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खतरे में है भागलपुर में रेल लाइनों की सुरक्षा, पुलिस बेपरवाह - उग्रवादी संगठनों

भागलपुर जंक्शन और इसके आसपास कई अवैध झुग्गी-झोपड़ियां बन गयी हैं. यहां 24 घंटे नशे का अवैध धंधा होता है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. जिला पुलिस और रेल पुलिस को इसकी चिंता ही नहीं है. पढ़ें विशेष रिपोर्ट.

Bhagalpur Junction
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Published : Sep 18, 2021, 10:11 AM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जंक्शन (Bhagalpur Junction) और इसके आसपास रेल लाइनों की सुरक्षा खतरे में है. दरअसल, यहां पटरियों के आसपास कई अवैध झुग्गी-झोपड़ियां बन गयी हैं. यहां 24 घंटे नशे का अवैध कारोबार (Illegal Drug Trade) होता है. आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी जमा होते हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही नाथनगर में पटरी को बम से उड़ाने की साजिश रची गई थी. उग्रवादी संगठनों (Extremist Organization) ने जब से भागलपुर स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी है, तब से खतरा और बढ़ गया है.

ये भी पढ़ें: भागलपुर: मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क का भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में, अक्टूबर से शुरू होगा काम

रेलवे किनारे बसी झुग्गी झोपड़ियों में खुलेआम नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. इस बात से ना तो जिला पुलिस अनजान है और ना ही रेल पुलिस. इसके बावजूद कोई ठोस कदम इन झुग्गी झोपड़ियों को हटाने के लिए नहीं उठाया जा रहा है. कार्रवाई के नाम पर जिला पुलिस और रेल पुलिस द्वारा महज खानापूर्ति की जाती रही है. ऐसा लगता है जैसे उन्हें किसी बड़ी घटना का इंतजार है.

कुछ दिन पूर्व नाथनगर स्टेशन के पास उग्रवादियों ने रेल पटरी को उड़ाने की साजिश रची थी. हालांकि बम को निष्क्रिय कर पुलिस ने उग्रवादियों के इस नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया था. कुछ दिन पूर्व उग्रवादियों ने भागलपुर रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी थी. धमकी देने वाले उग्रवादी नंदन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार उग्रवादी नंदन ने पुलिस के समक्ष भागलपुर जंक्शन को उड़ाने की साजिश की बात को स्वीकार किया था.

ये भी पढ़ें: दिव्यांग यात्रियों के लिए भागलपुर के सरकारी बस स्टैंड में बनेगा डिसएबल फ्रेंडली प्लेटफॉर्म

इसके बाद भी ना तो जिला पुलिस को फिक्र है और ना ही रेल पुलिस को इसकी चिंता है. रेल लाइन के किनारे ब्राउन शुगर की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. नशेड़ियों का दिन भर जमावड़ा रहता है. रोजाना 100 से डेढ़ सौ अनजान लोग उन झुग्गी-झोपड़ियों में आते-जाते दिखाई दे जाएंगे. इनमें से अधिकांश 18 से 25 साल के युवा होते हैं. वहीं, स्थानीय लोग कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर देते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दूर-दूर से लोग यहां आकर नशा करते हैं.

देखें रिपोर्ट

इनमें उग्रवादी संगठन के लोग भी हो सकते हैं. ऐसे संगठन के लोग पैसे की लालच देकर युवाओं को गुमराह कर अपने नापाक मंसूबों को आसानी से अंजाम दे सकते हैं. यही नहीं, भागलपुर जंक्शन के पास उत्तर दिशा में पटरी के किनारे रेलवे परिसर में कई दुकानें अवैध रूप से चलाई जा रही हैं. इन दुकानों में देर रात तक लोगों का जमावड़ा रहता है.

ये भी पढ़ें: भागलपुर: सुनहौला प्रखंड में नामांकन के दूसरे दिन 591 प्रत्याशियों ने दाखिल किया पर्चा

इस संबंध में रेल डीएसपी जमालपुर विनय राम ने बताया कि जंक्शन परिसर से बाहर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने व विधि-व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस की होती है. उन्होंने कहा कि झुग्गी झोपड़ी हटाने के लिए जिला पुलिस से पत्राचार कर उनके सहयोग से स्टेशन परिसर और पटरी के आसपास अवैध झुग्गी झोपड़ियों को हटाया जाएगा.

