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अमरनाथ गामी का छलका दर्द, कहा- 'मुख्यमंत्री जी, सब दिन होत ना एक समाना' - अमरनाथ गामी

जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने कहा कि सत्य बोलने पर उन्हें पद से हटाया गया है. सब दिन एक समान नहीं होता है. उन्होंने कहा कि ब्लॉग पर सरकार की व्यवस्था पर लिखने-पढ़ने की मुझे आदत है और वह मैं करता रहूंगा.

सभापति पद से हटाए जाने पर अमरनाथ गामी का छलका दर्द
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Published : Jun 20, 2019, 1:08 PM IST

दरभंगा: हायाघाट विधानसभा के जदयू विधायक अमरनाथ गामी को सभापति के पद से हटाये जाने के बाद उन्होंने प्रेस वार्ता की. इस मौके पर उन्होनें कहा कि सत्य बोलने पर उन्हें पद से हटाया गया है जबकि मेरा पद 31 मार्च 2020 तक के लिए नोटिफाइड था.

सत्य बोलने पर पद से हटाया गया- अमरनाथ गामी
गामी ने बताया कि मानवीय संवेदना दिखाते हुए मैंने मुजफ्फरपुर की घटना पर एक बयान दिया था. मैंने कहा था कि प्रत्येक साल गरीब बच्चे मरते हैं और हम लोग मातम पोशी कर चले आते हैं. जरूरत है इसके समाधान की, विशेषज्ञ डॉक्टरों की. मुझे इसी वजह से ये पद से हटाया गया है.

अमरनाथ गामी, विधायक, जेडीयू

सरकार को दी सलाह
अस्पताल में बेड की कमी पर उन्होनें कहा कि मुजफ्फरपुर जिले में जितने भी विवाह भवन हैं सरकार उसे ऐडॉप्ट करे. सरकर को उन्होंने सलाह दी कि बाहर से डॉक्टरों की टीम को बुलाइए. दूसरे राज्यों से डॉक्टर का सहयोग लीजिए. एक से दो महीने उनको यहां रोकिए. जितने भी ट्रेन्ड नर्स हैं उन्हें हायर कीजिए. ऐसा करने से एक दिन में एक हजार बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा.

अमरनाथ गामी, विधायक, जेडीयू

'जब पार्टी निकाल देगी, सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा'
सभापति के पद से हटाए जाने के सवाल पर अमरनाथ गामी ने कहा कि नेता और नीति के साथ हम हमेशा रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी रखेगी, तब तक मैं पार्टी में रहूंगा. जब पार्टी निकाल देगी तब कहीं नहीं जाऊंगा. एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा. उन्होंने कहा कि अपने ब्लॉग पर सरकार की व्यवस्था पर लिखने पढ़ने की मुझे आदत है और वह हम करते रहेंगे. वह मेरी पहचान है. वो कभी नहीं मिटेगी. सब दिन एक समान नहीं होता. आज नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, हो सकता है 2020 में कोई और हो.

दरभंगा: हायाघाट विधानसभा के जदयू विधायक अमरनाथ गामी को सभापति के पद से हटाये जाने के बाद उन्होंने प्रेस वार्ता की. इस मौके पर उन्होनें कहा कि सत्य बोलने पर उन्हें पद से हटाया गया है जबकि मेरा पद 31 मार्च 2020 तक के लिए नोटिफाइड था.

सत्य बोलने पर पद से हटाया गया- अमरनाथ गामी
गामी ने बताया कि मानवीय संवेदना दिखाते हुए मैंने मुजफ्फरपुर की घटना पर एक बयान दिया था. मैंने कहा था कि प्रत्येक साल गरीब बच्चे मरते हैं और हम लोग मातम पोशी कर चले आते हैं. जरूरत है इसके समाधान की, विशेषज्ञ डॉक्टरों की. मुझे इसी वजह से ये पद से हटाया गया है.

