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अदालत ने टिकटॉक ऐप से सशर्त प्रतिबंध हटाया

जस्टिस एन किरुबाकरन और एसएस सुंदर की बेंच ने अंतरिम आदेश में टिक टॉक को राहत देते हुए कहा कि फिलहाल इसके डाउनलोड से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा.

मद्रास हाई कोर्ट ने टिकटॉक डाउनलोड से बैन हटाया
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Published : Apr 24, 2019, 6:38 PM IST

Updated : Apr 24, 2019, 11:57 PM IST

मदुरै: मद्रास उच्च न्यायालय ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल ऐप टिकटॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटाया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियो के लिए नहीं होना चाहिए.

उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस ऐप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा.

ये भी पढ़ें- अमेरिका, चीन व्यापार वार्ता का अगला चरण 30 अप्रैल को

न्यायमूर्ति एन किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार मामले की सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को मोबाइल ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.

इस ऐप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है. इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि ऐसे ऐप के जरिए "अश्लील सामग्री" उपलब्ध करायी जा रही है.

मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद चीन के वीडियो साझा करने वाले एप टिकटॉक ने कहा है कि वह अपने 12 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा फीचर को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस शर्त के साथ एप पर लगाये गए प्रतिबंध को हटा लिया कि इस मंच पर बच्चों और महिलाओं से जुड़े अश्लील वीडियो नहीं होने चाहिए.

मद्रास उच्च न्यायालय के बुधवार के आदेश का स्वागत करते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा, "हम इस फैसले से खुश हैं. हमारा मानना है कि हमारे भारतीय उपयोगकर्ता ने भी इसका जोरदार स्वागत किया है, जो टिकटॉक का इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए करते हैं."

उसने कहा कि एप के दुरुपयोग के खिलाफ कंपनी के प्रयासों को मान्यता मिली है. एपल और गूगल को यह जानने के लिए ईमेल किया गया है कि उन्हें टिकटॉक एप को अपने एप स्टोर पर उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा. लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.

टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कहा है कि वह अब भी भारतीय बाजार को लेकर 'बहुत आशावान' है क्योंकि अगले तीन साल में उसकी योजना देश में एक अरब डॉलर के निवेश की है.

मदुरै: मद्रास उच्च न्यायालय ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल ऐप टिकटॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटाया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियो के लिए नहीं होना चाहिए.

उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस ऐप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा.

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न्यायमूर्ति एन किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार मामले की सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को मोबाइल ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.

इस ऐप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है. इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि ऐसे ऐप के जरिए "अश्लील सामग्री" उपलब्ध करायी जा रही है.

मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद चीन के वीडियो साझा करने वाले एप टिकटॉक ने कहा है कि वह अपने 12 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा फीचर को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है.

मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस शर्त के साथ एप पर लगाये गए प्रतिबंध को हटा लिया कि इस मंच पर बच्चों और महिलाओं से जुड़े अश्लील वीडियो नहीं होने चाहिए.

मद्रास उच्च न्यायालय के बुधवार के आदेश का स्वागत करते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा, "हम इस फैसले से खुश हैं. हमारा मानना है कि हमारे भारतीय उपयोगकर्ता ने भी इसका जोरदार स्वागत किया है, जो टिकटॉक का इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए करते हैं."

उसने कहा कि एप के दुरुपयोग के खिलाफ कंपनी के प्रयासों को मान्यता मिली है. एपल और गूगल को यह जानने के लिए ईमेल किया गया है कि उन्हें टिकटॉक एप को अपने एप स्टोर पर उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा. लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.

टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कहा है कि वह अब भी भारतीय बाजार को लेकर 'बहुत आशावान' है क्योंकि अगले तीन साल में उसकी योजना देश में एक अरब डॉलर के निवेश की है.

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सरकार ने चालू वर्ष में अभी तक 55.17 लाख टन गेहूं खरीद की

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने चालू रबी खरीद सीजन में अब तक किसानों से 55.17 लाख टन गेहूं खरीदा है. खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि हरियाणा और मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा गेहूं-खरीद हुई है. 

केंद्र ने इस 2019-20 (अप्रैल-मार्च) में रिकॉर्ड 10 करोड टन गेहूं का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है जो एक रिकार्ड होगा. चालू खरीद सत्र में 357 लाख गेहूं खरीदने का लक्ष्य है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) कल्याण योजनाओं के लिए अनाज की मांग पूरा करने के लिए राज्य सरकारों की एजेंसियों के साथ मिल कर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं खरीदता है. 

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सरकार ने गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है, जो एक साल पहले 1,735 रुपये था. अधिकारी ने कहा, "गेहूं की खरीद जल्दी ही शुरू ही हुई है और अब तक 55.17 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है." 

चालू विपणन वर्ष में अभी तक हरियाणा से लगभग 28.54 लाख टन और मध्य प्रदेश में 18.89 लाख टन गेहूं खरीदा गया है. उक्त अवधि में पंजाब में लगभग 2.90 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 2.78 लाख टन और राजस्थान से 1.97 लाख टन गेहूं खरीदा गया है. 

अधिकारी ने कहा कि गुजरात में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और आने वाले हफ्तों में इसमें और तेजी की संभावना है. पिछले साल सरकार ने 320 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले 358 लाख टन गेहूं की खरीद की थी. गेहूं खरीद का काम सामान्य तौर पर अप्रैल से शुरू होता है.


Conclusion:
Last Updated : Apr 24, 2019, 11:57 PM IST
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