रेलवे पटरी के आस-पास अक्सर लूटपाट की घटनाएं होती हैं. संवेदनशील क्षेत्र होने के बाद भी ना तो और रेल और ना ही जिला पुलिस इन दुकानों को हटाने की दिशा में कार्रवाई करती है.

ये भी पढ़ें: नामांकन के दौरान कोरोना गाइडलाइन की अनदेखी, SDM ने चलाया मास्क चेकिंग अभियान

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जंक्शन (Bhagalpur Junction) और इसके आसपास रेल लाइनों की सुरक्षा खतरे में है. दरअसल, यहां पटरियों के आसपास कई अवैध झुग्गी-झोपड़ियां बन गयी हैं. यहां 24 घंटे नशे का अवैध कारोबार (Illegal Drug Trade) होता है. आपराधिक प्रवृत्ति के लोग भी जमा होते हैं. ऐसे में कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ दिन पहले ही नाथनगर में पटरी को बम से उड़ाने की साजिश रची गई थी. उग्रवादी संगठनों (Extremist Organization) ने जब से भागलपुर स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी है, तब से खतरा और बढ़ गया है.

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रेलवे किनारे बसी झुग्गी झोपड़ियों में खुलेआम नशीले पदार्थों का अवैध कारोबार बढ़ता ही जा रहा है. इस बात से ना तो जिला पुलिस अनजान है और ना ही रेल पुलिस. इसके बावजूद कोई ठोस कदम इन झुग्गी झोपड़ियों को हटाने के लिए नहीं उठाया जा रहा है. कार्रवाई के नाम पर जिला पुलिस और रेल पुलिस द्वारा महज खानापूर्ति की जाती रही है. ऐसा लगता है जैसे उन्हें किसी बड़ी घटना का इंतजार है.

कुछ दिन पूर्व नाथनगर स्टेशन के पास उग्रवादियों ने रेल पटरी को उड़ाने की साजिश रची थी. हालांकि बम को निष्क्रिय कर पुलिस ने उग्रवादियों के इस नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया था. कुछ दिन पूर्व उग्रवादियों ने भागलपुर रेलवे स्टेशन को उड़ाने की धमकी दी थी. धमकी देने वाले उग्रवादी नंदन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार उग्रवादी नंदन ने पुलिस के समक्ष भागलपुर जंक्शन को उड़ाने की साजिश की बात को स्वीकार किया था.

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इसके बाद भी ना तो जिला पुलिस को फिक्र है और ना ही रेल पुलिस को इसकी चिंता है. रेल लाइन के किनारे ब्राउन शुगर की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है. नशेड़ियों का दिन भर जमावड़ा रहता है. रोजाना 100 से डेढ़ सौ अनजान लोग उन झुग्गी-झोपड़ियों में आते-जाते दिखाई दे जाएंगे. इनमें से अधिकांश 18 से 25 साल के युवा होते हैं. वहीं, स्थानीय लोग कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर देते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दूर-दूर से लोग यहां आकर नशा करते हैं.

देखें रिपोर्ट

इनमें उग्रवादी संगठन के लोग भी हो सकते हैं. ऐसे संगठन के लोग पैसे की लालच देकर युवाओं को गुमराह कर अपने नापाक मंसूबों को आसानी से अंजाम दे सकते हैं. यही नहीं, भागलपुर जंक्शन के पास उत्तर दिशा में पटरी के किनारे रेलवे परिसर में कई दुकानें अवैध रूप से चलाई जा रही हैं. इन दुकानों में देर रात तक लोगों का जमावड़ा रहता है.

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इस संबंध में रेल डीएसपी जमालपुर विनय राम ने बताया कि जंक्शन परिसर से बाहर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने व विधि-व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला पुलिस की होती है. उन्होंने कहा कि झुग्गी झोपड़ी हटाने के लिए जिला पुलिस से पत्राचार कर उनके सहयोग से स्टेशन परिसर और पटरी के आसपास अवैध झुग्गी झोपड़ियों को हटाया जाएगा.

रेलवे पटरी के आस-पास अक्सर लूटपाट की घटनाएं होती हैं. संवेदनशील क्षेत्र होने के बाद भी ना तो और रेल और ना ही जिला पुलिस इन दुकानों को हटाने की दिशा में कार्रवाई करती है.

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