छपरा(सारण): कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के पहले और दूसरे वेव में पूरा विश्व कराहा. बिहार भी इससे अछूता नहीं था. दूसरे वेव में अस्पतालों के बाहर तड़पते मरीज और उन मरीजों के इलाज के लिए रोते-बिलखते, सरकार और प्रशासन को कोसते परिजनों को कौन भूल सकता है. यह नजारा बिहार की राजधानी पटना से लेकर हर जिले की थी. ऑक्सीजन की किल्लत ने तो कितने लोगों को असमय ही यमलोक पहुंचा दिया.
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बक्सर समेत अन्य इलाकों में गंगा घाटों पर लाशों के अंबार किसे याद नहीं हैं. अब कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona) की आशंका जतायी जा रही है. सरकार दावा कर रही है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी की जा रही है. ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं होगी. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) बार-बार कह रहे हैं कि भले ही कोरोना का टीका लग रहा है लेकिन कड़ाई कम नहीं होनी चाहिए. बिहार के मुखिया नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) भी बार-बार लोगों से कोरोना गाइडलाइंस (Corona Guidelines) का पालन करने की बात कहते हैं लेकिन आज की उनकी छपरा यात्रा को देखकर कहीं भी नहीं लगा कि बिहार पर कोरोना का खतरा है. ऐसा लग रहा था कि उन्होंने लोगों को अभयदान दिया है- 'नीतीश जी तो हइए हैं, कोरोना थोड़े ही होगा'.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज छपरा (Chapra) के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे थे. वहां पर उन्होंने लोगों को मिल रही सुविधाओं और सामुदायिक किचन का निरीक्षण किया. उन्होंने ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का भी जायजा लिया. मुख्यमंत्री ने सामुदायिक किचन मुसेपुर का निरीक्षण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री बाढ़ पीड़ितों से भी मिले. मुख्यमंत्री को एक दिव्यांग व्यक्ति ने अपनी आपबीती सुनाई और इसके साथ-साथ कई महिलाओं और पुरुषों ने भी बाढ़ से होने वाली परेशानी से सीएम को अवगत कराया.
इस दौरान जो भीड़ उमड़ी थी, उससे देखकर कहीं से भी ऐसा नहीं लग रहा था कि किसी को कोरोना का डर है. खुद मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ीं. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) की बात कौन कहे, अधिकांश लोगों ने तो मास्क भी नहीं पहना था. दो गज की दूरी तो दूर, भीड़ ऐसी कि जनसभा भी फीका लगे. हालांकि सीएम के दौरे के चलते सुरक्षा-व्यवस्था तो चाक-चौबंद थी लेकिन भीड़ के क्या कहने.
मुख्यमंत्री आज पटना से चलकर आरा के कई इलाकों से होते हुए वीर कुंवर सिंह सेतु (Veer Kunwar Singh Setu) के रास्ते सारण (Saran) पहुंचे. डोरीगंज, मूसेपुर, मौजमपुर, दिघवारा से बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन का निरीक्षण करते हुए वापस पटना चले गये. मूसेपुर में बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी है. डिस्पेंसरी के साथ वैक्सीनेशन केंद्र भी बनाया गया था, जहां बड़ी सख्या में महिलाओं और पुरुषों ने टीका लिया.
वहीं, ग्रामीणों ने कहा कि 6-7 दिन से बाढ़ (Flood In Bihar) का पानी बढ़ा हुआ है. इसके बाद भी प्रशासन ने अभी तक कोई मदद नहीं की. आज मुख्यमंत्री के आने की सूचना के बाद आनन-फानन में सामुदायिक किचन, स्वास्थ्य केंद्र, स्वच्छ पेयजल और नाव की व्यवस्था की गई है. इससे पहले यहां किसी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. मुख्यमंत्री के जाते ही सभी सुविधाएं बंद हो जाएंगी. जिला प्रशासन ने सिर्फ मुख्यमंत्री के दौरे के चलते विशेष व्यवस्था की थी.
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