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भागलपुर: बरारी वाटर वर्क्स के कच्चे चैनल से शहर वासियों को सप्लाई हो रहा गंदा पानी

बारिश का मौसम शुरू होते ही लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई है. इस मौसम में कच्चे चैनल में मिट्टी भर जाती है, जिससे उसमें गंदा पानी भी चला जाता. कच्चे चैनल से पानी बरारी वाटर वर्क्स तक जाता है, वहां से ट्रीटमेंट के बाद इसे शहरों में सप्लाई किया जा रहा है. इसके बावजूद भी उसमें गंदगी रह जाती है.

Barari Water Works
Barari Water Works
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Published : Jun 22, 2020, 8:13 PM IST

भागलपुर: नगर निगम क्षेत्र के बरारी पिपलीधाम में लगे वाटर वर्क्स कच्चे चैनल्स से लोगों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है. बरारी वाटर वर्क्स से शहर के 12 वार्ड में पानी की सप्लाई की जाती है. लंबे समय से इस चैनल की यही स्थिति बनी हुई है. कच्चे चैनल से ही शहर वासियों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है.

लोगों की बढ़ी परेशानी
बारिश का मौसम शुरू होते ही लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई है. इस मौसम में कच्चे चैनल में मिट्टी भर जाती है, जिससे उसमें गंदा पानी भी चला जाता. कच्चे चैनल से पानी बरारी वाटर वर्क्स तक जाता है, वहां से ट्रीटमेंट के बाद इसे शहरों में सप्लाई किया जा रहा है. इसके बावजूद भी उसमें गंदगी रह जाती है. पिछले साल भी लोगों को इसी तरह की परेशानी हुई थी. इस साल भी तस्वीर जस की तस है. इससे लोगों में नगर निगम के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है.

Barari Water Works
कच्चे चैनल से सप्लाई हो रहा गंदा पानी

बरारी वाटर वर्क्स में पानी को प्यूरीफाई कर ही शहर में सप्लाई
बुडको के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि वहां का काम तो अब नगर निगम देखता है. हमने वो काम हैंड ओवर कर दिया. हालांकि उन्होंने बताया कि पानी तो गंगा से ही लेते हैं. कच्चा चैनल बनाकर और चैनल में पहले फिल्टर लगा दिया गया है जिससे कि गंदा पानी ना जाए. इसके बाद पानी को इंटेक वेल में डाला जाता है. उन्होंने कहा कि बरारी वाटर वर्क्स में पानी को प्यूरीफाई कर ही शहर में सप्लाई किया जाता है. इसके अलावा समय-समय पर पानी की टेस्टिंग भी कराई जाती है.

39 वार्डों में बोरिंग के सहारे ही पानी की व्यवस्था
शहरवासियों को उनकी जरूरत का आधा पानी भी नहीं मिल पा रहा है. शहर के 51 वार्डों में गर्मी के मौसम में लगभग 60 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. बरारी वाटर वर्क्स से रोजाना महज 13 एमएलडी पानी की ही सप्लाई होती है. वो भी सिर्फ 12 वार्ड तक ही पहुंच पाता है. बाकी 39 वार्डों में बोरिंग के सहारे ही पानी की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चापाकल और प्याऊ की स्थिति खराब
शहर में चापाकल और प्याऊ की स्थिति भी खराब है. लंबे समय से खराब पड़े चापाकल को ठीक कराने का जो काम किया जा रहा है उसकी गति धीमी है. ज्यादातर प्याऊ भी खराब पड़े हैं. कहीं मोटर खराब, तो कहीं बिजली का कनेक्शन नहीं होने की वजह से प्याऊ खराब पड़े हैं. वहीं शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लगे नल से पानी बर्बाद भी हो रहा है.

भागलपुर: नगर निगम क्षेत्र के बरारी पिपलीधाम में लगे वाटर वर्क्स कच्चे चैनल्स से लोगों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है. बरारी वाटर वर्क्स से शहर के 12 वार्ड में पानी की सप्लाई की जाती है. लंबे समय से इस चैनल की यही स्थिति बनी हुई है. कच्चे चैनल से ही शहर वासियों को गंदा पानी पिलाया जा रहा है.

लोगों की बढ़ी परेशानी
बारिश का मौसम शुरू होते ही लोगों की परेशानी और भी बढ़ गई है. इस मौसम में कच्चे चैनल में मिट्टी भर जाती है, जिससे उसमें गंदा पानी भी चला जाता. कच्चे चैनल से पानी बरारी वाटर वर्क्स तक जाता है, वहां से ट्रीटमेंट के बाद इसे शहरों में सप्लाई किया जा रहा है. इसके बावजूद भी उसमें गंदगी रह जाती है. पिछले साल भी लोगों को इसी तरह की परेशानी हुई थी. इस साल भी तस्वीर जस की तस है. इससे लोगों में नगर निगम के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है.

Barari Water Works
कच्चे चैनल से सप्लाई हो रहा गंदा पानी

बरारी वाटर वर्क्स में पानी को प्यूरीफाई कर ही शहर में सप्लाई
बुडको के कार्यपालक अभियंता राजेश कुमार ने कहा कि वहां का काम तो अब नगर निगम देखता है. हमने वो काम हैंड ओवर कर दिया. हालांकि उन्होंने बताया कि पानी तो गंगा से ही लेते हैं. कच्चा चैनल बनाकर और चैनल में पहले फिल्टर लगा दिया गया है जिससे कि गंदा पानी ना जाए. इसके बाद पानी को इंटेक वेल में डाला जाता है. उन्होंने कहा कि बरारी वाटर वर्क्स में पानी को प्यूरीफाई कर ही शहर में सप्लाई किया जाता है. इसके अलावा समय-समय पर पानी की टेस्टिंग भी कराई जाती है.

39 वार्डों में बोरिंग के सहारे ही पानी की व्यवस्था
शहरवासियों को उनकी जरूरत का आधा पानी भी नहीं मिल पा रहा है. शहर के 51 वार्डों में गर्मी के मौसम में लगभग 60 एमएलडी पानी की जरूरत होती है. बरारी वाटर वर्क्स से रोजाना महज 13 एमएलडी पानी की ही सप्लाई होती है. वो भी सिर्फ 12 वार्ड तक ही पहुंच पाता है. बाकी 39 वार्डों में बोरिंग के सहारे ही पानी की व्यवस्था की गई है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

चापाकल और प्याऊ की स्थिति खराब
शहर में चापाकल और प्याऊ की स्थिति भी खराब है. लंबे समय से खराब पड़े चापाकल को ठीक कराने का जो काम किया जा रहा है उसकी गति धीमी है. ज्यादातर प्याऊ भी खराब पड़े हैं. कहीं मोटर खराब, तो कहीं बिजली का कनेक्शन नहीं होने की वजह से प्याऊ खराब पड़े हैं. वहीं शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर लगे नल से पानी बर्बाद भी हो रहा है.

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