पटना : वैसे तो हर सीट जीतने के लिए पार्टियां एड़ी-चोटी का जोर लगाती है. पर कुछ सीटें ऐसी होती है जो प्रतिष्ठा का परिचायक बन जाती है. बिहार में ऐसी ही दो लोकसभा सीटें हैं, पटना साहिब और पाटलिपुत्र.
पटना साहिब और पाटलिपुत्र को अपने पाले में करने के लिए NDA और महागठबंधन ने पूरी ताकत झोंक दी है. सेंटर ऑफ एट्रैक्शन बनी इन दोनों सीटों पर सेंटर की भी नजर है. हो भी क्यों ना, यहां के उम्मीदवारों ने इसे हॉट केक जो बना दिया है.
दिग्गज कर चुके हैं प्रचार
पटना साहिब में जहां एक तरफ कांग्रेस से बिहारी बाबू शत्रुघ्न सिन्हा मैदान में हैं तो दूसरी तरफ भाजपा से रविशंकर प्रसाद. इस सीट को भाजपा और कांग्रेस दोनों किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती है. चुंकी भाजपा छोड़ शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में गए हैं, इसलिए भाजपा उन्हें हराना चाहती है. तभी तो पीएम से लेकर अमित शाह और राजनाथ सिंह तक यहां से हुंकार भर चुके हैं. रविशंकर प्रसाद केन्द्रीय मंत्री हैं और भाजपा के कद्दावर नेता हैं. इसलिए भी भाजपा एक भी इंच जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है.
राहुल गांधी का रोड शो
दूसरी तरफ कांग्रेस पटना साहिब सीट को साख की लड़ाई मानकर शॉटगन को जीताना चाहती है. इसीलिए तो पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में राहुल गांधी सिर्फ एक रोड शो करने जा रहे हैं, वो भी शत्रुघ्न सिन्हा के लिए. इससे पहले भी कई नेता हुंकार भर चुके हैं.
मीसा भारती के लिए जमकर पसीना बहा रहा राजद
बात अगर पाटलिपुत्र की हो तो यहां लालू यादव की बेटी मीसा भारती और केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल यादव एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं. लालू परिवार इस सीट को साख की लड़ाई मानकर लगातार कैंपेन कर रहा है. राबड़ी देवी कैंप की हुई हैं तो तेजस्वी और तेजप्रताप दीदी के लिए दिल खोलकर प्रचार कर रहे हैं.
दोहरा चोट देने के फिराक में NDA
बात करें रामकृपाल यादव की तो वह फिलहाल केन्द्र में मंत्री हैं. पर कभी लालू के सारथी भी रह चुके हैं. भाजपा वाले चाहते हैं रामकृपाल को जीताकर विपक्ष को दोहरा चोट दिया जाए. एक तो लालू परिवार को हार का स्वाद चखाया जाए और रामकृपाल की साख को बरकरार रखा जाए. तभी तो पीएम से लेकर अमित शाह तक यहां सभा चर चुके हैं.
23 मई को क्लियर होगा पिक्चर
कुल मिलाकर कहें तो इन दोनों सीटों पर सभी पार्टियां जोर आजमाइश कर रही है. यह तो 23 मई को ही पता चलेगा कि ईवीएम के पिटारे से किसको खुशी मिली और किसको गम.