दरभंगा: हायाघाट विधानसभा के जदयू विधायक अमरनाथ गामी को सभापति के पद से हटाये जाने के बाद उन्होंने प्रेस वार्ता की. इस मौके पर उन्होनें कहा कि सत्य बोलने पर उन्हें पद से हटाया गया है जबकि मेरा पद 31 मार्च 2020 तक के लिए नोटिफाइड था.
सत्य बोलने पर पद से हटाया गया- अमरनाथ गामी
गामी ने बताया कि मानवीय संवेदना दिखाते हुए मैंने मुजफ्फरपुर की घटना पर एक बयान दिया था. मैंने कहा था कि प्रत्येक साल गरीब बच्चे मरते हैं और हम लोग मातम पोशी कर चले आते हैं. जरूरत है इसके समाधान की, विशेषज्ञ डॉक्टरों की. मुझे इसी वजह से ये पद से हटाया गया है.
सरकार को दी सलाह
अस्पताल में बेड की कमी पर उन्होनें कहा कि मुजफ्फरपुर जिले में जितने भी विवाह भवन हैं सरकार उसे ऐडॉप्ट करे. सरकर को उन्होंने सलाह दी कि बाहर से डॉक्टरों की टीम को बुलाइए. दूसरे राज्यों से डॉक्टर का सहयोग लीजिए. एक से दो महीने उनको यहां रोकिए. जितने भी ट्रेन्ड नर्स हैं उन्हें हायर कीजिए. ऐसा करने से एक दिन में एक हजार बेड का अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा.
'जब पार्टी निकाल देगी, सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा'
सभापति के पद से हटाए जाने के सवाल पर अमरनाथ गामी ने कहा कि नेता और नीति के साथ हम हमेशा रहेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक पार्टी रखेगी, तब तक मैं पार्टी में रहूंगा. जब पार्टी निकाल देगी तब कहीं नहीं जाऊंगा. एक सामाजिक कार्यकर्ता बनकर काम करूंगा. उन्होंने कहा कि अपने ब्लॉग पर सरकार की व्यवस्था पर लिखने पढ़ने की मुझे आदत है और वह हम करते रहेंगे. वह मेरी पहचान है. वो कभी नहीं मिटेगी. सब दिन एक समान नहीं होता. आज नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं, हो सकता है 2020 में कोई और हो.