ETV Bharat / business

बिहार की मछलियों की होगी ब्रांडिंग, दूसरे राज्य भेजे जाएंगे 'ब्रीड'

पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य सरकार बचवा, रोहू, कतला, मोई जैसी प्रजातियों की ब्रांडिंड करेगी, जिससे इनकी मांग और बढ़ सके. मांग के अनुरूप पड़ोसी राज्यों में इनकी आपूर्ति की जा सकेगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार जल्द ही मछलियों के उत्पादन के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा.

author img

By

Published : May 18, 2020, 8:11 PM IST

बिहार की मछलियों की होगी ब्रांडिंग, दूसरे राज्य भेजे जाएंगे 'ब्रीड'
बिहार की मछलियों की होगी ब्रांडिंग, दूसरे राज्य भेजे जाएंगे 'ब्रीड'

पटना: बिहार सरकार अब स्थानीय अच्छे किस्म की मछलियों की ब्रांडिंग कर इसकी खपत बढ़ाने की योजना बना रही है. इससे ना केवल मत्स्य पालकों का आर्थिक लाभ बढ़ेगा, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन के भी अवसर बढ़ेंगे. सरकार मछलियों के ब्रीड के विकास को लेकर भी कार्ययोजना बना रही है.

पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य सरकार बचवा, रोहू, कतला, मोई जैसी प्रजातियों की ब्रांडिंड करेगी, जिससे इनकी मांग और बढ़ सके. मांग के अनुरूप पड़ोसी राज्यों में इनकी आपूर्ति की जा सकेगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार जल्द ही मछलियों के उत्पादन के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि यहां के मीठे जल में होने वाली मछलियों की अन्य राज्यों में काफी मांग है. सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर मत्स्य उत्पादन को भी बढ़ाने की कार्ययोजना बना रही है.

सरकार ने प्रसिद्ध प्रजाति की मछलियों के ब्रीड का भी विकास करने की योजना बनाई है. इसे संरक्षित कर अन्य स्थानों में भी मीठे जल में मछलियों का उत्पादन किया जाएगा. इन प्रजाति की मछलियों के बीज दूसरे राज्य में भी भेजे जाएंगे. उनकी भी बिक्री की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि गंगा नदी की बचवा, कोसी की मोई, दरभंगा जिले की रोहू और कतला, कुशेश्वरस्थान की भुन्ना मछली और सोन की रोहू मछली की खास पहचान रही है. सरकार ने इन्हीं मछलियों की ब्रांडिंग की योजना बनाई है. इन मछलियों की मांग पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम समेत आसपास के राज्यों में है.

ये भी पढ़ें: सेंसेक्स ने लगाया 1,069 अंक का गोता, बैंक, वाहन कंपनियों के शेयर टूटे

कहा जाता है कि समुद्र के आसपास के क्षेत्रों में मीठे जल की मछलियों की मांग काफी रहती है. ऐसे में सरकार यहां मछली उत्पादन को बढ़ाने को लेकर भी योजना बना रही है.

एक अनुमान के मुताबिक, बिहार में मछली पालन से करीब 40 लाख लोग जुड़े हुए हैं. इनमें अधिकतर का पारंपरिक व्यवसाय है. मछलियों के उत्पादन, उनकी ब्रांडिंग से ऐसे लोगों को सीधा लाभ होगा.

(आईएएनएस)

पटना: बिहार सरकार अब स्थानीय अच्छे किस्म की मछलियों की ब्रांडिंग कर इसकी खपत बढ़ाने की योजना बना रही है. इससे ना केवल मत्स्य पालकों का आर्थिक लाभ बढ़ेगा, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन के भी अवसर बढ़ेंगे. सरकार मछलियों के ब्रीड के विकास को लेकर भी कार्ययोजना बना रही है.

पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि राज्य सरकार बचवा, रोहू, कतला, मोई जैसी प्रजातियों की ब्रांडिंड करेगी, जिससे इनकी मांग और बढ़ सके. मांग के अनुरूप पड़ोसी राज्यों में इनकी आपूर्ति की जा सकेगी. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार जल्द ही मछलियों के उत्पादन के मामले में पूरी तरह आत्मनिर्भर हो जाएगा.

उन्होंने कहा कि यहां के मीठे जल में होने वाली मछलियों की अन्य राज्यों में काफी मांग है. सरकार मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर मत्स्य उत्पादन को भी बढ़ाने की कार्ययोजना बना रही है.

सरकार ने प्रसिद्ध प्रजाति की मछलियों के ब्रीड का भी विकास करने की योजना बनाई है. इसे संरक्षित कर अन्य स्थानों में भी मीठे जल में मछलियों का उत्पादन किया जाएगा. इन प्रजाति की मछलियों के बीज दूसरे राज्य में भी भेजे जाएंगे. उनकी भी बिक्री की जाएगी.

उल्लेखनीय है कि गंगा नदी की बचवा, कोसी की मोई, दरभंगा जिले की रोहू और कतला, कुशेश्वरस्थान की भुन्ना मछली और सोन की रोहू मछली की खास पहचान रही है. सरकार ने इन्हीं मछलियों की ब्रांडिंग की योजना बनाई है. इन मछलियों की मांग पश्चिम बंगाल, झारखंड, असम समेत आसपास के राज्यों में है.

ये भी पढ़ें: सेंसेक्स ने लगाया 1,069 अंक का गोता, बैंक, वाहन कंपनियों के शेयर टूटे

कहा जाता है कि समुद्र के आसपास के क्षेत्रों में मीठे जल की मछलियों की मांग काफी रहती है. ऐसे में सरकार यहां मछली उत्पादन को बढ़ाने को लेकर भी योजना बना रही है.

एक अनुमान के मुताबिक, बिहार में मछली पालन से करीब 40 लाख लोग जुड़े हुए हैं. इनमें अधिकतर का पारंपरिक व्यवसाय है. मछलियों के उत्पादन, उनकी ब्रांडिंग से ऐसे लोगों को सीधा लाभ होगा.

(आईएएनएस)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.