बेगूसराय: स्थानीय युवा इंसानियत की नई मिसाल कायम कर रहे हैं. कुछ युवा मिलकर कचरों में अपनी जिंदगी तलाशते बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने का काम कर रहे हैं. इनकी कोशिश से अब ये बच्चे एक सुंदर भविष्य का सपना संजो रहे हैं. युवाओं की ये टीम न सिर्फ बच्चों को मुफ्त शिक्षा दे रही है बल्कि उन्हें तमाम संसाधन भी मुहैया करा रही है.
मिसाल बन गई युवाओं की कोशिश
अजय कुमार नाम के 20 वर्षीय युवक ने इन बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए कदम बढ़ाया. अजय कुमार की यह कोशिश अब एक मिसाल बन गई है. शिक्षक अजय ने पहले इन बच्चों और उनके परिवारों को जागरूक किया और बाद में इनकी तालीम और संसाधन के लिए लोगों से मदद जुटाई.
कोशिश ने दिखाया रंग
अजय की इस कोशिश ने अपना रंग दिखाया और उनके जैसे कुछ और युवक और युवतियां उनके साथ इस मुहिम में जुट गए. इस टीम में 4 लड़के और 2 लड़कियां शामिल हैं. जिनकी मेहनत से अब एक बेहतर माहौल बना है. इसके कारण अब झुग्गी झोपड़ियों के दूसरे बच्चे भी इस स्कूल की ओर खींचे चले आ रहे हैं.
अपनी जिंदगी से मिली प्रेरणा
शहर के पावर हाउस स्थित एक दुर्गा मंदिर में चलने वाला ये स्कूल अब उन बच्चों के लिए भी बसेरा बन गया है जिनकी जिंदगी में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था. इन शिक्षकों का मानना है कि इसकी प्रेरणा भी उन्हें अपनी जिंदगी से मिली. क्योंकि उन्होंने भी इन्ही हालातों में गुजर बसर किया है. इसलिए इन बच्चों के भविष्य को संवारने की तमन्ना उनका मिशन है.
रंग ला रही शिक्षकों की मेहनत
शिक्षकों की मेहनत रंग ला रही है. उनके बेहतर मार्गदर्शन का असर है कि बच्चों को पढ़ने में काफी दिलचस्पी जगी है. बच्चे अब अपने सुंदर भविष्य का सपना देख रहे हैं. बेगूसराय की शिक्षकों की यह टीम देश के गुरू-शिष्य की परंपरा का निर्वहन कर रही है.