मधुबनी: बरसात आने से पहले जिला पदाधिकारी ने जिला के नगर निकाय के नालों की सफाई करने के आदेश दिए हैं. बावजूद इसके नाले की सफाई नहीं की जा रही है. नालों में गंदगी का ढेर लगा हुआ है जिससे नाला पूरी तरह से जाम हो गया है. नाला जाम होने से बरसात के समय में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
गंदगी का लगा अंबार
ये पूरा मामला नगर पंचायत झंझारपुर का है. झंझारपुर के वॉर्ड नंबर 8 और 9 में नालों की सफाई नहीं की जा रही है. वार्ड नंबर 9 के लोगों का कहना है कि यहां नाले की सफाई कभी नहीं की जाती है. नाले से दुर्गंध आती है जिससे जीमा मुहाल हो गया है. इससे महामारी फैलने की संभावना प्रबल दिख रही है.
सफाई के नाम पर खानापूर्ति
सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है. जबकि सफाई के नाम पर नगर पंचायत प्रशासन 5 लाख रूपये से अधिक मासिक खर्च कर रही है. हर नाले में कूड़ा करकट का ढेर लगा हुआ है. गंदगी के कारण मच्छरों की आबादी काफी बढ़ गई है. तरह-तरह की बीमारी होने की भी संभावना बढ़ गई है.
जिला पदाधिकारी के आदेश की उड़ रही धज्जियां
इस मामले पर झंझारपुर के उपाध्यक्ष वीरेंद्र नारायण भंडारी से पूछा गया तो वो बचते नजर आए. उन्होनें कहा कि जिला पदाधिकारी की ओर से नाली की साफ-सफाई का आदेश जारी किया गया है. नगर निगम इसपर पहल भी कर रही है. लेकिन यहां तो उपाध्यक्ष महोदय के घर के पास के नाले का भी वही हाल है. ऐसे में कहा जा सकता है कि यहां जिलाधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है.