नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (PC Financial Services Pvt Ltd) का लाइसेंस रद्द कर दिया है. आरबीआई ने बड़ा फैसला लेते हुए बताया कि कंपनी ने लोगों के अनधिकृत उपयोग और उच्च ब्याज दरों को चार्ज करने सहित नियमों का उल्लंघन किया है. कंपनी को अपने कर्जदारों से ब्याज दर और अन्य शुल्क वसूलते हुए भी पाया गया था. आरबीआई ने अब कंपनी को जारी किए गए पंजीकरण प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया है.
नहीं कर पाएगी लेन-देन
बता दें, कि अब ये कंपनी किसी प्रकार का लेन-देन नहीं कर पाएगी. पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (PC Financial Services Pvt Ltd) मुख्य रूप से 'कैशबीन' (cash bean) नाम के एक मोबाइल एप आधारित प्लेटफार्म से लोगों लोन देने का काम करती थी. केंद्रीय बैंक ने कहा कि आउटसोर्सिंग और अपने ग्राहक के मानदंडों पर आरबीआई के निर्देशों के घोर उल्लंघन जैसे पर्यवेक्षी चिंताओं के कारण कंपनी के सीओआर को रद्द कर दिया गया है.
ग्राहकों को लूट रही थी कंपनी
आरबीआई (Reserve Bank of India) ने कहा कि कंपनी अपने कर्जदारों से अपारदर्शी तरीके से ब्याज दर और अन्य शुल्क वसूलती है. केंद्रीय बैंक द्वारा जारी एक प्रेस नोट में कहा गया, पीसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड एक गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान (एनबीएफआई) के कारोबार का लेनदेन नहीं करेगा. जैसा कि आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45-आई के खंड (ए) में परिभाषित किया गया है.
आरबीआई ने दिखाई सख्ती
इसके अलावा आरबीआई ने बताया कि कंपनी ने उचित व्यवहार संहिता के घोर उल्लंघन में उधारकर्ताओं से वसूली के लिए रिजर्व बैंक और केंद्रीय जांच ब्यूरो के नाम से लोगों को धमकाया और डराया. एप के जरिए लोगों को लोन देने वाली कंपनियों के लिए आरबीआई की तरफ से एक उदाहरण है कि नियमों का सख्ती से पालन किया जाना अनिवार्य है. आरबीआई ऐसे कई विवेकपूर्ण मानदंडों के उल्लंघन में काम कर रहा है.
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600 एप अवैध
पिछले साल नवंबर में आरबीआई के एक कार्यकारी समूह ने पाया था कि भारतीय एप स्टोर पर 1100 लोगों दाता एप में से 600 अवैध थे. इसे देखते हुए समूह ने सत्यापित एप्स के एक सार्वजनिक रजिस्टर को बनाए रखने की भी सिफारिश की है. कार्य समूह के सुझावों में शामिल है कि इन एप के माध्यम से बैलेंस शीट उधार आरबीआई द्वारा विनियमित और अधिकृत संस्थाओं तक सीमित होना चाहिए.