भागलपुर: राजस्थान के उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड (Bihar Connection of Kanhaiyalal Murder Case) का कनेक्शन अब बिहार के भागलपुर से निकल गया है. भागलपुर के रहने वाले मुफ्ती मुनव्वर हुसैन अशर्फी (Mufti Munawwar Hussain Asharfi) को एनआईए की टीम ने हिरासत में लेकर पूछताछ की है. मौलाना अशर्फी को 14 जुलाई को जयपुर में पेश होने का नोटिस भी मिला है. मुफ्ती मुनव्वर अशर्फी भागलपुर के माछीपुर का रहने वाला है, जिसे एनआईए ने मंगलवार को हैदराबाद के संतोष नगर में धर दबोचा. NIA की टीम ने उसे 14 जुलाई को जयपुर में पुलिस अधीक्षक, एनआईए के सामने पेश होने को कहा है. इसको लेकर उसे एक नोटिस भी दिया गया है.
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उदयपुर मर्डर केस का तार भागलपुर से जुड़ा : NIA ने मुनव्वर अशर्फी को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है. लेकिन उसे जयपुर में पेश होने को कहा गया है. हैदराबाद पहुंची एनआईए की टीम ने मुफ्ती मुनव्वर अशर्फी के घर की तलाशी ली है. मिली जानकारी के मुताबिक कन्हैयालाल हत्याकांड से जुड़े एक संदिग्ध ने मुनव्वर अशर्फी को फोन किया था. मुफ्ती मुनव्वर हुसैन अशर्फी ऑनलाइन क्लास भी चलाता है. फिलहाल वह हैदराबाद में रहता है और उसे एनआईए अधिकारियों की एक टीम ने हैदराबाद के संतोष नगर इलाके के एक होटल से हिरासत में लिया.
भागलपुर के मुफ्ती को NIA ने हिरासत में लिया : गौरतलब है कि उदयपुर के दर्जी कन्हैया लाल की हत्या की जांच एनआईए कर रही है. मामले की जांच कर रही एनआईए ने कथित तौर पर आरोपी के कॉल डेटा में बिहार के एक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला है. उस व्यक्ति के हैदराबाद में होने की सूचना मिली. जांच एजेंसी उससे दोनों आरोपियों से संबंधों के बारे में पूछताछ की है. बता दें कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की ईशनिंदा वाली टिप्पणी का समर्थन करने पर 28 जून को कुछ लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या कर दी थी. कन्हैयालाल हत्या मामले में एनआईए की टीम ने दोनों आरोपी के साथ-साथ उदयपुर से एक आरोपी को गिरफ्तार किया. इस जघन्य हत्याकांड में अब तक कुल 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. मंगलवार देर रात को एनआईए की टीम ने मोहसिन नाम के आरोपी को दबोचा. निर्मम हत्या मामले में अब तक 6 से 7 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है.
'दो बेटी है और एक बेटा है. इसी बार वो बेटा-बेटी को रख कर गए हैं, पहले वो अपने साथ ही रखते थे. माई-बाप मजबूर हैं. पहले परिवार को साथ ही तेलंगाना में रखते थे. लॉकडाउन के बाद यहां परिवार को छोड़ दिए थे.' - मोहम्मद इश्तियाक आलम, मुफ्ती मुनव्वर अशर्फी के ससुर
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