मुजफ्फरपुर: सरकार और अस्पताल प्रशासन एईएस से पीड़ित बच्चों के इलाज के मद्देनजर समुचित व्यवस्था होने की बात करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. मुजफ्फरपुर के SKMCH में इलाज कराने आये बच्चों के परिजनों की मानें तो उन्हें अस्पताल की ओर से कोई बुनियादी सुविधाएं नहीं दी जा रही है.
जरा तरस खाईए साहब!
मुजफ्फरपुर के अलावा कई अन्य जिलों से लोग अपने बच्चे को लेकर SKMCH पहुंच रहे हैं. इनमें से बहुत बच्चे ऐसे हैं जिनकी स्थिति काफी गंभीर है. डॉक्टर उन्हें भर्ती करने की बजाय उनके परिजनों को दवा की पुर्जी थमा कर अपना रास्ता साफ कर ले रहे हैं. परिजन गोद में बच्चे लिए और हाथों में दवा की पुर्जी लेकर इस चिलचिलाती धुप में भटकने को विवश हैं.
परिजनों को नहीं मिल रहा ओआरएस
परिजनों का कहना है कि अस्पताल की ओर से दवा नहीं दी जा रही है और न ही ग्रसित बच्चों को ओआरएस दिया जा रहा है. जबकि सरकार की ओर से घर-घर तक ओआरएस पहुंचाने की बात कही गई थी. चारों ओर महामारी फैल चुकी है. कई बच्चों की अब तक जान जा चुकी है. इसके बावजूद कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें एईएस के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
लोगों के बीच जागरूकता की कमी
एईएस क्या है, इसके लक्षण क्या है, कैसै इससे बचा जा सकता है, इनसब की इन्हें कोई जानकारी नहीं है. लोगों की मानें तो अभी तक किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा इन्हें जागरूक नहीं किया गया है. जब चुनाव आता है तब सरकारी बाबू प्रत्येक गांव का निरीक्षण करते हैं, लोगों से वोट देने की अपील करते हैं. लेकिन आज जब लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की बात सामने आ रही है तो सभी अपना मुंह छिपाएं घरों में दुबके हुएं हैं.