नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में आर्थिक विकास के लिए अच्छी संभावनाओं की भविष्यवाणी की गई है. समीक्षा में कहा गया है कि वर्ष 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के प्रधानमंत्री द्वारा रखे गए लक्ष्य को हासिल करने के लिए समीक्षा की विषय वस्तु 'एक उत्कृष्ट दौर में प्रवेश की अलग शुरूआत' है.
आर्थिक समीक्षा में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि 2019-20 ने सरकार को विशाल राजनीतिक जनादेश दिया है, जो उच्च आर्थिक वृद्धि की संभावनाओं के लिए शुभ है.
आर्थिक समीक्षा की 2018-19 की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-
- आर्थिक सर्वेक्षण में पिछले पांच वर्षों के दौरान सरकार द्वारा प्रारंभ किए गए विभिन्न सामाजिक योजनाओँ को रेखांकित किया गया है
- जीडीपी ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान
- साल 2019-20 में तेल की कीमतों में कमी होने की उम्मीद
- पिछली बार के 6.4% के मुकाबले इस बार वित्तीय घाटा 5.8% रहने का अनुमान
- 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने के लिए भारत को 8% की जीडीपी विकास दर को बनाए रखने की आवश्यकता है
- केन्द्र और राज्यों द्वारा सामाजिक सेवाओं पर परिव्यय 2014-15 के 7.68 लाख करोड़ से बढ़कर 2018-19 (बीई) में 13.94 लाख करोड़ हो गया
- केन्द्र और राज्यों द्वारा सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात के रूप में सामाजिक सेवाओं पर खर्च में 1 प्रतिशत से अधिक अंकों की वृद्धि दर्ज की गई है
- जीडीपी के प्रतिशत के रूप में शिक्षा पर किए जाने वाला खर्च 2014-15 में 2.8 प्रतिशत था जो 2018-19 (बीई) में बढ़कर 3 प्रतिशत हो गया
- जीडीपी के प्रतिशत के रूप में स्वास्थ्य पर सार्वजनिक परिव्यय 1.2 से बढ़कर 1.5 प्रतिशत हो गया
- पीएम किसान -2019 के अंतर्गत 3.10 करोड़ सीमांत किसानों को 2,000 रुपये की पहली किस्त प्राप्त हुई है तथा 23 अप्रैल, 2019 तक 2.10 करोड़ किसानों को दूसरी किस्त प्राप्त हुई है
- 30 दिसंबर, 2018 तक आयुष्मान भारत के अंतर्गत 6.18 लाख लोग पीएमजेएवाई योजना से लाभांवित हुए हैं
- 25 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के 5.33 लाख गांवों को स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है
- 31 अक्टूबर, 2018 तक प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के अंतर्गत 14.27 करोड़ पंजीयन हुए हैं
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 5.57 करोड़ पंजीयन हुआ है
- प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना के तहत ईपीएफओ को उद्यमियों द्वारा दिया जाने वाला 12 प्रतिशत अंशदान नए कर्मचारियों (मासिक वेतन 15,000 रुपये से कम) के संदर्भ में शुरुआती तीन वर्षों तक सरकार द्वारा दिया जाएगा
- 12वीं तक की शिक्षा में लड़कियों की संख्या में वृद्धि हुई है
- आर्थिक समीक्षा में 12वीं कक्षा के स्तर पर पढ़ाई छोड़ना, शिक्षकों की कमी और उच्च शिक्षा प्राप्ति के लिए आवश्यक बदलाव को चिंता का विषय माना गया है
- मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) में 37 अंकों की गिरावट आई है
- ईपीएफओ आंकड़ों के अनुसार मार्च 2019 में रोजगार के 8.15 लाख औपचारिक अवसरों का सृजन हुआ है
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत 2014 से 1,90,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हुआ है
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 31 मार्च, 2019 तक 1.54 करोड़़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है जो निर्धारित लक्ष्य से अधिक है
- समीक्षा में एमएसएमई को अधिक लाभ अर्जित करने, रोजगार जुटाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकास योग बनाने पर ध्यान दिया गया है
- दस साल पुरानी होने के बावजूद सौ कामगारों से कम कार्य बल वाली बौनी यानी छोटी फर्मो की संख्या विनिर्माण में लगी सभी संगठित फर्मों में पचास प्रतिशत से अधिक है
- छोटी फर्मो का रोजगार में केवल 14 प्रतिशत और उत्पादकता में आठ प्रतिशत योगदान है
- भारत को 2010 के मूल्यों पर अपने वास्तविक प्रति व्यक्ति जीडीपी में 5,000 डॉलर तक की वृद्धि करने और उच्च मध्य आय वर्ग में दाखिल होने के लिए अपनी प्रति व्यक्ति ऊर्जा खपत में 2.5 गुना वृद्धि किये जाने की जरूरत है
- पवन ऊर्जा के क्षेत्र में अब भारत चौथे, सौर ऊर्जा के क्षेत्र में पांचवें और नवीकरणीय ऊर्जा संस्थापित क्षमता के क्षेत्र में पांचवें स्थान पर है
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तेजी से बैटरी चार्ज करने की सुविधाओं में वृद्धि किये जाने की जरूरत है
- केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 2017-18 में जीडीपी के 3.5 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 3.4 प्रतिशत रह गया
- सीपीआईसी पर आधारित महंगाई दर में लगातार 5वें वर्ष गिरावट दर्ज की गई। पिछले 2 वर्षों से यह 4 प्रतिशत से कम रही है
- उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) आधारित खाद्य मुद्रा स्फ्रीति में भी लगातार 5वें वर्ष गिरावट दर्ज की गई और ये पिछले 2वर्षों के दौरान 2 प्रतिशत से भी कम रही है
- 2017-18 की तुलना में 2018-19 के दौरान सीपीआई ग्रामीण महंगाई दर में कमी आई है. हालांकि सीपीआई शहरी महंगाई दर में 2018-19 के दौरान थोड़ी वृद्धि दर्ज की गई है. 2018-19 के दौरान कई राज्यों में सीपीआई महंगाई दर में कमी आई है
- सबसे ज्यादा आयात वाली वस्तुओं में कच्चा तेल, मोती, कीमती पत्थर तथा सोना शामिल रहा
- दुनिया में दुध के सबसे बड़े उत्पादक देश भारत में डेयरी क्षेत्र को बढ़ावा
- दुनिया में मछलियों के दूसरे बड़े उत्पादक देश भारत में मत्स्य पालन क्षेत्र को बढ़ावा देना
- 2018-19 में आठ बुनियादी उद्योगों के कुल सूचकांक में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि
- विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2019 में भारत दुनिया के 190 देशों में 77वें स्थान पर पहुंचा. पहले की तुलना में 23 स्थान ऊपर उठा
- 2018-19 में देश में सड़क निर्माण कार्यों में 30 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से तरीकी हुई. 2014-15 में सड़क निर्माण 12 किलोमीटर प्रति दिन था
- 2017-18 की तुलना में 2018-19 में रेल ढुलाई और यात्री वाहन क्षमता में क्रमशः 5.33 और 0.64 की वृद्धि हुई
- देश में 2018-19 के दौरान कुल टेलीफोन कनेक्शन 118.34 करोड़ पर पहुंच गया
- बिजली की स्थापित क्षमता 2019 में 3,56,100 मेगावाट रही, जबकि 2018 में यह 3,44,002 मेगावाट थी