मदुरै: मद्रास उच्च न्यायालय ने चीनी सोशल मीडिया मोबाइल ऐप टिकटॉक से इस शर्त के साथ प्रतिबंध हटाया कि इस मंच का उपयोग अश्लील वीडियो के लिए नहीं होना चाहिए.
उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने चेतावनी दी कि अगर इस ऐप के जरिए पोस्ट किए गए किसी विवादास्पद वीडियो से शर्तों का उल्लंघन होता है तो इसे अदालत की अवमानना माना जाएगा.
ये भी पढ़ें- अमेरिका, चीन व्यापार वार्ता का अगला चरण 30 अप्रैल को
न्यायमूर्ति एन किरूबाकरन और न्यायमूर्ति एस एस सुंदर की पीठ ने उच्चतम न्यायालय के आदेशों के अनुसार मामले की सुनवाई की. उच्च न्यायालय ने तीन अप्रैल को केंद्र को मोबाइल ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था.
इस ऐप का उपयोग छोटे वीडियो बनाने के लिए किया जाता है. इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि ऐसे ऐप के जरिए "अश्लील सामग्री" उपलब्ध करायी जा रही है.
मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा प्रतिबंध हटाये जाने के बाद चीन के वीडियो साझा करने वाले एप टिकटॉक ने कहा है कि वह अपने 12 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ताओं के सुरक्षा फीचर को और मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है.
मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस शर्त के साथ एप पर लगाये गए प्रतिबंध को हटा लिया कि इस मंच पर बच्चों और महिलाओं से जुड़े अश्लील वीडियो नहीं होने चाहिए.
मद्रास उच्च न्यायालय के बुधवार के आदेश का स्वागत करते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा, "हम इस फैसले से खुश हैं. हमारा मानना है कि हमारे भारतीय उपयोगकर्ता ने भी इसका जोरदार स्वागत किया है, जो टिकटॉक का इस्तेमाल अपनी रचनात्मकता दिखाने के लिए करते हैं."
उसने कहा कि एप के दुरुपयोग के खिलाफ कंपनी के प्रयासों को मान्यता मिली है. एपल और गूगल को यह जानने के लिए ईमेल किया गया है कि उन्हें टिकटॉक एप को अपने एप स्टोर पर उपलब्ध कराने में कितना समय लगेगा. लेकिन उनकी तरफ से अब तक कोई सूचना नहीं मिली है.
टिकटॉक की मूल कंपनी बाइटडांस ने कहा है कि वह अब भी भारतीय बाजार को लेकर 'बहुत आशावान' है क्योंकि अगले तीन साल में उसकी योजना देश में एक अरब डॉलर के निवेश की है.