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ETV भारत की खबर का असर, भागलपुर रेलवे स्टेशन पर लगी शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर

मालदा डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने अपने अधिकारी को शरत चंद्र की तस्वीर को प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय में लगाने का निर्देश दिया था, जिसे प्रतीक्षालय में लगा दिया गया है.

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Published : Feb 2, 2020, 8:45 AM IST

Updated : Feb 2, 2020, 10:28 PM IST

भागलपुर: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. रेलवे स्टेशन पर शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर लगाई गई. इसको लेकर उनके रिश्तेदार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. उनके ननिहाल के रिश्तेदार शांतनु गांगुली ने कहा कि अब शरत चंद्र की तस्वीर देखकर कहेंगे कि उनका संबंध भागलपुर की धरती से भी है.

देवदास के रचयिता थे शरत
बता दें कि शरत चंद्र चट्टोपाध्याय एक प्रख्यात उपन्यासकार थे, जिनकी रचना पर देवदास और परिणीता जैसी फिल्में भी बनाई गई है. ऐसे उपन्यासकार की छवि वर्तमान में भागलपुर में देखने को नहीं मिलती है. इस वजह से बिहार बंगाली एसोसिएशन के साथ ही शरत चंद्र के रिश्तेदार ने मालदा डिवीजन के डीआरएम से उनकी तस्वीर लगाने की मांग की थी.

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ईटीवी भारत को धन्यवाद देते सरत चंद्र के रिश्तेदार

डीआरएम ने दिया था तस्वीर लगाने का निर्देश
इसको लेकर मालदा डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने अपने अधिकारी को शरत चंद्र की तस्वीर को प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय में लगाने का निर्देश दिया था, जिस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. शरत चंद्र की तस्वीर को प्रतीक्षालय में लगा दिया गया है. तस्वीर को लगाए जाने के बाद बिहार बंगाली एसोसिएशन एवं सरत चंद्र के रिश्तेदार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

भागलपुर के ही गलियारे में गुजरा बचपन
बता दें कि शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का बचपन भागलपुर के ही गलियारे में गुजरा है. बचपन की पढ़ाई से लेकर युवावस्था तक शरत भागलपुर से जुड़े रहे. अपनी देवदास जैसी उपन्यास लिखी, जिसके ऊपर बॉलीवुड में फिल्म भी बनी और फिल्म ने करोड़ों रुपये कमाए. लेकिन, देवदाव का नाम कहीं न कहीं गुमनामी के अंधेरे में गुम होता दिखाई दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

हर साल उन्हें किया जाता है याद
शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की स्मृति एवं उनकी कृति को समाज में जीवंत रखने के लिए हर साल दुर्गा चरण और उनके ननिहाल में उनकी जन्मतिथि और पुण्यतिथि मनाई जाती है. शरत मूल रूप से बंगाल के हुगली के रहने वाले थे.

विष्णु प्रभाकर ने लिखी उनकी जीवनी
भागलपुर में अपना बचपन और युवावस्था बिताने के बाद वो वापस बंगाल चले गए. लेकिन, उनकी 2 प्रमुख रचनाएं देवदास और परिणीता उन्होंने भागलपुर मं ही लिखी थी. मशहूर लेखक विष्णु प्रभाकर ने 'आवारा मसीहा' नाम से उनकी मशहुर जीवनी लिखी थी.

भागलपुर: ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. रेलवे स्टेशन पर शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर लगाई गई. इसको लेकर उनके रिश्तेदार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है. उनके ननिहाल के रिश्तेदार शांतनु गांगुली ने कहा कि अब शरत चंद्र की तस्वीर देखकर कहेंगे कि उनका संबंध भागलपुर की धरती से भी है.

देवदास के रचयिता थे शरत
बता दें कि शरत चंद्र चट्टोपाध्याय एक प्रख्यात उपन्यासकार थे, जिनकी रचना पर देवदास और परिणीता जैसी फिल्में भी बनाई गई है. ऐसे उपन्यासकार की छवि वर्तमान में भागलपुर में देखने को नहीं मिलती है. इस वजह से बिहार बंगाली एसोसिएशन के साथ ही शरत चंद्र के रिश्तेदार ने मालदा डिवीजन के डीआरएम से उनकी तस्वीर लगाने की मांग की थी.

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ईटीवी भारत को धन्यवाद देते सरत चंद्र के रिश्तेदार

डीआरएम ने दिया था तस्वीर लगाने का निर्देश
इसको लेकर मालदा डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने अपने अधिकारी को शरत चंद्र की तस्वीर को प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय में लगाने का निर्देश दिया था, जिस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. शरत चंद्र की तस्वीर को प्रतीक्षालय में लगा दिया गया है. तस्वीर को लगाए जाने के बाद बिहार बंगाली एसोसिएशन एवं सरत चंद्र के रिश्तेदार ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया है.

