ETV Bharat / city

बैंक कर्मियों की हड़ताल काे मिला अजीत शर्मा का समर्थन, कहा- निजीकरण का विरोध जरूरी

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने बैंकों के निजीकरण के मुद्दे पर बैंक कर्मियों की हड़ताल (Bank Employees Strike) का समर्थन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक के बाद एक सरकारी संस्थाओं को बेच रही है. इसके खिलाफ बैंक कर्मियों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करना होगा.

Ajit Sharma
Ajit Sharma
author img

By

Published : Dec 19, 2021, 5:03 PM IST

भागलपुर: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) के खिलाफ 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. यूएफबीयू के आह्वान पर पूरे भारतवर्ष में सभी बैंकों के कर्मी 2 दिन हड़ताल पर थे. अब बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा (Bihar CLP leader Ajit Sharma) ने बैंक कर्मियों की हड़ताल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि निजीकरण का विरोध जायज है. केंद्र की सरकार सरकारी संस्थाओं को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों बेचना चाह रही है. बैंक कर्मी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में है.

ये भी पढ़ें: आजादी का अमृत महोत्सव: स्टेट बैंक करेगा भागलपुर में ग्रीन मैराथन का आयोजन

उन्होंने कहा कि भारत जब आजाद हुआ तो कांग्रेस पार्टी की सरकार ने देश में बड़े-बड़े सरकारी संस्थाओं की स्थापना की. इनमें युवाओं को रोजगार मिला लेकिन वर्तमान की नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन संस्थानओं को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों बेचना शुरू कर दिया है. शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार के 4-5 चहेते उद्योगपति हैं. इनके हाथों केंद्र सरकार बिक गई है. धीरे-धीरे सभी सरकारी संस्थाओं को उन उद्योगपतियों को बेचा जा रहा है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैंक कर्मियों की हड़ताल सफलतापूर्वक संपन्न हुई. हड़ताल को देश भर में भारी समर्थन मिला. बैंक कर्मियों ने केंद्र की सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अब सरकार के खिलाफ और उनके निर्णय के खिलाफ सभी बैंक कर्मियों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करने की जरुरत है जिससे कि सरकार हिल जाये.

शर्मा कहा कि वर्तमान सरकार ने रेलवे और एयर इंडिया को बेच दिया है. अब बैंक को बेचने का काम शुरू किया है. यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी संस्थाएं यदि सरकार के कंट्रोल में नहीं रहेंगी तो युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगी. एक समय किसान भाई भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत थे. अंततः सरकार किसान के आगे झुकी और कानून को वापस लेना पड़ा. उसी तरह बैंक कर्मियों को भी हड़ताल करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: भागलपुर: पूर्व मुखिया की हत्या मामले में 3 दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

भागलपुर: यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने बैंकों के निजीकरण (Privatization of Banks) के खिलाफ 16 और 17 दिसंबर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. यूएफबीयू के आह्वान पर पूरे भारतवर्ष में सभी बैंकों के कर्मी 2 दिन हड़ताल पर थे. अब बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा (Bihar CLP leader Ajit Sharma) ने बैंक कर्मियों की हड़ताल का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि निजीकरण का विरोध जायज है. केंद्र की सरकार सरकारी संस्थाओं को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों बेचना चाह रही है. बैंक कर्मी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी उनके समर्थन में है.

ये भी पढ़ें: आजादी का अमृत महोत्सव: स्टेट बैंक करेगा भागलपुर में ग्रीन मैराथन का आयोजन

उन्होंने कहा कि भारत जब आजाद हुआ तो कांग्रेस पार्टी की सरकार ने देश में बड़े-बड़े सरकारी संस्थाओं की स्थापना की. इनमें युवाओं को रोजगार मिला लेकिन वर्तमान की नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन संस्थानओं को कॉर्पोरेट घरानों के हाथों बेचना शुरू कर दिया है. शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार के 4-5 चहेते उद्योगपति हैं. इनके हाथों केंद्र सरकार बिक गई है. धीरे-धीरे सभी सरकारी संस्थाओं को उन उद्योगपतियों को बेचा जा रहा है.

कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा

उन्होंने कहा कि दो दिवसीय बैंक कर्मियों की हड़ताल सफलतापूर्वक संपन्न हुई. हड़ताल को देश भर में भारी समर्थन मिला. बैंक कर्मियों ने केंद्र की सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि अब सरकार के खिलाफ और उनके निर्णय के खिलाफ सभी बैंक कर्मियों को एकजुट होकर आवाज बुलंद करने की जरुरत है जिससे कि सरकार हिल जाये.

शर्मा कहा कि वर्तमान सरकार ने रेलवे और एयर इंडिया को बेच दिया है. अब बैंक को बेचने का काम शुरू किया है. यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने कहा कि बड़ी-बड़ी संस्थाएं यदि सरकार के कंट्रोल में नहीं रहेंगी तो युवाओं को रोजगार कैसे मिलेगी. एक समय किसान भाई भी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत थे. अंततः सरकार किसान के आगे झुकी और कानून को वापस लेना पड़ा. उसी तरह बैंक कर्मियों को भी हड़ताल करने की जरूरत है.

ये भी पढ़ें: भागलपुर: पूर्व मुखिया की हत्या मामले में 3 दोषियों को मिली आजीवन कारावास की सजा

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.