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व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं: नीलेकणि

बीते साल देश की दिग्‍गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इन आरोपों को इन्‍फोसिस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सलिल पारेख और निलंजन रॉय को क्‍लीन चिट भी दे दी है.

व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं: नीलेकणि
व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं: नीलेकणि
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Published : Jan 13, 2020, 1:27 PM IST

बेंगलुरु: इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा कि वैश्विक सॉफ्टवेयर प्रमुख ने विनियामकों और मीडिया से व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों को छिपाने का फैसला बिल्कुल सही था.

उन्होंने कहा कि हर सुबह आने वाली व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं है.

नीलेकणी ने बताया, "अक्टूबर में शिकायत का एक नया सेट तैयार किया जा रहा है. इसलिए, हमने पूरी तरह से सही काम किया है."

ये भी पढ़ें- जेफ बेजोस को भारत यात्रा के दौरान झेलना पड़ सकता है विरोध

ऑडिट समिति के निष्कर्षों के आधार पर, नीलेकणी ने शुक्रवार को दावा किया कि पारिख या रॉय द्वारा अपने वैश्विक ग्राहकों के साथ वित्तीय व्यवहार में कोई गलत काम नहीं किया गया था.

इन्फोसिस की ऑडिट कमेटी ने कुछ कर्मचारियों सहित 77 लोगों की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरोप निराधार है.

इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि पारेख और रॉय कंपनी के मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. बोर्ड को भरोसा है कि वे कंपनी की नई स्ट्रैटजी को सफलतापूर्वक आगे ले जाएंगे.

इन्फोसिस ने व्हिसलब्लोअर की शिकायतों का खुलासा 21 अक्टूबर को किया था. आरोपों की जांच के लिए कंपनी ने स्वतंत्र कानूनी सलाहकार फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी और प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के सहयोग कमेटी गठित की थी.

बता दें कि बीते साल देश की दिग्‍गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इन आरोपों को इन्‍फोसिस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सलिल पारेख और निलंजन रॉय को क्‍लीन चिट भी दे दी है.

दरअसल, बीते साल अक्‍टूबर महीने में कुछ गुमनाम व्हिसलब्लोअर्स ने मैनेजमेंट पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. आरोप के मुताबिक मैनेजमेंट आमदनी और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए बैलेंशसीट में हेर-फेर कर रही है. इस मामले में कंपनी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलांजन रॉय का नाम उछला था.

इसके बाद इन्‍फोसिस ने इस शिकायत को ऑडिट कमेटी के पास भेज दिया था. अब ऑडिट कमेटी ने दोनों अधिकारियों को क्‍लीन चिट दे दी है. इस दौरान इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने बताया कि पारेख और रॉय मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.

बेंगलुरु: इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा कि वैश्विक सॉफ्टवेयर प्रमुख ने विनियामकों और मीडिया से व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों को छिपाने का फैसला बिल्कुल सही था.

उन्होंने कहा कि हर सुबह आने वाली व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं है.

नीलेकणी ने बताया, "अक्टूबर में शिकायत का एक नया सेट तैयार किया जा रहा है. इसलिए, हमने पूरी तरह से सही काम किया है."

ये भी पढ़ें- जेफ बेजोस को भारत यात्रा के दौरान झेलना पड़ सकता है विरोध

ऑडिट समिति के निष्कर्षों के आधार पर, नीलेकणी ने शुक्रवार को दावा किया कि पारिख या रॉय द्वारा अपने वैश्विक ग्राहकों के साथ वित्तीय व्यवहार में कोई गलत काम नहीं किया गया था.

इन्फोसिस की ऑडिट कमेटी ने कुछ कर्मचारियों सहित 77 लोगों की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरोप निराधार है.

इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि पारेख और रॉय कंपनी के मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. बोर्ड को भरोसा है कि वे कंपनी की नई स्ट्रैटजी को सफलतापूर्वक आगे ले जाएंगे.

