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जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को लोग मजबूर, प्रशासन बेपरवाह

गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड के मिश्रावली गांव के हजारों लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर आवागमन करते लोग
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Published : May 29, 2019, 12:41 PM IST

Updated : May 29, 2019, 12:56 PM IST

गोपालगंज: चुनाव आते ही मंत्री, विधायक विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते है, डिजिटल इंडिया की भी बात की जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.लोगो को आज भी मूलभूत सुविधा के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड़ती है.

रेलवे लाइन पार कर आवागमन करते लोग
हम बात कर रहे है बिहार के गोपालगंज की,जहां कुचायकोट प्रखण्ड के मिश्रावली गांव के हजारों लोग रेलवे लाइन पार कर आवागमन करते हैं. ऐसे में कब कैसी दुर्घटना हो जाये कोई नही जानता.

gopalganj
जान जोखिम में डालकर आवागमन करते लोग

ग्रामीणों को होती है परेशानी
एक ओर दाहा नदी तो दूसरी ओर रेलवे लाइन के बीच बसा यह गांव के लोगों के लिए समस्या बना हुआ है. मुश्किलें तब और बढ़ जाती है जब दाहा नदी अपने उफान पर होती है, जिससे यहां के लोग अपने ही गांव में कैद हो जाते है.

कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
स्थानीय लोगों की माने तो इस गांव में सासामुसा या गोपालगंज जाने के लिए 10 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है चाहे मरीजों की दवा करानी हो या बच्चों को स्कूल जाना हो. हालांकि गांव के बगल में ही एनएच है,.बाजार भी है. लेकिन, समस्या यह है कि गांव से निकलने के लिए दूसरा कोई रास्ता नही. मजबूरन लोगों को रेलवे लाइन पार कर बाजार जाना पड़ता है. ऐसे में कब बड़ी दुर्घटना ही जाए कोई नही जानता.

जान जोखिम में डालकर आवागमन करते लोग

प्रशासन बेसुध
कई बार अधिकारियों से सड़क बनाने और दाहा नदी पर पुल बनाने की मांग की गई लेकिन कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस संदर्भ में जब प्रखण्ड विकास पदाधिकारी दीपचंद्र जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

गोपालगंज: चुनाव आते ही मंत्री, विधायक विकास की बड़ी-बड़ी बातें करते है, डिजिटल इंडिया की भी बात की जाती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है.लोगो को आज भी मूलभूत सुविधा के लिए दर दर की ठोकरे खानी पड़ती है.

रेलवे लाइन पार कर आवागमन करते लोग
हम बात कर रहे है बिहार के गोपालगंज की,जहां कुचायकोट प्रखण्ड के मिश्रावली गांव के हजारों लोग रेलवे लाइन पार कर आवागमन करते हैं. ऐसे में कब कैसी दुर्घटना हो जाये कोई नही जानता.

gopalganj
जान जोखिम में डालकर आवागमन करते लोग

ग्रामीणों को होती है परेशानी
एक ओर दाहा नदी तो दूसरी ओर रेलवे लाइन के बीच बसा यह गांव के लोगों के लिए समस्या बना हुआ है. मुश्किलें तब और बढ़ जाती है जब दाहा नदी अपने उफान पर होती है, जिससे यहां के लोग अपने ही गांव में कैद हो जाते है.

कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना
स्थानीय लोगों की माने तो इस गांव में सासामुसा या गोपालगंज जाने के लिए 10 किलोमीटर की लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है चाहे मरीजों की दवा करानी हो या बच्चों को स्कूल जाना हो. हालांकि गांव के बगल में ही एनएच है,.बाजार भी है. लेकिन, समस्या यह है कि गांव से निकलने के लिए दूसरा कोई रास्ता नही. मजबूरन लोगों को रेलवे लाइन पार कर बाजार जाना पड़ता है. ऐसे में कब बड़ी दुर्घटना ही जाए कोई नही जानता.

जान जोखिम में डालकर आवागमन करते लोग

प्रशासन बेसुध
कई बार अधिकारियों से सड़क बनाने और दाहा नदी पर पुल बनाने की मांग की गई लेकिन कभी किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इस संदर्भ में जब प्रखण्ड विकास पदाधिकारी दीपचंद्र जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है. जानकारी मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:एक ओर जहां हमारा देश विकासशील देश के रूप में अग्रसर है साथ ही डिजिटल इंडिया की बात की जाती है लेकिन इस डिजिटल इंडिया में आज भी लोगो को मूलभूत सुविधा के लिए दर दर की ठोकरे खाना व जान हथेली पर रखना पड़ता है। हम बात् कर रहे है बिहार के गोपालगंज की जहाँ कुचायकोट प्रखण्ड के मिश्रावली गांव के हजारो लोगो का आवागमन रेलवे लाइन पार कर होता है ऐसे में कब बड़ी दुर्घटना हो जाये कोई नही जानता। दरअसल इस गांव में एक ओर दाहा नदी तो दूसरी ओर रेलवे लाइन के बीच बसा यह गांव के लोगो के लिए समस्या तब और बढ़ जाती है जब दाहा नदी अपने उफान पर होती है जिससे यहां के लोग अपने ही गांव में कैद हो जाते है। स्थानीय लोगो के माने तो इस गांव में सासामुसा या गोपालगंज जाने के लिए 10 किलो मीटर की लम्बी दूरी तय करनी पड़ती है मरीजो की दवा कराना हो या बच्चो को स्कूल जाना हो। लेकिन गांव के बगल में ही nh व बाजार है लेकिन समस्या यह है कि गांव से निकलने के लिए दूसरा कोई रास्ता नही है मजबूरन रेलवे लाइन पार कर बाजार या सड़क तक पहुँचते है। ऐसे में कब बड़ी दुर्घटना ही जाए कोई नही जानता। कई बार अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों से सड़क बनाने व दाहा नदी पर पुल बनाने की मांग की गई लेकिन आज तक।किसी ने इस ओर ध्यान देना उचित नही समझा। वही इस संदर्भ में जब प्रखण्ड विकास पदाधिकारी दीपचंद्र जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस बारे में जानकारी नही है इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर उचित कार्यवाही कि जाएगी।


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Last Updated : May 29, 2019, 12:56 PM IST
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