला जाना चाहिए. डॉ. अखिलेश कुमार मां-बहन को गाली देते हैं. वे धमकाते रहते हैं कि अगर मेरे साथ नहीं रहोगी तो तुम्हारा पीजी-पीआरटी नहीं होने देंगे. शिक्षक की नीयत खराब है.' - पीड़ित छात्राएं
'डॉ. अखिलेश कुमार उसे मानसिक तौर पर प्रताड़ित करते हैं. वे कहते हैं कि दूसरे शिक्षकों के खिलाफ लिखित शिकायत करो. 28 जुलाई को शिक्षक ने उसे कॉल करके मां-बहन की गाली दी और धमकाया. वे खुद को गवर्नर फागू चौहान का रिश्तेदार बताकर धमकी देता है. वे कहते हैं कि विभागाध्यक्ष उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं, तो तुम क्या बिगाड़ लोगे.' - सुरेश कुमार, पीजी छात्र
'हिंदी विभाग के अध्यक्ष का एक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ था और कई छात्र संगठनों का भी दो दिन पूर्व पत्र प्राप्त हुआ है. विवि में एक इंटरनल कंप्लेंट काउंसिल है. उसमें मामले को उस काउंसिल में फॉरवर्ड कर दिया गया है. चूंकी उसमें एक लड़की से संबंधित मामला था, इसलिए उसकी गहन जांच के लिए सरकार की तरफ से बनी एक कमेटी को भेजा गया है. इस कमेटी की सदस्य महिला शिक्षक होती हैं. प्रतिकुलपति (प्रो. डॉली सिन्हा) उसकी हेड होती हैं. उसमें जो निर्णय होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. छात्राओं को वाट्सएप कॉल करना और अर्धनग्न तस्वीर भेजना अमर्यादित है. शैक्षणिक संस्थान में काम करनेवाले शिक्षकों और कर्मियों के लिए यह स्वीकार्य नहीं है. इसकी गहन जांच की जा रही है.' - प्रो. मुश्ताक अहमद, रजिस्ट्रार, एलएनएमयू