इन्फोसिस ने व्हिसलब्लोअर की शिकायतों का खुलासा 21 अक्टूबर को किया था. आरोपों की जांच के लिए कंपनी ने स्वतंत्र कानूनी सलाहकार फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी और प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के सहयोग कमेटी गठित की थी.

बता दें कि बीते साल देश की दिग्‍गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इन आरोपों को इन्‍फोसिस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सलिल पारेख और निलंजन रॉय को क्‍लीन चिट भी दे दी है.

दरअसल, बीते साल अक्‍टूबर महीने में कुछ गुमनाम व्हिसलब्लोअर्स ने मैनेजमेंट पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. आरोप के मुताबिक मैनेजमेंट आमदनी और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए बैलेंशसीट में हेर-फेर कर रही है. इस मामले में कंपनी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलांजन रॉय का नाम उछला था.

इसके बाद इन्‍फोसिस ने इस शिकायत को ऑडिट कमेटी के पास भेज दिया था. अब ऑडिट कमेटी ने दोनों अधिकारियों को क्‍लीन चिट दे दी है. इस दौरान इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने बताया कि पारेख और रॉय मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.

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व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं: नीलेकणि 

बेंगलुरु: इन्फोसिस के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहा कि वैश्विक सॉफ्टवेयर प्रमुख ने विनियामकों और मीडिया से व्हिसलब्लोअर्स की शिकायतों को छिपाने का फैसला बिल्कुल सही था. 

उन्होंने कहा कि हर सुबह आने वाली व्हिसलब्लोअर की शिकायत लेना और उस पर मीडिया रिलीज जारी करना कंपनियों का काम नहीं है.

नीलेकणी ने बताया, "अक्टूबर में शिकायत का एक नया सेट तैयार किया जा रहा है. इसलिए, हमने पूरी तरह से सही काम किया है."

ऑडिट समिति के निष्कर्षों के आधार पर, नीलेकणी ने शुक्रवार को दावा किया कि पारिख या रॉय द्वारा अपने वैश्विक ग्राहकों के साथ वित्तीय व्यवहार में कोई गलत काम नहीं किया गया था.

इन्फोसिस की ऑडिट कमेटी ने कुछ कर्मचारियों सहित 77 लोगों की जांच के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि आरोप निराधार है. 

इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने कहा कि पारेख और रॉय कंपनी के मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई. बोर्ड को भरोसा है कि वे कंपनी की नई स्ट्रैटजी को सफलतापूर्वक आगे ले जाएंगे.

इन्फोसिस ने व्हिसलब्लोअर की शिकायतों का खुलासा 21 अक्टूबर को किया था. आरोपों की जांच के लिए कंपनी ने स्वतंत्र कानूनी सलाहकार फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी और प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स के सहयोग कमेटी गठित की थी.

बता दें कि बीते साल देश की दिग्‍गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलंजन रॉय पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे. इन आरोपों को इन्‍फोसिस के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की ऑडिट कमेटी ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही सलिल पारेख और निलंजन रॉय को क्‍लीन चिट भी दे दी है.

दरअसल, बीते साल अक्‍टूबर महीने में कुछ गुमनाम व्हिसलब्लोअर्स ने मैनेजमेंट पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. आरोप के मुताबिक मैनेजमेंट आमदनी और मुनाफे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने के लिए बैलेंशसीट में हेर-फेर कर रही है. इस मामले में कंपनी के सीईओ सलिल पारेख और सीएफओ निलांजन रॉय का नाम उछला था. 

इसके बाद इन्‍फोसिस ने इस शिकायत को ऑडिट कमेटी के पास भेज दिया था. अब ऑडिट कमेटी ने दोनों अधिकारियों को क्‍लीन चिट दे दी है. इस दौरान इन्फोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने बताया कि पारेख और रॉय मजबूत संरक्षक हैं. पारेख ने कंपनी को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई.


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