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मिसाल: ये हैं समाज के असली हीरो, कचरों में लिपटी जिंदगी को दे रहे उंची उड़ान भरने का हौसला - free education to children of poor sections

अजय की इस कोशिश ने अपना रंग दिखाया और उनके जैसे कुछ और युवक और युवतियां उनके साथ इस मुहिम में जुट गए. इस टीम में 4 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं.

बेगूसराय में स्थानीय युवा जगा रहे शिक्षा की अलख
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Published : Aug 21, 2019, 11:21 AM IST

Updated : Aug 21, 2019, 11:28 AM IST

बेगूसराय: स्थानीय युवा इंसानियत की नई मिसाल कायम कर रहे हैं. कुछ युवा मिलकर कचरों में अपनी जिंदगी तलाशते बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इनकी कोशिश से अब ये बच्चे एक सुंदर भविष्य का सपना संजो रहे हैं. युवाओं की ये टीम न सिर्फ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रही है बल्कि उन्हें तमाम संसाधन भी मुहैया करा रही है.

बेगूसराय में स्थानीय युवा जगा रहे शिक्षा की अलख

मिसाल बन गई युवाओं की कोशिश
अजय कुमार नाम के 20 वर्षीय युवक ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए कदम बढ़ाया. अजय कुमार की यह कोशिश अब एक मिसाल बन गई है. शिक्षक अजय ने पहले इन बच्चों और उनके परिवारों को जागरूक किया और बाद में इनकी तालीम और संसाधन के लिए लोगों से मदद जुटाई.

Team of youth giving free education to children in Begusara
अजय कुमार, शिक्षक

कोशिश ने दिखाया रंग
अजय की इस कोशिश ने अपना रंग दिखाया और उनके जैसे कुछ और युवक और युवतियां उनके साथ इस मुहिम में जुट गए. इस टीम में 4 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं. जिनकी मेहनत से अब एक बेहतर माहौल बना है. इसके कारण अब झुग्गी झोपड़ियों के दूसरे बच्चे भी इस स्कूल की ओर खींचे चले आ रहे हैं.

Team of youth giving free education to children in Begusara
पढ़ते बच्चे

अपनी जिंदगी से मिली प्रेरणा
शहर के पावर हाउस स्थित एक दुर्गा मंदिर में चलने वाला ये स्कूल अब उन बच्चों के लिए भी बसेरा बन गया है जिनकी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था. इन शिक्षकों का मानना है कि इसकी प्रेरणा भी उन्हें अपनी जिंदगी से मिली. क्योंकि उन्होंने भी इन्ही हालातों में गुजर बसर किया है. इसलिए इन बच्चों के भविष्य को संवारने की तमन्ना उनका मिशन है.

रंग ला रही शिक्षकों की मेहनत
शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही है. उनके बेहतर मार्गदर्शन का असर है कि बच्चों को पढ़ने में काफी दिलचस्पी जगी है. बच्चे अब अपने सुंदर भविष्य का सपना देख रहे हैं. बेगूसराय की शिक्षकों की यह टीम देश के गुरू-शिष्य की परंपरा का निर्वहन कर रही है.

बेगूसराय: स्थानीय युवा इंसानियत की नई मिसाल कायम कर रहे हैं. कुछ युवा मिलकर कचरों में अपनी जिंदगी तलाशते बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इनकी कोशिश से अब ये बच्चे एक सुंदर भविष्य का सपना संजो रहे हैं. युवाओं की ये टीम न सिर्फ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रही है बल्कि उन्हें तमाम संसाधन भी मुहैया करा रही है.

बेगूसराय में स्थानीय युवा जगा रहे शिक्षा की अलख

मिसाल बन गई युवाओं की कोशिश
अजय कुमार नाम के 20 वर्षीय युवक ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए कदम बढ़ाया. अजय कुमार की यह कोशिश अब एक मिसाल बन गई है. शिक्षक अजय ने पहले इन बच्चों और उनके परिवारों को जागरूक किया और बाद में इनकी तालीम और संसाधन के लिए लोगों से मदद जुटाई.

Team of youth giving free education to children in Begusara
अजय कुमार, शिक्षक

कोशिश ने दिखाया रंग
अजय की इस कोशिश ने अपना रंग दिखाया और उनके जैसे कुछ और युवक और युवतियां उनके साथ इस मुहिम में जुट गए. इस टीम में 4 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं. जिनकी मेहनत से अब एक बेहतर माहौल बना है. इसके कारण अब झुग्गी झोपड़ियों के दूसरे बच्चे भी इस स्कूल की ओर खींचे चले आ रहे हैं.

Team of youth giving free education to children in Begusara
पढ़ते बच्चे

अपनी जिंदगी से मिली प्रेरणा
शहर के पावर हाउस स्थित एक दुर्गा मंदिर में चलने वाला ये स्कूल अब उन बच्चों के लिए भी बसेरा बन गया है जिनकी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था. इन शिक्षकों का मानना है कि इसकी प्रेरणा भी उन्हें अपनी जिंदगी से मिली. क्योंकि उन्होंने भी इन्ही हालातों में गुजर बसर किया है. इसलिए इन बच्चों के भविष्य को संवारने की तमन्ना उनका मिशन है.

रंग ला रही शिक्षकों की मेहनत
शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही है. उनके बेहतर मार्गदर्शन का असर है कि बच्चों को पढ़ने में काफी दिलचस्पी जगी है. बच्चे अब अपने सुंदर भविष्य का सपना देख रहे हैं. बेगूसराय की शिक्षकों की यह टीम देश के गुरू-शिष्य की परंपरा का निर्वहन कर रही है.

