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शहीद अमरजीत को सीवान में दी गयी सलामी, 'अमरजीत अमर रहे, भारत माता की जय' के लगे नारे

जैसे ही शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा. उनके अंतिम दर्शन के लिये जनसैलाब उमड़ पड़ा. अमरजीत अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.

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Published : Jun 20, 2019, 9:08 AM IST

'अमरजीत अमर रहे' के नारों से गुंजा सिवान

सीवान: 17 जून को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में IED ब्लास्ट में सिवान का रहने वाले अमरजीत शहीद हो गए थे. शहीद अमरजीत हवलदार के पद पर तैनात थे. शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात उनके पैतृक आवास लाया गया. सूचना मिलने पर भारी संख्या लोग जुटे. शहीद के गांव में मातमी माहौल पसरा हुआ है.

अंतिम दर्शन के लिये उमड़ा जनसैलाब
72 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर देर रात 1 बजे सिवान के पैतृक आवास दिवालिया लाया गया. सुबह से ही उनके परिजन सहित हजारों की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. सभी हाथ में तिरंगा लेकर देश और शहीदों के लिए नारे लगा रहे थे.

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शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा

शहीद के परिजनों से मिले स्वास्थ्य मंत्री
जैसे ही अमर शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर पहुंचा, भारत माता की जय, अमरजीत अमर रहे के नारों से इलाका गूंज गया. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई. अमर शहीद के शव के साथ आए बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. उन्होनें कहा कि हमें गर्व है कि आप एक शहीद के पिता हैं. सदियों तक अमर शहीद अमरजीत की अमर कथाएं गांव के लोगों के साथ पूरा देश भी याद रखेगा.

'अमरजीत अमर रहे' के नारों से गुंजा सिवान

लोगों की सरकार से अपील
गांव के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने गांव के सपूत की सहादत को सलामी दी. खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि कहा कि हमारा बेटा फौज में है. वो देश की रक्षा कर रहा है ये हमारे लिये गर्व की बात है. उन्होंने सरकार से शहीदों के नाम पर स्मारक, अस्पताल और स्कूल खोलने की मांग की, ताकि यहां के लोगों को सुविधा मिल सके और शहीदों को याद रखा जा सके.

सीवान: 17 जून को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में IED ब्लास्ट में सिवान का रहने वाले अमरजीत शहीद हो गए थे. शहीद अमरजीत हवलदार के पद पर तैनात थे. शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार देर रात उनके पैतृक आवास लाया गया. सूचना मिलने पर भारी संख्या लोग जुटे. शहीद के गांव में मातमी माहौल पसरा हुआ है.

अंतिम दर्शन के लिये उमड़ा जनसैलाब
72 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर देर रात 1 बजे सिवान के पैतृक आवास दिवालिया लाया गया. सुबह से ही उनके परिजन सहित हजारों की संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. सभी हाथ में तिरंगा लेकर देश और शहीदों के लिए नारे लगा रहे थे.

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शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पहुंचा

शहीद के परिजनों से मिले स्वास्थ्य मंत्री
जैसे ही अमर शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर उनके पैतृक आवास पर पहुंचा, भारत माता की जय, अमरजीत अमर रहे के नारों से इलाका गूंज गया. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई. अमर शहीद के शव के साथ आए बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. उन्होनें कहा कि हमें गर्व है कि आप एक शहीद के पिता हैं. सदियों तक अमर शहीद अमरजीत की अमर कथाएं गांव के लोगों के साथ पूरा देश भी याद रखेगा.

'अमरजीत अमर रहे' के नारों से गुंजा सिवान

लोगों की सरकार से अपील
गांव के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने गांव के सपूत की सहादत को सलामी दी. खुद को गौरवान्वित महसूस करते हुए कहा कि कहा कि हमारा बेटा फौज में है. वो देश की रक्षा कर रहा है ये हमारे लिये गर्व की बात है. उन्होंने सरकार से शहीदों के नाम पर स्मारक, अस्पताल और स्कूल खोलने की मांग की, ताकि यहां के लोगों को सुविधा मिल सके और शहीदों को याद रखा जा सके.

Intro:

नतमस्तक है यह वतन शहादत पर तेरी जहां में आज हर शख्स तुझसे छोटा नजर आता है ।


ये पंक्तियां आज उस सिपाही के लिए हमने लिखी है जो सिपाही देश के लिए देश की रक्षा में शहीद हुये है।  हमें गर्व है कि हम उस देश के वासी हैं जिस देश में आज भी भारतवासियों को सुकून से सोने के लिए सरहद पर तैनात हमारे फौजी जान से खेल  जाते हैं दिन हो या रात हो धूप हो या   बारिश हो आग के गोले गिर रहे हो । या फिर बर्फ पढ़ रहे हो सभी जगह हमारे सैनिक हमारी रक्षा में खड़े होते हैं आज  72 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर देर रात 1:00 बजे सीवान पैतृक आवास दिवालिया ले गया जहां सुबह से ही ताक लगाए बैठे परिवार वालों के साथ सैकड़ों नहीं बल्कि हजारों की संख्या में लोग अपने गांव के इस वीर शहीद सहित की अंतिम दर्शन के लिए खड़े थे तिरंगे लिए देश के नाम और शहीदों के लिए नारे लगा रहे थे लेकिन जैसे ही अमर शहीद अमरजीत का पार्थिव शरीर पैतृक घर पहुंचा घर की महिलाएं की चीज ओर  आंखों में सूख गए आंसू यह बयां कर रहे थे कि काश एक और ऐसा संतान होता जो देश के लिए लड़ता ।


बहरहाल अमर शहीद अमरजीत के पार्थिव शरीर को घर पहुंचते ही  भारत माता की जय अमरजीत अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गुलजार हो गया और फिर उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई अमर शहीद के शव के साथ है आये बिहार राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और यह कहा कि हमें गर्व है कि आप एक शहीद के पिता है।  सदियों सदियों तक अमर शहीद अमरजीत की अमर कथाएं गांव के लोगों के साथ साथ देश भी याद रखेगा


 गांव के प्रबुद्ध लोगों ने भी अपने गांव के सपूत के सहादत को सलामी दी और गौरवान्वित महसूस करते हुए यह कहा कि हमारा बेटा भी फौज में है जरूरत पड़ेगी तो देश के लिए वह भी जान देगा


बाइट मंगल पांडये स्वस्थ्य मंत्री बिहार 

बाइट          ग्रमीण जनता 





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