अमरनाथ गामी, विधायक, जेडीयू

सरकार को दी सलाह
अस्पताल में बेड की कमी पर उन्होनें कहा कि मुजफ्फरपुर जिले में जितने भी विवाह भवन हैं सरकार उसे ऐडॉप्ट करे. सरकर को उन्होंने सलाह दी कि बाहर से डॉक्टरों की टीम को बुलाइए. दूसरे राज्यों से डॉक्टर का सहयोग लीजिए. एक से दो महीने उनको यहां रोकिए. जितने भी ट्रेन्ड नर्स हैं उन्हें हायर कीजिए. ऐसा करने से एक दिन में एक हजार बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा.

अमरनाथ गामी, विधायक, जेडीयू

'जब पार्टी निकाल देगी, सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा'
सभापति के पद से हटाए जाने के सवाल पर अमरनाथ गामी ने कहा कि नेता और नीति के साथ हम हमेशा रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी रखेगी, तब तक मैं पार्टी में रहूंगा. जब पार्टी निकाल देगी तब कहीं नहीं जाऊंगा. एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा. उन्होंने कहा कि अपने ब्लॉग पर सरकार की व्यवस्था पर लिखने पढ़ने की मुझे आदत है और वह हम करते रहेंगे. वह मेरी पहचान है. वो कभी नहीं मिटेगी. सब दिन एक समान नहीं होता. आज नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, हो सकता है 2020 में कोई और हो.

Intro:हायाघाट विधानसभा के जदयू विधायक अमरनाथ गामी को सभापति के पद से हटाने के बाद, उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि बिना कारण पूछे सत्य बोलने पर उनको पद से हटा दिया गया है। जबकि मेरा पद 31 मार्च 2020 तक के लिए नोटिफाइड था। पद से हटाने के पीछे उन्होंने कारण बताया कि कल मैंने मानवीय संवेदना दिखाते हुए, मैंने मुजफ्फरपुर की घटना एक बयान दिया था, जिसमें मैंने कहा था कि प्रत्येक साल गरीब बच्चे मरते हैं और हम लोग मातम पोशी कर के चले आते हैं। लेकिन जरूरत है इसके समाधान की, विशेषज्ञ डॉक्टरों की। वहीं उन्होंने कहा कि आप लोगों के सवाल पर मैंने कहा था कि मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को अस्पताल में बिल्कुल नहीं जाना चाहिए क्योंकि वीआईपी मूवमेंट से व्यवस्था होती है।


Body:वहीं उन्होंने अस्पताल में बेड की कमी पर मीडिया के माध्यम से सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि जितनी भी मुजफ्फरपुर जिले में विवाह भवन है उसको ऐडप कीजिए और बाहर से सेना का डॉक्टर को बुलाइए दूसरे राज्यों से डॉक्टर का सहयोग लीजिए एक से दो महीना उनको यहां रोकिए जितना भी ट्रेन्ड नर्स है उनको हायर कीजिए। एक दिन आपका एक हजार बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा।

साथ ही सभापति के पद से हटाए जाने वाले सवाल पर कहा कि नेता और नीति के साथ हम हमेशा रहेगे। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी रखेगी, तब तक मैं पार्टी में रहूंगा, जब पार्टी निकाल देगी तब कहीं नहीं जाएंगे और सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करेंगे। वहीं उन्होंने इशारों इशारों में कहा कि मैं बचपन से आरएसएस से जुड़ा हुआ हूं उस पहचान के तहत और पूर्व विधायक के तौर पर अपने ब्लॉग पर व्यवस्था पर लिखने पढ़ने का आदत है। व्यवस्था पर आलोचना करने की आदत है। सिस्टम पर लिखने की आदत है। वह हम करते रहेंगे, वह मेरी पहचान है वह पहचान नहीं मिटेगी।


Conclusion:वहीं उन्होंने बिना नाम लिए नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि दरभंगा में कितने शक्तिशाली नेता हुआ करते थे। जो विधायक का टिकट बांटने का काम करते थे। लेकिन आज वे लोग कहां है। लालू जी कहां है, जगरनाथ मिश्रा कहां है। सब दिन एक समान नहीं होता है। हम यह नहीं कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री जी कहां रहेंगे। सब दिन यही मुख्यमंत्री रहेंगे यह संभव भी नहीं है। इसको आलोचना से देखने की जरूरत नहीं है। हो सकता है 2020 आपका नहीं हो।

Byte -------------- अमरनाथ गामी, जदयू विधायक हायाघाट विधानसभा
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