कोलकाता: बंधन बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ चंद्रशेखर घोष ने गुरुवार को कहा कि बैंक अगले तीन से पांच वर्षों के दौरान जारी किए गए कर्ज में सूक्ष्म ऋण यानी बेहद छोटे कर्ज की हिस्सेदारी को धीमे-धीमे कम करेगा.
निजी क्षेत्र के इस बैंक ने जब अगस्त 2016 में परिचालन शुरू किया था तो उसके कुल पोर्टफोलियो में सूक्ष्म ऋण की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. घोष ने पीटीआई-भाषा को बताया कि इस समय बैंक द्वारा जारी कुल कर्ज में सूक्ष्म ऋण की 61 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
उन्होंने बताया, "अगले तीन से पांच वर्षों में, बैंक के सूक्ष्म और गैर सूक्ष्म ऋण का अनुपात 50:50 होगा."
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उन्होंने कहा कि बैंक के ऋण पोर्टफोलियो में आवास ऋण की हिस्सेदारी 30 फीसदी और छोटे और मझोले उद्योगों को दिए गए ऋण की हिस्सेदारी नौ प्रतिशत है. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2019 तक बैंक ने कुल 65,456 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था और उसके पास 55,000 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं.
उन्होंने कहा, "हम अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद चालू वित्त वर्ष में ऋण वितरण में सामान्य वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं."
घोष ने कहा, "हालांकि कई कारकों के चलते मंदी है, लेकिन बंधन बैंक की ऋण वृद्धि पर प्रभाव बहुत अधिक नहीं होगा. रबी की अच्छी फसल के कारण निम्न-मध्यम आय वाले उपभोक्ताओं का खर्च अच्छे स्तर पर बना रहेगा."
उन्होंने कहा कि बैंक नियामक दिशानिर्देशों को पूरी करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, और इस कारण आरबीआई ने उस पर नई शाखाएं खोलने के प्रतिबंध को हटा दिया गया है.
बंधन बैंक में ग्रृह फाइनेंस के विलय के बाद बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 80 फीसदी से घटकर 61 फीसदी हो गई है. कोलकाता स्थित बंधन बैंक की देश में 1,013 शाखाएं हैं.
(पीटीआई-भाषा)