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आर्थिक वृद्धि दर तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत, सात साल के न्यूनतम स्तर

देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी.

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तीसरी तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.7 प्रतिशत
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Published : Feb 28, 2020, 5:39 PM IST

Updated : Mar 2, 2020, 9:14 PM IST

नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के कारण देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही. यह किसी तिमाही में इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित कर 5.1 प्रतिशत किया गया है जबकि पूर्व में इसके 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.

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देश की आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर 4.7 प्रतिशत रही

ये भी पढ़ें- राजकोषीय घाटा जनवरी अंत में बजट अनुमान के 128.5% पर पहुंचा

इसी प्रकार, 2019-20 की पहली तिमाही के लिये जीडीपी वृद्धि दर का संशोधित आंकड़ा पहले के पांच प्रतिशत से बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही की जीडीपी वृद्धि 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है. उस समय वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रही थी.

एनएसओ के आंकड़े के अनुसार 2019-20 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 5.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. हालांकि, कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में बढ़कर 3.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2 प्रतिशत थी.

निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर भी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 0.3 प्रतिशत पर आ गयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 6.6 प्रतिशत थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.2 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले तीसरी तिमाही में इसमें 4.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

बिजली, गैस, जल आपूर्ति और उन्य उपयोगी सेवा खंड में आलोच्य तिमाही में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसी प्रकार, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़े सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर कम होकर 5.9 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी.

वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 2019-20 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 7.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018- 19 की इसी तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी. लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में सुधरकर 9.7 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.1 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3 प्रतिशत थी.

एनएसओ के बयान के अनुसार (2011-12) के स्थिर मूल्य पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी का मूल्य 36.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2018-19 की इसी तिमाही में 35 लाख करोड़ रुपये रहा था. यानी इसमें 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मौजूदा बाजार मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 1,34,432 रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 1,26,521 रुपये थी.

इसी बीच, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में गिरावट का दौर निकल चुका है. इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोयला, रिफाइनरी उत्पाद और बिजली उत्पादन बढ़ने से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में 2.2 प्रतिशत रही.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के कारण देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी (अक्टूबर-दिसंबर) तिमाही में धीमी पड़कर 4.7 प्रतिशत रही. यह किसी तिमाही में इसका सात साल का न्यूनतम स्तर है.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के शुक्रवार को जारी आंकड़े के अनुसार इससे पूर्व वित्त वर्ष 2018-19 की इसी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत रही थी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) की आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित कर 5.1 प्रतिशत किया गया है जबकि पूर्व में इसके 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.

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देश की आर्थिक वृद्धि दर दिसंबर तिमाही में घटकर 4.7 प्रतिशत रही

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इसी प्रकार, 2019-20 की पहली तिमाही के लिये जीडीपी वृद्धि दर का संशोधित आंकड़ा पहले के पांच प्रतिशत से बढ़कर 5.6 प्रतिशत हो गया. चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही की जीडीपी वृद्धि 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही के बाद सबसे कम है. उस समय वृद्धि दर 4.3 प्रतिशत रही थी.

एनएसओ के आंकड़े के अनुसार 2019-20 की तीसरी तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 0.2 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में इसमें 5.2 प्रतिशत वृद्धि हुई थी. हालांकि, कृषि क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में बढ़कर 3.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018-19 की तीसरी तिमाही में 2 प्रतिशत थी.

निर्माण क्षेत्र की जीवीए वृद्धि दर भी चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में घटकर 0.3 प्रतिशत पर आ गयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 6.6 प्रतिशत थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में 3.2 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले तीसरी तिमाही में इसमें 4.4 प्रतिशत की गिरावट आयी थी.

बिजली, गैस, जल आपूर्ति और उन्य उपयोगी सेवा खंड में आलोच्य तिमाही में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. इसी प्रकार, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़े सेवा क्षेत्र में वृद्धि दर कम होकर 5.9 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी.

वित्तीय, रीयल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की वृद्धि दर 2019-20 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 7.3 प्रतिशत रही जो एक साल पहले 2018- 19 की इसी तिमाही में 6.5 प्रतिशत थी. लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं की वृद्धि दर आलोच्य तिमाही में सुधरकर 9.7 प्रतिशत रही. एक साल पहले इसी तिमाही में यह 8.1 प्रतिशत थी. चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में आर्थिक वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.3 प्रतिशत थी.

एनएसओ के बयान के अनुसार (2011-12) के स्थिर मूल्य पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीडीपी का मूल्य 36.65 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जो 2018-19 की इसी तिमाही में 35 लाख करोड़ रुपये रहा था. यानी इसमें 4.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई. मौजूदा बाजार मूल्य पर प्रति व्यक्ति आय 2019-20 में 6.3 प्रतिशत बढ़कर 1,34,432 रुपये रहने का अनुमान है जो एक साल पहले 1,26,521 रुपये थी.

इसी बीच, आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में गिरावट का दौर निकल चुका है. इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार कोयला, रिफाइनरी उत्पाद और बिजली उत्पादन बढ़ने से आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में 2.2 प्रतिशत रही.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Mar 2, 2020, 9:14 PM IST
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