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बिहार: चमकी बुखार की डर से घर छोड़ रहे परिवार, अब तक 168 की मौत

इंसेफलाइटिस का कहर लगातार जारी है. आये दिन दर्जनों का तादाद में बच्चों की मौत हो रही है. बिहार के वैशाली के भगवानपुर के हरवंशपुर गांव में इंसेफलाइटिस के डर से लोग अपने बच्चों को गांव से बाहर भेज रहे हैं.

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Published : Jun 20, 2019, 10:58 AM IST

इंसेफलाइटिस के डर से पलायन कर रहे लोग

वैशाली: जिले के हरवंशपुर गांव के लोगों में दहशत का माहौल है. बच्चों की मौत के बढ़ते आकड़ों से लोग खौफ में जी रहे हैं. अबतक कुल मिलाकर इस जिले से दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है. खौफ के साये में जी रहे लोगों ने अपने बच्चों को गांव से बाहर भेज दिया है. कुछ बच्चे अपने ननिहाल तो कुछ किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. कोई भी अपने बच्चों को इस गांव में नहीं रखना चाहता है.

प्रशासन के रैवये से नाराज
सरकार और प्रशासन के रैवये से लोगों में खासा नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस जानलेवा बीमारी को लेकर सरकार की ओर से इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. अस्पताल जाने पर डॉक्टर इन्हें दवा की पर्ची थमा देते हैं. इस चिलचिलाती धूप में ये अपने बीमार बच्चे को गोद में लिये इधर-उधर भटकते रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के बीच नहीं चलाया गया जागरूकता अभियान
सरकार की ओर से इन्हें ओआरएस भी नहीं दिया गया है. इस भयंकर बीमारी को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है. इनका कहना है कि अगर सरकार सही समय पर लोगों को जागरूक करती तो शायद इतने बच्चे काल की गाल में नहीं समाते.

vaishali
इंसेफलाइटिस के डर से पलायन कर रहे लोग

सुध लेने नहीं आता कोई
चुनाव जैसे ही नजदीक आता है नेताओं को जनता याद आती है. मंत्री से लेकर विधायक तक सभी लोगों का दरवाजा खटखटाते हैं. लेकिन आज जब लोगों को मदद की जरूरत है तो सब मुंह छिपाये बैठे हैं. गांव के मुखिया भी इनका हालचाल पूछने नहीं आए.

बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का भी यहां घोर अभाव है. चापाकल सूखे पड़े हैं. लोग बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं. यहां न तो अस्पताल की सुविधा है और न ही एंबुलेंस की. लोग हताश और परेशान हैं. ऐसे में लोगों की मांग है कि यहां एक मेडिकल टीम गठित की जाए और लोगों के बीच इंसेफलाइटिस को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जाए.

वैशाली: जिले के हरवंशपुर गांव के लोगों में दहशत का माहौल है. बच्चों की मौत के बढ़ते आकड़ों से लोग खौफ में जी रहे हैं. अबतक कुल मिलाकर इस जिले से दर्जनों बच्चों की मौत हो चुकी है. खौफ के साये में जी रहे लोगों ने अपने बच्चों को गांव से बाहर भेज दिया है. कुछ बच्चे अपने ननिहाल तो कुछ किसी अन्य रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं. कोई भी अपने बच्चों को इस गांव में नहीं रखना चाहता है.

प्रशासन के रैवये से नाराज
सरकार और प्रशासन के रैवये से लोगों में खासा नाराजगी है. लोगों का कहना है कि इस जानलेवा बीमारी को लेकर सरकार की ओर से इन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. अस्पताल जाने पर डॉक्टर इन्हें दवा की पर्ची थमा देते हैं. इस चिलचिलाती धूप में ये अपने बीमार बच्चे को गोद में लिये इधर-उधर भटकते रहते हैं.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के बीच नहीं चलाया गया जागरूकता अभियान
सरकार की ओर से इन्हें ओआरएस भी नहीं दिया गया है. इस भयंकर बीमारी को लेकर ग्रामीणों के बीच जागरूकता अभियान भी नहीं चलाया गया है. इनका कहना है कि अगर सरकार सही समय पर लोगों को जागरूक करती तो शायद इतने बच्चे काल की गाल में नहीं समाते.

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इंसेफलाइटिस के डर से पलायन कर रहे लोग

सुध लेने नहीं आता कोई
चुनाव जैसे ही नजदीक आता है नेताओं को जनता याद आती है. मंत्री से लेकर विधायक तक सभी लोगों का दरवाजा खटखटाते हैं. लेकिन आज जब लोगों को मदद की जरूरत है तो सब मुंह छिपाये बैठे हैं. गांव के मुखिया भी इनका हालचाल पूछने नहीं आए.

बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का भी यहां घोर अभाव है. चापाकल सूखे पड़े हैं. लोग बूंद-बूंद पानी के लिये तरस रहे हैं. यहां न तो अस्पताल की सुविधा है और न ही एंबुलेंस की. लोग हताश और परेशान हैं. ऐसे में लोगों की मांग है कि यहां एक मेडिकल टीम गठित की जाए और लोगों के बीच इंसेफलाइटिस को लेकर जागरूकता अभियान चलाई जाए.

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