भागलपुर: भागलपुर के युवा वैज्ञानिक निक्की झा की प्रसिद्धि दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. उनके द्वारा बनाई गई सब्जी कोठी की तारीफ अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की (PM Narendra Modi praised Bhagalpur young scientist) है. पीएम ने निक्की झा को गुजरात की 'मिट्टी कूल' नामक संस्था के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी है. निक्की झा ने किसानों की सब्जियों को सुरक्षित रखने के लिए 'सब्जी कोठी' (Nikki Jha sabji kothi) का निर्माण किया है. ढाई हजार से लेकर दस हजार रुपये तक की सब्जी कोठी में लगभग एक माह तक सब्जियों को सुरक्षित रखा जा सकता है. पीएम 24 अप्रैल, 2022 को जम्मू दौरे पर थे. वहां के पल्ली गांव में पीएम नरेन्द्र मोदी ने सौर ऊर्जा या बिजली से चलने वाले उपकरणों का एक प्रदर्शनी में अवलोकन किया था.
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20-25 दिनों तक ताजी रखी जा सकती हैं सब्जियां: उन्होंने सब्जी कोठी से सब्जियां निकालकर देखीं और इसकी गुणवत्ता सेे वे काफी प्रभावित हुए थे. निक्की झा अभी हर माह दो सौ यूनिट सब्जी कोठी भागलपुर में असेंबल कर देश के विभिन्न राज्यों में भेज रहे हैं. सब्जी कोठी के एक माडल में 200 से 250 किलोग्राम सब्जियां 20-25 दिनों तक ताजी रखी जा सकती हैं. इसके ई-रिक्शा पर सेट किए जाने वाले दूसरे मॉडल में 300-350 किलोग्राम तक सब्जियां रखी जा सकती हैं. निक्की के मुताबिक पीएम मोदी उनके प्रोजक्ट से काफी प्रभावित हुए. उन्होंने किसानों और आम लोगों के फायदे के लिए वे मिट्टी कूल के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी. प्रधामंत्री की सलाह के बाद निक्की झा अपना प्रोजेक्ट तैयार करने में जुटे हैं. इसके लिए जल्द ही वे गुजरात के राजकोट निवासी मनसुख भाई प्रजापति से मुलाकात करेंगे.
किया है अनोखा अविष्कार: भागलपुर के नाथनगर नूरपुर के रहने वाले युवा साइंटिस्ट निक्की झा ने बहन रश्मि के साथ मिलकर एक अनोखा आविष्कार किया है, जिसका नाम सब्जी कोठी (Bhagalpur Nikki Jha Made Sabji Kothi ) रखा गया है. इस सब्जी कोठी को केंद्र सरकार ने स्टार्टअप इंडिया में भी शामिल कर लिया है. निक्की झा की सब्जी कोठी के आविष्कार को दिल्ली के विज्ञान भवन में यूथ अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है. निक्की को यह अवार्ड केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिया था, जिसके बाद सब्जी कोठी बिहार ही नहीं पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है.
क्या है सब्जी कोठी? :सब्जी कोठी एक चकोर नुमा जैकेट जैसे मटेरियल से बना हुआ बॉक्स है. इसमें सब्जी-फलों को स्टोर किया जाता है. सब्जी कोठी की खासियत है कि, इसे सोलर या बिजली से संचालित किया जा सकता है. यह बॉक्स मौसम के विपरीत तापमान को बनाकर सब्जियों और फलों को सुरक्षित और ताजा रखता है. इसमें 10 से 15 किलो तक सब्जियां रखी जा सकती है. 20 से 30 दिनों तक सब्जियां इस कोठी में खराब नहीं होती है. इसकी लागत महज 10,000 रुपये तक ही है. इसे ठेलानुमा छोटा चक्का लगाकर चलंत बनाया गया है ताकि, गली मोहल्ले में घूम घूमकर सब्जी और फल बेचने वाले हॉकर भी इसे आसानी से खरीद कर अपनी सब्जियां और फल बेच सकते हैं. इससे किसानों को लाभ तो होगा ही साथ ही साथ सब्जियों की बर्बादी भी नहीं होगी.
आईआईटी कानपुर में रिसर्च कर रहे हैं निक्की के झा: फिलहाल निक्की के झा आईआईटी कानपुर में हैं और रिसर्च कर रहे हैं. साथ ही साथ राज्य से उन्हें इस सब्जी कोठी का बड़ा ऑर्डर मिला है. जिसके लिए वह कई जगहों का दौरा भी कर रहे हैं. मीडिया से बात करते हुए निक्की के झा की बहन रश्मि झा कहती हैं कि, इस अविष्कार में उन्हें अपने भाई के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में काफी खुशी मिलती है.अविष्कार के इलेक्ट्रिकल पार्ट को निक्की के झा देखते हैं जबकि बेसिक बायोटेक्नोलॉजी से जुड़े पार्ट को उनकी बहन रश्मि झा देखती हैं. हालांकि नूरपुर में निक्की के झा का पूरा परिवार इस अविष्कार के साथ जुड़ गया है और ऑर्डर के हिसाब से सब्जी कोठी को तैयार कर रहा है.
"यह सब्जी कोठी उन किसानों के लिए वरदान साबित होगा जिनके आस पास स्टोरेज की फैसिलिटी नहीं है. जब तक किसान स्टोरेज रूम तक पहुंचते हैं तब तक उनका उत्पादन काफी हद तक खराब हो जाता है. किसानों को यहां तक पहुंचने में परेशानी होती है खर्च होता है सो अलग. लेकिन अब किसान आसानी से सब्जी कोठी में अपने फलों और सब्जियों को ताजा रख सकते हैं. छोटी सब्जी कोठी में 15-20 किलो तक सब्जी या फल रखे जा सकते हैं. जबकि इससे बड़ी कोठी (बॉक्स) में ज्यादा वजन रखा जा सकता है."- रश्मि झा, युवा वैज्ञानिक निक्की झा की बहन
भागलपुर से हुई निक्की झा की प्रारंभिक शिक्षा: निक्की के पिता सुनील झा कहलगांव में भौतिकी विज्ञान के शिक्षक हैं. वहीं मां रीना झा एक गृहणी हैं. बहन रश्मि झा बायोटेक्नोलॉजी की छात्रा हैं. निक्की झा की प्रारंभिक शिक्षा भागलपुर से हुई. दसवीं की परीक्षा गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर से 2009 में पास की. 2011 में नवयुग विद्यालय से 12वीं उत्तीर्ण करने के बाद 2016 में जीएल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलेजी एंड मैनेजमेंट, नोएडा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया.
2018 में इकोलॉजी एंड इंवायरमेंटल साइंस में मास्टर की डिग्री ली है. वर्तमान में निक्की के झा आईआईटी कानपुर से रिसर्च कर रहे हैं और साथ ही साथ उन्होंने स्टार्टअप के तहत अपनी एक कंपनी "सप्तकृषि साइंटिफिक प्राइवेट लिमिटेड" भी बनाई है. जिसके तहत सब्जी कोठी जैसा अविष्कार किया गया है. निक्की के झा को सब्जी कोठी के साथ ही पूर्व के आविष्कार के लिए भी कई अवार्ड मिल चुके हैं. निक्की ने कोल्ड स्टोरेज, सोलर ऑफ कोल्ड स्टोरेज जैसे अविष्कार भी किए हैं. उन्हें पर्यावरण रत्न अवार्ड, साइंस, आर्ट एंड मैनेजमेंट अवार्ड, ग्लोबल यूथ एंटरप्रेन्योरशिप, यंगेस्ट ऑथर अवार्ड पहले भी मिला चुका है.
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