भागलपुर के ही गलियारे में गुजरा बचपन
बता दें कि शरत चंद्र चट्टोपाध्याय का बचपन भागलपुर के ही गलियारे में गुजरा है. बचपन की पढ़ाई से लेकर युवावस्था तक शरत भागलपुर से जुड़े रहे. अपनी देवदास जैसी उपन्यास लिखी, जिसके ऊपर बॉलीवुड में फिल्म भी बनी और फिल्म ने करोड़ों रुपये कमाए. लेकिन, देवदाव का नाम कहीं न कहीं गुमनामी के अंधेरे में गुम होता दिखाई दे रहा है.

पेश है रिपोर्ट

हर साल उन्हें किया जाता है याद
शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की स्मृति एवं उनकी कृति को समाज में जीवंत रखने के लिए हर साल दुर्गा चरण और उनके ननिहाल में उनकी जन्मतिथि और पुण्यतिथि मनाई जाती है. शरत मूल रूप से बंगाल के हुगली के रहने वाले थे.

विष्णु प्रभाकर ने लिखी उनकी जीवनी
भागलपुर में अपना बचपन और युवावस्था बिताने के बाद वो वापस बंगाल चले गए. लेकिन, उनकी 2 प्रमुख रचनाएं देवदास और परिणीता उन्होंने भागलपुर मं ही लिखी थी. मशहूर लेखक विष्णु प्रभाकर ने 'आवारा मसीहा' नाम से उनकी मशहुर जीवनी लिखी थी.

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सरत चंद्र चट्टोपाध्याय के रिश्तेदार ने भागलपुर स्टेशन में तस्वीर लगाए जाने पर ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद

अब लोग भागलपुर आने जाने वाले लोग स्टेशन में शरद चंद चट्टोपाध्याय की तस्वीर देखकर कहेंगे कि शरद चंद्र चट्टोपाध्याय का संबंध भागलपुर की धरती से भी है ऐसा शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के ननिहाल के रिश्तेदार शांतनु गांगुली का कहना है शरत चंद्र चट्टोपाध्याय एक प्रख्यात उपन्यासकार थे जिनकी रचना पर देवदास और परिणीता जैसे फिल्म भी बॉलीवुड एवं अन्य फिल्म जगत के द्वारा बनाया गया है वैसे उपन्यासकार की छवि आज भागलपुर में देखने को नहीं मिलती है जिसे लेकर बिहार बंगाली एसोसिएशन एवं शरत चंद चट्टोपाध्याय के रिश्तेदार को काफी दुख हो रहा था उन्होंने भागलपुर स्टेशन पर सदन चट्टोपाध्याय की तस्वीर लगाने की मांग मालदा डिवीजन के डीआरएम से की थी जिसे ईटीवी भारत में प्रमुखता से दिखाया था।


Body:खबर के बाद मालदा डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने अपने अधिकारी को सदा चंद्र चट्टोपाध्याय की तस्वीर को प्रथम श्रेणी के प्रतीक्षालय में लगाने का निर्देश दिया जिसे प्रतीक्षालय में लगा दिया गया है तस्वीर को लगाए जाने के बाद बिहार बंगाली एसोसिएशन एवं सरत चंद्र चट्टोपाध्याय के ननिहाल के रिश्तेदार काफी खुश हैं उन्होंने ईटीवी भारत को इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया है शरद चंद चट्टोपाध्याय का बचपन भागलपुर के ही गलियारे में गुजरा था बचपन की पढ़ाई से लेकर युवावस्था तक शरत भागलपुर से जुड़े रहे और अपनी रचना लिखकर है आज अजीत उपन्यास देवदास के ऊपर बॉलीवुड एवं अन्य फिल्म इंडस्ट्री ने करो रुपए तो जरूर कमा लिए लेकिन देवदास का नाम कहीं ना कहीं गुमनामी के अंधेरे में गुम होता दिखाई दे रहा है।


Conclusion:बिहार बंगाली समिति एसोसिएशन बंगाली समुदाय से आने वाले शरत चंद्र चट्टोपाध्याय की स्मृति एवं उनकी कृति को समाज में जीवंत रखना चाहता है जिसके लिए लगातार शरद चंद चट्टोपाध्याय की जयंती एवं पुण्यतिथि को दुर्गा चरण में मनाया जाता है और साथ ही साथ शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के ननिहाल में भी शरद के जन्मदिन एवं पुण्यतिथि को मनाया जाता है शरत चंद् चट्टोपाध्याय मूल रूप से बंगाल के हुगली के रहने वाले थे बाद में शरद भागलपुर से रुखसत होकर बंगाल चले गए लेकिन उनकी दो प्रमुख रचनाएं देवदास और परिणीता उन्होंने भागलपुर में ही लिखी शरत चंद्र चट्टोपाध्याय कि जीवन के ऊपर मशहूर लेखक विष्णु प्रभाकर ने आवारा मसीहा लिखा था जिसमें शरतचंद् चट्टोपाध्याय की जीवनी को लिखा गया था ।

बाइट शांतनु गांगुली शरद चंद् के रिश्तेदार भागलपुर
Last Updated : Feb 2, 2020, 10:28 PM IST
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