Intro:दिल मे जज्बा हो और इरादों में कुछ करने की तम्मना ,तो हर मुश्किल को आसान बनाया जा सकता है । बेगुसराय में कुछ ऐसे ही युबा कचरों में अपनी जिंदगी तलासते बच्चो को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे है । इनकी कोशिश से अब ये बच्चे एक सुंदर भविष्य का सपना संजोने लगे है । युबाओ का ये दल न सिर्फ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रहा बल्कि तमाम तरह के संसाधन भी मुहैया करा रहे है ।


Body:एक बेहतर देश और समाज के लिए यह बेहद जरूरी है कि वहां के लोग शिक्षित हों। बेगूसराय में युवाओं की एक ऐसी ही टीम शिक्षा से वंचित बच्चों के बीच मुक्त शिक्षा का अलख जगाने का काम कर रहे हैं। इनकी कोशिश का परिणाम है कि बच्चे शिक्षा की मुख्यधारा से न सिर्फ जुड़ने लगे है बल्कि फटाफट हिंदी और इंग्लिश बोलकर अपनी काबलियत भी साबित करने लगे है ।।अत्यंत पिछडे समाज से आने वाले ये बच्चे या तो कचरा चुनने का काम करते थे या फिर इनका पढ़ने लिखने से दूर दूर तक कोई बेस्ट नही था । मजदूर और अत्यंत पिछड़े समाज से आने वाले ये बच्चे शिक्षा के मंदिर तक या तो नही पहुंच पाए या फिर पैसे के आभाव में शिक्षा की मंदिर से वापस आ गए । यैसे में अजय कुमार नामक 20 वर्षीय एक युवक ने इन बच्चो के भविष्य को संवारने के लिए कदम बढ़ाया । अजय कुमार की यह कोशिश जो अब एक मिसाल बन गई है काफी कठिनाइयो के दौर से गुजरा । अजय कुमार ने इन बच्चो और उनके माँ पिता को पहले जागरूक किया और बाद में इन बच्चो की तालीम और संसाधन के लिए लोगो से मदद ली । अजय की ये कोशिश रंग लाई और उनके जैसे कुछ और युबा उनके साथ मुफ्त शिक्षा दान में जूट गए । अजय का मानना है कि बर्तमान सरकारी शिक्षा व्यवस्था से नजर आते हैं।
बाइट - अजय कुमार
भियो - युबाओ की इस टीम में 4 लड़के और 2 लड़कियां शामिल जिनकी मेहनत से अब ये एक बेहतर माहौल।बना है । जिसकी बदौलत अब झोपड़पट्टी के दूसरे बच्चे भी अब इस पाठशाला की खींचे चले आ रहे हैं। शहर के पावर हाउस स्थित एक दुर्गा मंदिर में चलने वाला या शाम का पाठशाला अब उन बच्चों के लिए भी बसेरा बन गया है जिनकी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था । इन शिक्षकों का मानना है कि उनकी जिंदगी में भी पैसे का आभाव रहा जिसके कारण वो भी कुछ बेहतर नही कर सके । इसलिए इन बच्चो के भविष्य को संवारने की तम्मना उनके मन की उपज है ।
बाइट - अविनाश कुमार
भियो - शिक्षकों का मानना है की अमीर के बच्चे बड़े बड़े स्कूलों में पढ़ते है पर गरीब के बच्चे घर की दहलीज भी पर नही कर पाते । इसलिए इन बच्चो को एक बेहतर जिंदगी देने और इन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर संभब कोशिश कर रहा हूँ।
बाइट - चंदा कुमारी -
भियो - नवोदय और दिल्ली यूनिवरसिटी के के छात्र रह चुके अंकुर ठाकुर का मानना है कि वह अपनी ओर से हर तरह की मदद इन बच्चों को कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे ।उन्हें ऐसा करना सुकून देता है और अच्छा लगता है।
बाइट - अंकुर ठाकुर
भियो - वही कल तक कौआ का भी ज्ञान नहीं रखने वाले बच्चे आज अपने सुंदर भविष्य का सपना देख रहे हैं । शिक्षकों की कर्तव्य परायणता और उनके बेहतर मार्गदर्शन का असर है कि बच्चों को पढ़ने में काफी मन लग रहा है । बच्चे अब सुंदर सपने देखने लगे हैं । ट्रैक्टर बच्चों का मानना है कि उनके पिता की ख्वाहिश है कि वह कुछ बड़ा करे । और वो इसे पूरा करना चाहती है ।
बाइट - नंदनी
बाइट - सोनी
भियो - बच्चे देश के भविष्य होते हैं जिनकी जिंदगी में एक शिक्षक की भूमिका अहम होती है। गुरु और शिष्य की यही परंपरा जहां एक शिक्षक को महान बनाता है वही बच्चे के विकास की नींव भी रखी जाती है। बेगूसराय में शिक्षकों की ऐसी ही टीम आज गुरु और शिष्य परंपरा का निर्वाह कर रही है जिस की कोशिश है कि बच्चे झोपड़ पट्टियों से उठकर देश की ऊंचाइयों को छुए। ऐसे शिक्षक को काफी प्यारे होते है । बच्चे मानते है सभी शिक्षक उन्हें मुफ्त शिक्षा ही नही संसाधन भी मुहैया कराते है ।
बाइट - पिंकी देवी


Conclusion:कुल मिलाकर देश के इन नौनिहालों में जहां अपने भविष्य को लेकर एक नई सोच और ऊर्जा का संचार हुआ है वहीं अब यह खुली आंखों से सुंदर सपना भी देखने लगे हैं। 3 शिक्षकों की बदौलत इन बच्चों की जिंदगी में होने वाले बदलाव के कारण ही आज हर कोई ऐसे शिक्षकों के जज्बे को सलाम कर रहा है।
Last Updated : Aug 21, 2019, 11:28 AM IST
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